अहमदाबाद: शहर के बोपल इलाके में सीवर के मैनहोल में दम घुटने से दो दलित युवकों की दर्दनाक मौत के मामले में पुलिस ने अब तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना 5 सितंबर को हुई थी, जिसमें 20 वर्षीय विकास लालबहादुर कोरी और 21 वर्षीय कन्हैयालाल खुशीराम कोरी की जान चली गई थी।
इस मामले में पहले केवल लेबर कॉन्ट्रैक्टर को ही आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए साइट कॉन्ट्रैक्टर और साइट इंजीनियर को भी आरोपी बनाया है और उनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने मृतक विकास के पिता लालबहादुर छोटेलाल कोरी (48) की शिकायत पर बोपल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की है। उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले लालबहादुर ने बताया कि उनका बेटा विकास पिछले तीन साल से अहमदाबाद में प्लंबर का काम कर रहा था।
उन्होंने अपनी शिकायत में जो दर्द बयां किया है, वह दिल दहला देने वाला है। लालबहादुर ने बताया कि 6 सितंबर को उन्हें उनके रिश्तेदार अनीश का फोन आया। अनीश ने बताया कि विकास और उसके दोस्त कन्हैयालाल को बोपल में 'द गार्डन बंग्लोज' के पास एक सीवर (गटर) में उतरने के लिए कहा गया था, जहाँ विकास बेहोश हो गया। उन्हें यह भी बताया गया कि विकास को इलाज के लिए एम्बुलेंस से घर भेजा जाएगा। लेकिन जब अगले दिन, 7 सितंबर को, एम्बुलेंस अमेठी में उनके घर पहुँची, तो उसमें से विकास का बेजान शरीर उतारा गया।
जब लालबहादुर ने अनीश से मौत की वजह पूछी, तो सच्चाई सामने आई। FIR के अनुसार, 5 सितंबर को दोपहर करीब 1:30 बजे, ठेकेदार मुकेशकुमार सोमेश्वर अदालत ठाकुर एक प्रेशर मशीन लेकर आया और विकास को गटर साफ करने के लिए नीचे उतरने को कहा। सबसे गंभीर बात यह थी कि विकास को कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं दिया गया था।
जैसे ही विकास गटर में उतरा, वह जहरीली गैस के कारण बेहोश हो गया। उसे बचाने के लिए उसका दोस्त कन्हैयालाल भी अंदर गया, लेकिन वह भी बेहोश होकर गिर पड़ा। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने तुरंत फायर डिपार्टमेंट को बुलाया, जिन्होंने दोनों को बाहर निकाला और पास के एक निजी अस्पताल ले गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने दोपहर 3:40 बजे कन्हैयालाल को और रात 10:40 बजे विकास को मृत घोषित कर दिया।
अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के SC/ST सेल के पुलिस उपाधीक्षक (DySP) तपसिन डोडिया ने गुरुवार को बताया कि दोनों युवकों को एक निर्माण स्थल की निजी सीवर लाइन पर काम करने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा, "वह काम खत्म करने के बाद, उन्हें उस लाइन को नगर निगम की मुख्य सीवर लाइन से जोड़ना था, लेकिन बारिश के कारण लाइन जाम हो गई थी। हमारी जांच में पता चला है कि इसके बाद दोनों युवकों को निजी सीवर को मुख्य लाइन से जोड़ने वाली जाम लाइन को साफ करने के लिए कहा गया, और इसी दौरान यह दुखद हादसा हुआ।"
पुलिस ने ठेकेदार मुकेशकुमार सोमेश्वर अदालत ठाकुर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) और 125 (मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, उस पर 'मैला ढोने वाले कर्मियों के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम' की धारा 7 और 9 तथा 'अत्याचार अधिनियम' की धारा 3(2)(v) भी लगाई गई है।
DySP डोडिया ने आगे बताया, "हमने बिहार के रहने वाले लेबर कॉन्ट्रैक्टर ठाकुर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। अब इस मामले में दो और लोगों, साइट कॉन्ट्रैक्टर सौरभ पांचाल और साइट इंजीनियर जयनिल को भी आरोपी बनाया गया है। हम उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।"
पुलिस ने यह भी बताया कि जब उन्होंने साइट के बिल्डर की भूमिका की जांच की, तो पता चला कि उसे इस काम के होने की जानकारी ही नहीं थी।
इस तरह की घटनाओं पर काम करने वाले 'मानव गरिमा' एनजीओ के परषोत्तम वाघेला का कहना है, "कानून बिल्कुल स्पष्ट है कि श्रमिकों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों, जिसमें प्रभारी सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
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