उत्तर प्रदेश: जातिवार जनगणना राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग- जयंत जिज्ञासु

जगनंदन यादव की पुण्यतिथि पर मेंहनगर में हुआ सामाजिक न्याय सम्मेलन, बिहार से लेकर सूबे से जुटे समाजवादी-बहुजनवादी नेता बुद्धिजीवी.
सम्मेलन में अपना सम्बोधन देत आरजेडी प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु।
सम्मेलन में अपना सम्बोधन देत आरजेडी प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु।The Mooknayak

आजमगढ़. समाजवादी नेता जगनंदन यादव की पुण्यतिथि के अवसर पर गत रविवार को 'हमारे नायक, हमारी विरासत, हमारा एजेंडा, हमारी दावेदारी' विषय पर सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन मां चंद्रावती देवी महिला पी.जी. कॉलेज मेंहनगर, आजमगढ़ में किया गया. जगनंदन यादव को पुष्पांजलि अर्पित की गई. सम्मलेन में जगनंदन यादव के परिवार के लोग शामिल हुए.

न्याय सम्मेलन में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जयन्त जिज्ञासु ने कहा कि सामाजिक न्याय का संघर्ष दरअसल आदमी से इंसान बनने की यात्रा का संघर्ष है. जाति जनगणना का प्रश्न राष्ट्रनिर्माण का प्रश्न है. सामाजिक समता व बंधुता का प्रश्न मनुष्यता का प्रश्न है और जातिवार जनगणना के हासिल को उसी की एक कड़ी के रूप में देखा जाना चाहिए. कर्पूरी ठाकुर, रामनरेश यादव, लालू प्रसाद, शरद यादव, मुलायम सिंह, कांशीराम व रामविलास पासवान जैसे नेताओं ने अपने समय में मुश्किल लड़ाई लड़ी.

तेजस्वी यादव ने अपने संकल्प के बूते बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जाति आधारित गणना कराकर देश भर में एक मिसाल पेश की है. अखिलेश यादव, स्टालिन, सिद्धारमैया, राहुल गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत इंडिया ब्लॉक के अनेक नेता आज राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार जनगणना कराने की बात स्पष्ट लहजे में कर रहे हैं.

क्यों सरकार जातिवार जनगणना नहीं करवा सकी?

दरअसल, जैसे ही सारी जातियों के सही आंकड़े सामने आ जाएंगे, वैसे ही शोषकों द्वारा गढ़ा गया यह नैरेटिव ध्वस्त हो जाएगा कि ओबीसी ईबीसी की हकमारी कर रहा है या ओबीसी दलित-आदिवासी की शोषक है. वे मुश्किल से जमात बने हज़ारों जातियों को फिर आपस में लड़ा नहीं पाएंगे और हर क्षेत्र में उन्हें आरक्षण व समुचित भागीदारी बढ़ानी पड़ेगी.

रिहाई मंच महासचिव किसान नेता राजीव यादव.
रिहाई मंच महासचिव किसान नेता राजीव यादव.The Mooknayqak

सिर्फ ओबीसी की ही क्यों, भारत की हर जाति के लोगों को गिना जाए. आखिर पता तो चले कि भीख मांगने वाले, रिक्शा खींचने वाले, ठेला लगाने वाले, फुटपाथ पर सोने वाले लोग किस समाज से आते हैं. उनके उत्थान के लिए सोचना वेलफेयर स्टेट की ज़िम्मेदारी है और इस भूमिका से वह मुंह नहीं चुरा सकता.

जातिवार जनगणना राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है. जो भी इसे अटकाना चाहते हैं, वे दरअसल इस देश के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं. हज़ारों सालों से जिनके पेट पर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी लात मारी गई है, उनकी प्रतिष्ठापूर्ण ज़िंदगी सुनिश्चित करना इस समाज व देश के सर्वांगीण विकास के लिए वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है.

सामाजिक आंदोलन के नेता डॉक्टर आर पी गौतम ने कहा कि भारतीय समाज के भीतर जातीय और लैंगिक असमानता है, इसे दूर किए बिना एक बेहतर समाज का निर्माण नही किया जा सकता है. इसलिए सामाजिक न्याय के योद्धाओं को हर तरह की असमानता के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी.

यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले महापुरुष ही हमारे ही हमारे लिए भगवान है. इसलिए अपने महापुरुषों को अपने दिलों में और अपने घरों में स्थान दीजिए, इसी से समाज को नया रास्ता मिलेगा. राष्ट्रीय बांस शिल्पी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार धरकार जी कहा कि जाति जनगणना कराए बिना सामाजिक न्याय नहीं हो सकता है. जाति आधारित हिंसा को बंद कराना होगा और रोटी बेटी का संबंध निर्माण करना होंगा.

स्वराज अभियान के किसान नेता रामजनम यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय सिर्फ आरक्षण नहीं बल्कि संसाधनों का न्याय संगत बटवारा है. इस देश पर बहुजन समाज का राज था हम भी राज व्यवस्था चलाए थे. इस देश को चलाने में हम आज भी सक्षम हैं. खेतिहर समाज और सामाजिक न्याय आंदोलन के लोग ही परिवर्तन कर सकते हैं.

जाति जनगणना, रोजगार, आबादी के अनुपात में हिस्सा, मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को लागू करने की मांग, महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा की गारंटी, किसानों द्वारा उत्पादित अनाज का न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की कानूनी गारंटी, निजीकरण बंद करने, निजी क्षेत्र में आरक्षण सम्मेलन के प्रमुख रहे.

कार्यक्रम के संयोजक परिवर्तन पाठशाला और मालवीय परिवार के विनोद यादव ने कहा कि समाजवादी, लोकतांत्रिक, संवैधानिक विचारों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले जगनन्दन यादव हमारे नायक हैं. सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम नारायण यादव ने किया. विनोद यादव, आकाश यादव, धर्मेंद्र चौहान, चंद्रेश यादव, डाक्टर राजेंद्र यादव, एडवोकेट विमला यादव, रविन्द्र यादव, पूर्व एमएलसी कमला प्रसाद यादव, वीरेंद्र यादव ने संबोधित किया.

सम्मेलन में रमाकांत यादव, सुहेल खान, नागेंद्र पासवान, निगम, संतोष, दिनेश पासी , उमेश पासवान, मनोज यादव, श्रीप्रकाश, अवधेश यादव, प्रशांत यादव, इंद्रदेव यादव, गंगा यादव, श्रवण यादव, शिवलाल यादव, योगेंद्र यादव, सिंटू यादव, महेंद्र यादव, रविन्द्र यादव, नंदलाल यादव, अवधु यादव आदि मौजूद थे. संचालन बाबा साहेब अंबेडकर वाहिनी समाजवादी के राष्ट्रीय सचिव रामजीत यादव और रिहाई मंच महासचिव किसान नेता राजीव यादव ने किया.

सम्मेलन में अपना सम्बोधन देत आरजेडी प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु।
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सम्मेलन में अपना सम्बोधन देत आरजेडी प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु।
यूपी सरकार बिहार की तर्ज पर जाति आधारित गणना कराएं, बहाना न बनाएं- रिहाई मंच
सम्मेलन में अपना सम्बोधन देत आरजेडी प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु।
आखिर रिहाई मंच को क्यों बंद कराना चाहती है यूपी एटीएस!

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