दुर्व्यवहार के आरोपों पर IIMC में हिंदी पत्रकारिता के छात्र आमने-सामने, महानिदेशक ने अनुशासन समिति को भेजा पत्र

भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC)
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC)

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) में हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि कक्षा में सवाल पूछे जाने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें माओवादी बताया जा रहा है। आरोप है कि यह सब शिक्षक के इशारों पर हो रहा। 

क्या है पूरा मामला?

पिछले गुरुवार को हिंदी पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे आशुतोष नामक छात्र ने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा है कि, "आईआईएमसी की हिंदी पत्रकारिता की कक्षा में ऐसा माहौल बना दिया गया है जहां सवाल करना खतरे से खाली नहीं लगता।" शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए छात्र आगे लिखता है कि, "कक्षा में अतार्किक, अवैज्ञानिक और असंवैधानिक बातें की जाती हैं, और इस पर सवाल करने पर कक्षा के दूसरे लोग, जिन्हें प्लेसमेंट का लोभ है, वो सवाल करने वाले को सुनियोजित और सुसंगठित रूप से धमकी देते हैं।"

छात्र का आरोप है कि "कक्षा में इस तरह का पोलराइजेशन नहीं था परन्तु जब से एक शिक्षक ने क्लास से कुछ लोगों को अपने पास बुलाकर यह बोला कि पीछे बैठने वाले छात्र वामपंथी लोग हैं, तब से पूरी कक्षा का रवैया हम लोगों के प्रति आक्रामक और दुर्भावनापूर्ण हुआ है।"

छात्रों ने कुछ इस तरह से किया विरोध
छात्रों ने कुछ इस तरह से किया विरोध फोटो साभार- सौरव सिंह

धरने पर बैठे छात्र

कक्षा में इस तरीके के वातावरण के खिलाफ कुछ छात्र धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे छात्रों ने द मूकनायक को बताया कि उन्होंने संस्थान के महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया और संस्थान के मुख्य-द्वार पर सिट-इन प्रोटेस्ट पर बैठ गए।

छात्रों की मांग थी कि संस्थान के महानिदेशक आएं और उन सभी छात्रों से बात करें और एक विश्वसनीय आश्वासन दें कि आगे से इस प्रकार की घटनाएं नहीं होंगी।

छात्रों ने बताया, "महानिदेशक धरना स्थल पर आए और छात्रों से बात की। उन्होंने छात्रों की शिकायत को डिसिप्लिनरी कमिटी को भेज दिया है और मामले की जांच के बाद उचित कारवाई का आश्वासन देते हुए छात्रों से धरना खत्म करने का आग्रह किया। जिसके बाद छात्रों ने धरने को खत्म किया।"

क्लास के अन्य स्टूडेंट्स ने क्या कहा!

द मूकनायक ने दूसरे पक्ष को जानने के लिए क्लास की ही एक अन्य छात्रा से इस घटना पर बात की। छात्रा ने बताया कि, गुरुवार को जो घटना हुई थी उसको लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है और इसे एक एजेंडे के तहत पेश किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कक्षा में हर विचार को मानने वाले छात्र हैं और हर किसी को सवाल पूछने की पूरी आजादी है। उस दिन कक्षा में सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था कि अचानक से पीछे बैठे आशुतोष नामक छात्र आगे आकर क्लास की ही एक अन्य छात्रा पर चिल्लाने लगते हैं, आशुतोष का आरोप था कि क्लास में ही आगे बैठी एक छात्रा ने उन्हें मिडिल फिंगर दिखाई थी व आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग उनके लिए किया था, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था।

छात्रा आगे कहती है, कक्षा में माओवादी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किसी भी छात्र के लिए नहीं किया गया है। यह सब झूठे व मनगढ़ंत आरोप हैं। प्रशासन को एक पत्र दिया गया है, जिसमें आशुतोष व कुछ अन्य छात्रों के खिलाफ कक्षा का वातावरण खराब करने के लिए उनपर कार्रवाई करने की मांग की गई है।

इस मामले में द मूकनायक को आईआईएमसी महानिदेशक डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि, "हिंदी पत्रकारिता के कुछ छात्र- छात्राओं के बीच विवाद हो गया था, इसको लेकर एक पक्ष धरने पर बैठ गया था, छात्रों से मिलकर उनकी शिकायत ली और धरना खत्म कराया। इस सम्बंध में दूसरे पक्ष ने भी शिकायती पत्र दिया है। दोनों पत्रों को अनुशासन समिति को उचित कार्यवाही के लिए अग्रेसित किया है।"

संस्थान के पूर्व छात्रों ने क्या कहा!

इस घटना के सामने आने के बाद यहां के पूर्व छात्रों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। संस्थान के पूर्व छात्र और हालही में आए "किसान आंदोलन ग्राउंड जीरो" किताब के लेखक मनदीप पुनिया अपनी प्रतिक्रिया में लिखते हैं, "आईआईएमसी में जो छात्र प्रोफेसरों से सवाल पूछते हैं उन्हें राइट विंग वाले छात्र चुप करवा देते हैं और उनसे हाथापाई भी करते हैं। वहां ज्यादातर प्रोफेसर अब राइट विंग से ही हैं। इस वजह से जो छात्र ऑब्जेक्टिवली पत्रकारिता की पढ़ाई करना चाह रहे, उन्हें तंग किया जा रहा।"

वहीं पूर्व छात्र व न्यूज 18 की मौजूदा पत्रकार सौम्या लिखती हैं, "आज से 6 महीने पहले इसी क्लासरूम में हम यानी 2021-22 बैच के बच्चे बैठा करते थे. आईआईएमसी को और खास तौर से अपने हिंदी पत्रकारिता की कक्षा को इस तरह से देखना बहुत दुखद है. पत्रकारिता जैसे संस्थान में अगर सवाल करने और अलग-अलग विचारधारा रखने से बच्चे आपस में इस तरह से लड़ने लगे तो... "।

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