
नई दिल्ली। देश भर से बीते 24 घण्टों में महिला उत्पीड़न से जुड़ी खबर सहित कई पॉजिटिव खबरें भी सामने आई हैं। द मूकनायक मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ में पढ़ें NEET की तैयारी कर रही छात्रा से रेप, यूपी में छात्रों से अतिरिक्त शुल्क लेने पर होगी कार्रवाई, सरकारी स्कूल बनाने के लिए टीचर ने दान कर दी अपनी जमीन और बहुत कुछ।
राजस्थान के कोटा (Kota) में कोचिंग कर रही NEET की छात्रा से बार-बार रेप (Rape) का मामला सामने आया है. छात्रा सिर्फ 15 साल की है. घटना का आरोपी हॉस्टल के मेस में खाना बनाने वाला लड़का है. कोटा शहर के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि लड़की बिहार की रहने वाली है और अपनी बहन के साथ यहां छात्रावास में रह रही थी. छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि खाना लाने वाले लड़के ने बार-बार उसका बलात्कार किया जबकि छात्रावास के मालिक ने इसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताने की धमकी दी. पीड़िता मदद के लिए हॉस्टल मालिक के पास पहुंची, तो उसने पहले उसे टिफिन पहुंचाने वाले लड़के से शादी करने के लिए मनाने की कोशिश की. पुलिस ने लड़के और मालिक के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, शहर के गोराबाजार स्थित अल्टरनेट स्कूल में आरटीई के तहत नामांकित छात्रों से शुल्क लिये जाने की शिकायत अभिभावकों ने किया। जिसके बाद बीएसए हेमंत राव ने सख्त निर्देश देते हुए अल्टरनेट स्कूल के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए प्रधानाचार्य को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया गया। इस प्रधानाचार्य ने बताया कि अभिभावकों से कंप्यूटर शुल्क, जनरेटर शुल्क, परीक्षा शुल्क लिये जाने की बात स्वीकार्य किया। जिसपर बीएसए ने प्रधानाचार्य से ली गई धनराशि वापस करने का निर्देश दिया। बीएसए हेमंत राव ने बताया कि विद्यालय के प्रबंधक सहित प्रधानाचार्य को अभिभावकों से ली गयी धनराशि लौटाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही भविष्य में ऐसा शिकायत मिलने पर विद्यालय से मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई करने का चेतावनी दिया।
झारखंड के पाकुड़ जिले में एक शिक्षक ऐसे भी हैं। सदर प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गंगारामपुर के शिक्षक मो. शहाबुद्दीन शेख समाज के लिए एक मिसाल हैं। उन्होंने इस स्कूल का भवन बनाने के लिए वर्ष 2006 में अपनी 10 कट्ठा जमीन दान कर दी। शहाबुद्दीन शेख की जमीन पर ही इस स्कूल का अब अपना दो मंजिला भवन है। इसे सरकार ने बनवाया है। यहां कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई होती है। एक छोटे से खपरैल के मकान में स्कूल चलता था। तकरीबन 150 बच्चे पढ़ते थे। जगह की कमी की वजह से छात्रों को बैठने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। यह बिल्कुल ही नई बस्ती थी। लोग दूसरे जगहों से आकर यहां बस रहे थे। आसपास स्कूल भी नहीं था। छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ रही थी।
आगे चलकर अभियान विद्यालय अपग्रेड होकर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हो गया। वर्ष 2006 में शहाबुद्दीन की बहाली इस स्कूल में हुई। भवन निर्माण के लिए अधिकारी जमीन तलाशने लगे, लेकिन कहीं भी सरकारी जमीन नहीं मिली। शहाबुद्दीन ने कहा, "मैं सोच में पड़ गया कि अगर भवन नहीं बना तो यहां के बच्चों का क्या होगा। तब मैंने परिवार में बात रखी और सभी ने मेरा समर्थन किया। फिर पहली बार पांच कट्ठा जमीन स्कूल को दान दी। आगे चलकर फिर जमीन की जरूरत पड़ी तो पांच कट्ठा और जमीन दे दी। इस जमीन पर अब दो मंजिला भवन बना है। अभी यहां 270 बच्चों का नामांकन है।" शहाबुद्दीन शेख अब इस स्कूल के प्रधान शिक्षक हैं।
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