मध्य प्रदेशः सरकार ने नहीं सुनी तो सड़कों पर उतर आए दिव्यांग, लंबित मांगों को लेकर कर रहे पदयात्रा

तीन महीने पहले भी निकाली थी पदयात्रा, मंत्री के आश्वासन पर खत्म किया था आंदोलन, सरकार ने नहीं की सुनवाई
मध्य प्रदेशः सरकार ने नहीं सुनी तो सड़कों पर उतर आए दिव्यांग, लंबित मांगों को लेकर कर रहे पदयात्रा

भोपाल। दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा एक बार फिर से शुरू हो चुकी है। 16 सूत्रीय मांगों को लेकर गुना जिले के राघोगढ़ से गुना कलेक्ट्रेट तक दिव्यांग स्वाभिमान पद यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा के दौरान तेज धूप और लगातार शारीरिक कमजोरी के चलते एक दिव्यांग अचेत होकर सड़क पर गिर गया। जिसे उसके साथियों ने संभाला। इससे पहले रविवार को एक दिव्यांग सड़क हादसे में घायल भी हो गया था। अब राष्ट्रीय दिव्यांग मंच ने कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो वह राजधानी भोपाल तक पदयात्रा करेंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर 2022 में यह यात्रा प्रदेश सरकार के पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के आश्वासन पर स्थगित की गई थी। उस वक्त 16 सूत्रीय मांगों को लेकर पदयात्रा कर रहे दिव्यागों के बीच जमीन पर बैठकर मंत्री ने तीन महीने में मांगांे पर विचार कर समाधान करने की बात कही थी, जिसके बाद दिव्यागों ने यात्रा को स्थगित कर दिया था। लेकिन जब उनकी मांगों पर सरकार द्वारा कोई विचार नहीं किया गया। तब एक बार फिर दिव्यागों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर यात्रा शुरू कर दी है।

गुना जिले में चल रही यात्रा में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के दिव्यांग शामिल हो रहे हैं। दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर 30 किलोमीटर की पदयात्रा राघोगढ़ से गुना कलेक्ट्रेट तक करेगी। इस आंदोलन को राष्ट्रीय विकलांग मंच ने भी समर्थन दिया है। ऐसे में अब यात्रा में और भी दिव्यागों की संख्या बढ़ने के आसार है।

दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा के मीडिया प्रभारी सुनील पंत ने बताया कि राष्ट्रीय विकलांग मंच की शाखा मध्य प्रदेश विकलांग मंच दिव्यांग स्वाभिमान पद यात्रा का समर्थन कर चुका है। यह संगठन हर जिले में दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा कर 16 सूत्रीय मांग पत्र कलेक्टर को सौंपेगा। जबकि गुना जिले से दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा की टीम भोपाल तक यात्रा करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। सुनील ने बताया कि यात्रा में शामिल कालूराम सेन की दुर्घटना के बाद पदयात्रा 1 दिन के लिए रोक दी गई थी। ज्ञापन सौंपने के दिनांक में परिवर्तन करते हुए इसे आगे बढ़ा दिया है।

यह है प्रमुख मांगें

-दिव्यांग पेंशन 5 हजार और आत्मनिर्भर होने के लिए 5 लाख का लोन अनिवार्य किया जाए।

-दिव्यांग अधिनियम में अत्याचारों के अपराध के लिए दंड की व्यवस्था हो।

-पंचायत से संसद तक अलग प्रतिनिधित्व मिले।

-आयुक्त व मुख्य आयुक्त पदों पर दिव्यांग ही नियुक्त हो।

-दिव्यांगों के लिए आरक्षित पद भरे जाएं। आउट सोर्स भर्ती में 20 फीसदी आरक्षण हो।

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