मध्य प्रदेश: सैकड़ों लोगों ने किए तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन, देखता रह गया 'प्रशासन'

अनुमति के बिना ही आयोजित हुआ अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन, छुट्टी स्वीकृत नहीं देने पर इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने दी थी चेतावनी- "खलल डाली तो करेंगे आंदोलन"
सर्वधर्म सम्मेलन में मौजूद अतिथि।
सर्वधर्म सम्मेलन में मौजूद अतिथि।The Mooknayak

भोपाल। मध्य प्रदेश बैतूल के आमला में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म सम्मेलन आयोजित हुआ। कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री सहित 11 देशों के शांतिदूत व थाईलैण्ड के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु अतिथि के रूप में शामिल हुए। सम्मलेन में देशभर से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी भी पहुँचे। यह कार्यक्रम पिछले दो दिनों से चर्चाओं में था क्योंकि आयोजन में शामिल होने की अनुमति न मिलने से छतरपुर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं स्थानीय प्रशासन की अनुमति न मिलने के बाबजूद भी आयोजकों ने सम्मेलन आयोजित किया।

बता दें कि आयोजकों के द्वारा अनुमति के लिए स्थानीय प्रशासन को पत्र दिया गया था। लेकिन प्रशासन ने कार्यक्रम के एक दिन पहले ही परमिशन देने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार एसपी के प्रतिवेदन के बाद प्रशासन ने कार्यक्रम को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कार्यक्रम आयोजन की अनुमति को लेकर मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में जिला प्रशासन ने पुलिस अधीक्षक बैतूल से विस्तृत प्रतिवेदन और अभिमत प्राप्त किया गया।

एसपी की मशविरा पर नहीं दिया कार्यक्रम के लिए परमिशन

अपर जिला दण्डाधिकारी बैतूल द्वारा जारी आदेश में एसपी बैतूल के प्रतिवेदन का हवाला देकर अनुमति नहीं देने के कारण भी बताए गए हैं। अपर जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन का उल्लेख किया कि उक्त कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री एवं 11 देशों के शांतिदूत व थाईलैण्ड के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु सम्मिलित होने वाले है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति केंद्र आमला के द्वारा जो सूचना पत्र प्रस्तुत किया है। उसमें वीजा की अनुमति व प्रकृति के संबंध में प्रपत्र संलग्न नहीं किया है। इसके साथ ही विदेशी नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में शासन से दिशा निर्देश भी प्राप्त नहीं हुए है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया है, कि कार्यक्रम स्थल हवाई पट्टी आमला एयरफोर्स स्टेशन है जो कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसी स्थिति में दस्तावेजों के अभाव में विदेशी नागरिकों की उपस्थिति में 25 जून को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अनुमति दिया जाना उचित नहीं है। अनुमति नहीं मिलने के बाद भी आयोजकों ने कार्यक्रम किया। मुख्य भूमिका निभा रही पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने प्रशासन पर षड्यंत्र के आरोप लागए है। वहीं प्रशासन ने कार्यक्रम पर कड़ी नजर रखी और सम्मेलन की वीडियोग्राफी भी कराई है।

यह अतिथि हुए कार्यक्रम में शामिल

सर्व धर्म सम्मेलन के साथ पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के गृह प्रवेश का आयोजन भी किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। गगन मलिक फाउंडेशन इंडिया सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्वशांति पुरस्कार समारोह- में प्रमुख रुप से श्रीलंका के न्यायमंत्री विजयदासा राजपक्षे, नवीन गुणरत्ने अध्यक्ष लाइट एशिया फाउंडेशन श्रीलंका, सोक्या चोम, पर्सनल असिटेंट प्रधानमंत्री कार्यालय गगन मलिक फाउंडेशन के हेड डॉ. गगन मलिक श्रीलंका, वर्ल्ड अलाइंस ऑफ बुद्धिस्ट के अध्यक्ष डॉ. पोर्नचाई पियापोंग थाईलैंड, सिस्टर मिथिला बांग्लादेश, साबुज बरुवा बांग्लादेश, सिस्टर नीनिये म्यांमार, डॉ. ली कीट यांग दुबई, फाई यान व्हियतनाम, डॉ. योंग मून साउथ कोरिया, कैप्टन नटकीट थाईलैंड, डॉ.पोंगसांग थाइलैंड और अन्य देश के विदेशी मेहमान सहित कार्यक्रम के संयोजक सुरेश अग्रवाल, मोहन बाकोड़े भी मौजूद थे।

तथागत बुद्ध की अस्थियों के किए दर्शन

अंतराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन में थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध की अस्थियां लेकर पहुँचे। इनके दर्शन के लिए देशभर के विभिन्न स्थानों से बौद्ध भिक्षु और बौद्ध अनुयायी शामिल हुए। बांगरे के गृह प्रवेश कार्यक्रम के दौरान गगन मलिक द्वारा तथागत बुद्ध की अस्थियों का कलश स्थापित किया गया। इस कलश के उपस्थित जनसमुदाय ने दर्शन किए। इसके साथ ही अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी संपन्न हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में जनसमुदाय मौजूद था। कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म से शुरू हुई प्रार्थना के पश्चात सिख धर्म के ज्ञानी ने प्रार्थना की। इसके पश्चपात जैन धर्म, ईसाई धर्म, बोहरा समाज की प्रार्थना की गई। इस दौरान कार्यक्रम में ब्रम्हकुमारी की मंजू दीदी भी मौजूद थी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और मांझी सरकार के सैनिक मौजूद थे।

सर्वधर्म सम्मेलन में मौजूद अतिथि।
सर्वधर्म सम्मेलन में मौजूद अतिथि।The Mooknayak

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे दे चुकी है इस्तीफा

आज के अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार कार्यक्रम और अपने ही मकान के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने से नाराज छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने पद से स्तीफा दे दिया। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को हस्तलिखित त्यागपत्र भेजा था। पत्र में लिखा कि- उपरोक्त विषयांतर्गत मैं सूचित करना चाहती हूं कि मेरे स्वयं के मकान के उद्घाटन / शुभारंभ कार्यक्रम में विभाग द्वारा मेरे उपस्थित न होने देने के विषयांतर्गत के पत्र से मैं हृदय की गहराई से अत्यधिक आहत हूं। उक्त कार्यक्रम में विश्व शांतिदूत 'तथागत बुद्ध' की अस्थियों के भी दर्शन लाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है।

अत: मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपने डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती हूं। इसीलिए मैं अपने डिप्टी कलेक्टर पद से आज दिनांक 22/06/23 को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देती हूं।

एन मौके पर कार्यक्रम रोका तो आंदोलन करेंगे

डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उन्हें स्वयं के घर का उद्घाटन कार्यक्रम की भी अनुमति प्रदान नहीं की गई जिसके लिए उन्होंने पद से इस्तीफा देकर कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने अब तक कार्यक्रम को लेकर भी कुछ नहीं कहा है। अगर एन मौके पर कार्यक्रम रोका जाता है तो तथागत बुद्ध के अनुयायी आंदोलन करेंगे। इधर प्रशासनिक परमिशन नहीं दिए जाने के बाद भी यह कार्यक्रम किया है। फिलहाल स्थानीय प्रशासन को ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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