मध्य प्रदेश बजट: विपक्ष ने कहा बजट में आदिवासियों और दलितों के लिए कुछ नहीं

मध्यप्रदेश सरकार ने गत बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। लेकिन विपक्ष बजट को खोखला बता रहा है।
मध्य प्रदेश बजट: विपक्ष ने कहा बजट में आदिवासियों और दलितों के लिए कुछ नहीं

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने गत बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। यह शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का अंतिम बजट है। जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है। बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है। खासकर महिलाओं के लिए शिवराज सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाओं में 1.02 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। लेकिन विपक्ष बजट को खोखला बता रहा है।

विधानसभा चुनाव से पहले यह आखिरी बजट है। इसमें छात्रों को भी ध्यान में रखा गया है। फर्स्ट डिविजन से 12वीं पास करने वाली छात्राओं को ई-स्कूटी दी जाएगी। बेरोजगारों को 1 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। मध्यप्रदेश के तीर्थ स्थलों पर हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियां प्रदेश में अब नहीं चल सकेंगी। अप्रैल से नीति लागू हो जाएगी। इसके साथ ही अनुसूचित जाति जनजाति युवाओं को व्यवसाय के लिए ऋण का प्रावधान रखा गया है।

यह बजट (2023-2024) 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का है। पिछले साल (2022-23) में बजट 2 लाख 79 हजार 697 करोड़ रुपए का था। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री 1 घंटा 50 मिनट बोले। खास बात यह है कि मप्र में पहली बार ई-बजट (पेपरलेस) बजट आया। विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने इसे टैबलेट पर पढ़ा। मंत्रियों और विधायकों को भी टैबलेट दिए गए थे। बजट भाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बजट के लिए 4 हजार से ज्यादा सुझाव सरकार को मिले थे।

द मूकनायक से बजट बातचीत करते हुए आदिवासी विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि प्रदेश के बजट में आदिवासी और दलितों के लिए कुछ भी नहीं है। डॉ. अलावा ने कहा कि आदिवासी इलाकों में न ही शिक्षा की बात की गई और न ही स्वास्थ्य को लेकर कुछ दिया गया

विधायक हीरालाल अलावा ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की व्यवस्था खराब है अस्पतालों में विशेषज्ञ तो छोड़े एमबीबीएस डॉक्टर तक नहीं है। स्कूल की बिल्डिंग्स जर्जर हो चुकी है। सरकार ने आदिवासियों को लुभाने के लिए पैसा कानून लाई है वह भी बेहद कमजोर है। ग्राम पंचायतों के पास कोई भी पॉवर नहीं है। बड़ी-बड़ी कंपनियां रेत का व्यापार कर रही है। आदिवासियों पर आबकारी और खनन मुकदमे दर्ज कर रहीं है।

संबल योजना की हालत भी खस्ता

मध्यप्रदेश में सरकार की अहम योजना में से एक संबल योजना की स्थिति जमीनी स्तर पर ठीक नहीं है। डॉ. अलावा से संबल योजना पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया संबल योजना के तहत मजदूरों के नवीन कार्ड नहीं बनाए जा रहे है। सरकार योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित है।

वहीं द मूकनायक से बातचीत करते हुए विधायक फुन्देलाल मार्को ने कहा कि प्रदेश आदिवासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। विधायक मार्को ने कहा कि बजट को सजाया गया शानदार गिफ्ट पैकिंग की गई। मगर जब गिफ्ट खुला तो लॉलीपॉप निकला। विधायक ने कहा कि शिवराज सरकार 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट बनाया जिसमें सिर्फ जनता को लुभाने का प्रयास किया गया। आदिवासी बैगा समाज के लोगों के जातिप्रमाण पत्र तक नहीं बन पा रहे है। फिर उन्हें योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा। विधायक मार्को ने कहा सरकार के बजट से आदिवासी समाज आहत हुआ है।

बजट भाषण में विपक्ष का हंगामा:-

बजट भाषण के बीच गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, वे कहते हैं कि महिलाओं को 1000 रुपए देंगे, लेकिन गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए। हंगामे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध करते हुए कहा, बजट भाषण पूरा प्रदेश सुनना चाहता है। सदन के बाहर कमलनाथ बोले- मुझे कई बजट सुनने का मौका मिला, लेकिन 50 रुपए सिलेंडर के दाम बढ़ाने की महंगाई मिली। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- राज्य सरकार ने सिलेंडर पर दाम नहीं बढ़ाए। आपके नेता दिल्ली में बोल नहीं पाते क्या? वित्त मंत्री बोले- कपड़े फाड़ने का काम मत करो।

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