मध्य प्रदेशः सामाजिक न्याय यात्रा समापन कार्यक्रम में बहुजन जमावड़ा, पढिए जनसभा में क्या रहा खास ?

आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी ने 25 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, ओबीसी महासभा और जयस ने दिया समर्थन
मध्य प्रदेशः सामाजिक न्याय यात्रा समापन कार्यक्रम में बहुजन जमावड़ा, पढिए जनसभा में क्या रहा खास ?

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी की सामाजिक न्याय यात्रा समापन सभा गत रविवार को भेल दशहरा मैदान में आयोजित हुई, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। आगामी चुनाव के मद्देनजर भीम आर्मी की सभा को शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसमें 25 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा हुई।

मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनावी साल है। आजाद समाज पार्टी भी प्रदेश की विधानसभा चुनाव में इस बार ताल ठोक रही है। भीम आर्मी ने 25 सूत्रियों मांगों को प्रदेश सरकार के सामने रखते हुए राजधानी भोपाल में सम्मेलन और शक्ति प्रदर्शन किया। आपको बता दें किए ये शक्ति प्रदर्शन आंदोलन आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण के आह्वान पर किया गया है।

गत जनवरी के महीने में मध्य प्रदेश के ही मुरैना जिले में भीम आर्मी की ओर से आमसभा आयोजित की गई थी। इस आमसभा में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होनें भाजपा सरकार पर दलितों का अपमान करने का आरोप लगाया था। साथ ही मंच पर उन्होंने 12 फरवरी 2023 को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करने की अपील भी की थी।

जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर अजाद ने कहा- प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे। आगे भी ऐसी ही जनसभा जारी रहेगी।

आजाद के साथ भीम आर्मी के अध्यक्ष विनय रत्न सिंह, जयस और ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं के साथ तमाम दलित संगठनों के कार्यकर्ता राज्य के अलग-अलग हिस्सों से भोपाल पहुचें। ओबीसी महासभा का नेतृत्व प्रीतम लोधी, व्यापम कांड के व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय कर रहे थे। एक दिन पहले से ही कार्यकर्ताओं का भोपाल आना शुरू हो गया था।

यह है प्रमुख मांगे

-देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए।

-प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने के लिए

-संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटाने के षड्यंत्र के खिलाफ।

-कमजोर वर्ग के लोगों पर प्रशासन के द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ।

-आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए।

-निजीकरण के नाम पर सरकारी प्रतिष्ठानों को बेचने के खिलाफ।

-निजीकरण के सहारे आरक्षण समाप्त करने के षड्यंत्र के खिलाफ।

-मुस्लिम-अल्पसंख्यक बहन-बेटियों और बच्चों पर हो रहे अन्याय अत्याचार के खिलाफ।

-बेकसूर लोगों के घरों पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने के खिलाफ।

-गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों का GST से मुक्त कराने के लिए।

-केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक बराबरी का कानून लागू करवाने के लिए।

-SC/ST एक्ट के तहत मृतक के परिवार को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाकर 30 लाख रुपए करवाने के लिए।

-मनरेगा की दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम 700 रुपए करवाने के लिए।

-शिक्षा का राष्ट्रीयकरण कर सर्वनाश रुकवाने के लिए।

-मध्यप्रदेश सरकार के शासकीय महाविद्यालयों में चुनाव प्रक्रिया बहाल कराने के लिए।

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