अब तक की खबरें: बिहार में दलितों ने पेयजल को लेकर तो मध्यप्रदेश में आदिवासी छात्रों ने शिक्षक भर्ती को लेकर किया प्रदर्शन

आदिवासी छात्रों ने शिक्षक भर्ती को लेकर किया प्रदर्शन
आदिवासी छात्रों ने शिक्षक भर्ती को लेकर किया प्रदर्शन

नई दिल्ली। भारत में पिछले 12 घन्टे में महिला और दलित उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं। बिहार के नवादा जिले में पानी की समस्या से जूझ रहे दलितों का गुस्सा उबाल पर पहुंच गया। नाराज दलितों ने प्रखंड कार्यालय का घेराव कर आक्रोश जताया, जबकि मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2019-20 के अभ्यर्थियों ने मेरिट को 50 प्रतिशत घटाकर 40 प्रतिशत करने की मांग करते हुए कलक्टर कार्यालय का घेराव कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा विभाग में अनुसूचित जनजाति के चार हजार पद अभी भी रिक्त हैं। मेरिट कम करके पद भरे जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक छात्र को सीनियरों ने नंगा करके दौड़ाया और फिर उसका यौन शोषण किया। इससे छात्र की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। जबकि त्रिपुरा राज्य के अगरतला जिले में एक युवक द्वारा पैसा चुराने की घटना पर उसकी मां को नँगा करके पीटा। इसके साथ ही भीड़ ने युवक को गंजा भी कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और कार्रवाई में जुट गई है।

जानिए क्या है सभी मामले?

बिहार राज्य के नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड की बलिया बुजुर्ग पंचायत के वार्ड नम्बर-1 बलिया गांव के दलित परिवार के ग्रामीणों ने सोमवार को प्रखण्ड कार्यालय पहुंचकर घेराव किया। इस दौरान लोगों ने प्रदर्शन कर वार्ड में पानी की घोर समस्या उत्पन्न होने और पीएचडी विभाग के स्तर पर निदान को लेकर पहल नहीं किए जाने पर आक्रोश जताया।

दर्जनों की संख्या में आये ग्रामीणों ने कहा कि उनके वार्ड में पेयजल की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है। टोला के लगभग घरों के चापाकल सूख गए हैं। ऐसे में लोगों के समक्ष पानी की भारी किल्लत हो गई है। स्थानीय स्तर पर पेयजल आपूर्ति के प्रयास नहीं किए जाने व पीएचईडी द्वारा नल का जल नहीं दिए जाने पर ग्रामीणों में काफी गुस्सा है। प्रखंड मुख्यालय पहुंच आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय का घेराव कर नाराजगी जताई। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग गांव में जो भी चापाकल है। उसका लेयर नीचे चले जाने के कारण पानी पीने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अगर किसी के घर से पानी लाते हैं तो एक दो दिन तो दे देते हैं, लेकिन तीसरे दिन पानी लेने से मना कर देते हैं। आखिर हम लोग पानी के लिए जाएं तो कहां जाएं। जब मुखिया या मुखिया प्रतिनिधि से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग के यहां चापाकल करवाने का कोई फंड नहीं है। इसलिए आप लोग प्रखंड कार्यालय जाकर अपनी समस्या को बीडीओ से अवगत कराएं। इधर, ग्रामीण सुरेश मांझी, विनोद चौधरी, ललजीत मांझी आदि का कहना है कि सरकार ने गरीबों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए नल जल योजना लाया, लेकिन पीएचईडी मनमानी से हमारे गांव बलिया बुजुर्ग वार्ड नंबर 1 में ना तो बोरिंग करवाया और ना ही नल जल का पाइप बिछाया। इस प्रकार नल-जल से भी वंचित रखा गया है। हम लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा है। इस समस्या को लेकर अकबरपुर प्रखंड कार्यालय में ग्रामीण पहुंचकर प्रखंड विकास पदाधिकारी गीता कुमारी को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि अगर एक-दो दिन के अंदर हम लोगों की पानी की समस्या का हल नहीं किया गया तो बलिया गांव के नजदीक सड़क जाम कर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।

आदिवासी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के आस-पास के जिलों के सैकड़ों आदिवासी छात्र इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इकट्ठे हुए। उन्होंने अनुसूचित जनजाति का संविदा में चयन परीक्षा हेतु 50 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत कर लगभग 4000 रिक्त पदों की पूर्ति किए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया। छात्रों ने बताया कि प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा वर्ष 2019.2020 विज्ञापन जारी होकर मार्च 2022 को चयन परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा हेतु 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया था। चूंकि वर्तमान समय में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में लगभग 4000 पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के रिक्त है। मध्य प्रदेश में संविदा वर्ग-3 की परीक्षा काफी समय के अंतराल में आयोजित की गई है। छात्रों ने अधिकारियों को यह भी बताया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र विभिन्न प्रकार की समस्याओं जिनमें आर्थिक, सामाजिक एवं भौगोलिक जैसी विकट परिस्थितियों के कारण भर्ती परीक्षा के वर्तमान निर्धारित मापदंड अनुसार 50 प्रतिशत कर अंक अर्जित करने में सक्षम नहीं है। क्योंकि उपरोक्त परिस्थितियों व समस्याओं के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़े शहरों तक सर्विस की कोचिंग के लिए जाना संभव नहीं है। इस कारण बेरोजगार युवा शिक्षा की तकनीकी सुविधाओं से भी वंचित रह जाते हैं। समाज की शिक्षित बेटियां शहरों में अकेली रहकर शासकीय सर्विस की प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग वर्तमान परिवेश में सुरक्षित रहकर नहीं कर सकती हैं। इस कारण पूर्व आयोजित शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षाओं में अनिवार्य न्यूनतम अंक में हमेशा छूट दी जाती रही है। शिक्षक भर्ती में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक के आधार पर भर्ती की गई थी। इसी प्रकार सन् 2003 की शिक्षक भर्ती में न्यूनतम पात्रता अंक में क्वालीफाई के लिए 40 प्रतिशत का निर्धारण रखा गया था। इसी शिक्षक भर्ती में शासन ने सामान्य वर्ग के आर्थिक कमजोर वर्ग के आरक्षित अभ्यर्थियों के निर्धारित कोटे के लिये अहर्ता अंकों की अनिवार्यता को 60 प्रतिशत से घटाकर इसमें आंशिक शोधन करते हुए 50 प्रतिशत किया है।

हॉस्टल में नंगा दौड़ाया, छात्र की मौत से पहले जादवपुर यूनिवर्सिटी में क्या हुआ था

पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि छात्र के सुसाइड से पहले उसका बुरी तरह से टार्चर किया था। छात्र के सीनियरों ने उसे बुरी तरह प्रताडि़त किया था। उसे निर्वस्त्र कर पूरे हॉस्टल में दौड़ाया और भी कई तरह से उसे यौन प्रताड़ना दी गई। इस वारदात के सामने आने के बाद पुलिस ने कुल 13 लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने बाकी के 12 आरोपियों को अरेस्ट करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। यह वारदात जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 9 अगस्त की देर रात का है। छात्र की हॉस्टल की दूसरी मंजिल से गिरने की वजह से मौत हो गई थी। इस संबंध में छात्र के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की तो प्राथमिक जांच में ही साफ हो गया था कि छात्र का बुरी तरह से टार्चर हुआ था। इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक छात्र की मौत से पहले कुछ सीनियर छात्र उसकी रैगिंग ले रहे थे। इस मामले में पीडि़त छात्र ने सीनियर्स की हरकतों का विरोध कर दिया। इस बात से नाराज सीनियरों ने पीडि़त छात्र के साथ जुल्म की इंतिहा कर दी। बलपूर्वक उसे निर्वस्त्र किया गया। पूरे हॉस्टल में उसे दौड़ाया गया। मारपीट की गई। यहां तक कि उसे यौन प्रताड़ना भी दी गई।

पैसा चुराते हुए पकड़ा गया बेटा तो भीड़ ने मां को निर्वस्त्र कर पीटा

त्रिपुरा राज्य के अगरतला जिले से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां शनमुरा गांव में एक महिला को निर्वस्त्र कर सबके सामने पीटा गया क्योंकि उसके बेटे ने एक दुकान से पैसे चुराए थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसारए पंचायत के एक सदस्य ने महिला को निर्वस्त्र करने के लिए भीड़ को उकसाया था। मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय पंचायत सदस्य शुकलाल दास ने चोरी का आरोप लगने के बाद महिला और उसके नाबालिग बेटे को कंगारू अदालत में बुलाया था। जब महिला और उसका बेटा पंचायत के लिए आए तो आरोपी के नेतृत्व में भीड़ ने उनके कपड़े उतार दिए और पिटाई कर दी।

बाद में घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने महिला और उसके बेटे को बचाया। दोनों को काफी चोट लगी थी इसलिए उन्हें इलाज के लिए अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद पुलिस ने पीडि़त का बयान दर्ज किया और आरोपियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की।

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