भारत जनसंख्या में चीन से आगे, रोजगार देने में पीछे!

भारत में बेरोजगारी दर 7 फीसदी के करीब है जबकि चीन में ये 5 फीसदी से कम है.
भारत जनसंख्या में चीन से आगे, रोजगार देने में पीछे!

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के हाल में जारी आंकड़ों व कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी के दिल्ली के मुखर्जी चौक में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से बातचीत में सीधे तौर पर कोई जुड़ाव तो नहीं है, लेकिन ’रोजगार’ की चर्चा इन दोनों अलग-अलग घटनाओं को एक बिंदु पर जोड़ देती है.

यूएनएफपीए के आंकड़ों की माने तो जनसंख्या के मामले में भारत ने चीन को अब पीछे छोड़ दिया है। भारत की आबादी 142.8 करोड़ हो गई है जबकि चीन 142.5 करोड़ के जनसंख्या के साथ अब भारत से पीछे है. इन आंकड़े के सामने आने के साथ ही भारत के लिए चिंताओं के साथ चुनौतियां भी बढ़ गई है. 

भारत में बेरोजगारी दर 7 फीसदी के करीब 

चीन से जनसंख्या के मामले में भले ही भारत आगे निकल गया है, लेकिन आर्थिक पैमाने के हर लिहाज से भारत चीन से काफी पीछे है. चीन के अर्थव्यवस्था का आकार जहां 17.73 ट्रिलियन डॉलर है. वहीं भारत के अर्थव्यवस्था का साइज केवल 3.18 ट्रिलियन डॉलर है. यानि भारतीय अर्थव्यवस्था से चीन की अर्थव्यवस्था पांच गुना बड़ी है. भारत में बेरोजगारी दर 7 फीसदी के करीब है जबकि चीन में ये 5 फीसदी से कम है.

बढ़ती आबादी के लिए रोजगार मुहैया कराना चुनौती 

भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. हालांकि इसके साथ-साथ कुछ बातें चिंता का सबब बनती जा रही हैं. भारत के सामने बड़ी समस्या है तेजी से वर्क फोर्स में शामिल हो रही युवा आबादी को रोजगार मुहैया कराने की. 

बढ़ाने होंगे रोजगार के अवसर 

भारत की बड़ी आबादी दोधारी तलवार के समान है. उसका फायदा उठाने के लिए देश में करोड़ों की संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे, क्योंकि हर वर्ष लाखों लोग वर्कफोर्स में शामिल होते हैं. रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश को आकर्षित करना होगा. विश्व बैंक के रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंवेस्टमेंट ग्रोथ 2000 से 2010 के बीच 10.5 फीसदी सालाना दर से बढ़ा था जो 2011 से 2021 के बीच घटकर 5.7 फीसदी रह गया है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस के रैंक में सुधार के बावजूद निवेश की रफ्तार कम हुई है. केंद्र सरकार अलग-अलग सेक्टरों के लिए जो पीएलआई स्कीम लेकर आई है उससे 60 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. हालांकि भारत के बढ़ते लेबर मार्केट को देखते हुए ये काफी नहीं है.

राहुल ने की बेरोजगारी पर चर्चा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गत गुरुवार को नई दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में संघ लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से बातचीत की. मुखर्जी नगर में, राहुल को छात्रों के साथ सड़क किनारे एक कुर्सी पर बैठे देखा गया और उन्होंने उनसे उनकी उम्मीदों और अनुभवों के बारे में पूछा. क्योंकि बढ़ती आबादी का असर युवाओं पर ही सबसे ज्यादा पड़ने वाला है।

द मूकनायक ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले विकास से बात की विकास उत्तर प्रदेश से हैं. जब राहुल गांधी मुखर्जी नगर आए थे तो विकास वहीं थे। विकास बताते हैं कि मैं राहुल से मिला था. वह शाम 4 बजे यहां पर आए थे. हम सब उनके सामने ही बैठे थे. सोचा कि उनसे कोई ना कोई मूल्यवान बात समझने को मिल सकती है. उन्होंने बताया कि हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या है रोजगार. हमने भी उनके सामने रोजगार संबंधी ही बातचीत रखी. उन्होंने हमारी तैयारी के बारे में भी बात की. राहुल युवाओं के लिए रोजगार के साधन बनाने के लिए भी बताया, जिससे देश के हर युवा को रोजगार मिले, वह इधर-उधर ना भटके. 

मुखर्जी नगर उत्तरी दिल्ली का एक इलाका है. इसका नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा गया था. इस इलाके में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र रहते हैं. इसे कोचिंग हब के नाम से भी जाना जाता है. इन्ही छात्रों से चर्चा करने के लिए राहुल गांधी पहुंचे थे. राहुल के साथ उनके भांजे रेहान वाड्रा भी नजर आए।

भारत बना दुनिया का सबसे युवा देश

यूएनएफपीए की नयी रिपोर्ट में गौर करने वाली बात ये है कि भारत की 25 प्रतिशत आबादी 0 से 14 साल के आयु वर्ग में है और उसकी 18 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 19 साल की है. जबकि 26 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 24 साल की है. इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा 68 प्रतिशत आबादी 15 से 64 वर्ष के आयुवर्ग में है. इन आंकड़ों के मुताबिक भारत 15 से 20 के आयु वर्ग में 25.4 करोड़ युवा आबादी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश बन गया है. 

बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे युवा

भारत के दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र का पूर्वानुमान है कि देश की जनसंख्या अगले तीन दशक तक बढ़ती रह सकती है और उसके बाद यह घटना शुरू होगी. भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़कर सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या पूर्वानुमान-2022 के अनुसार 2050 तक भारत की जनसंख्या 166.8 करोड़ पहुंच सकती है, वहीं चीन की आबादी घटकर 131.7 करोड़ हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी अधिक है।

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