भोपाल। मुंबई में एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में उज्जैन कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है। इस संदर्भ में मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम उज्जैन पहुंची है और स्थानीय संदिग्धों की जांच-पड़ताल कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को इस मामले में उज्जैन के एक संदिग्ध व्यक्ति के शामिल होने की जानकारी मिली है। टीम इस संदिग्ध को पकड़ने के लिए रविवार सुबह से उज्जैन में डेरा डाले हुए है और संदिग्ध की तलाश में छापेमारी कर रही है।
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संभावित संबंधों की भी जांच कर रही है। बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ली है, जिसमें लिखा गया है, "सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को नहीं छोड़ेंगे।" यह मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है, क्योंकि लॉरेंस गैंग के प्रमुख सदस्य जेल में रहते हुए भी ऐसी वारदातों में सक्रिय हो सकते हैं।
लॉरेंस बिश्नोई इस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, लेकिन उसकी गैंग पूरे देश में फैले अपराधी नेटवर्क के जरिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देती है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के शूटर्स ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की थी। पुलिस ने इनमें से दो शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अभी फरार है।
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम उज्जैन में संभावित संदिग्ध की खोज के लिए पुलिस की मदद ले रही है। पुलिस को संदेह है कि उज्जैन में कुछ लोग लॉरेंस गैंग के लिए काम कर रहे हैं और बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे उनका हाथ हो सकता है। गौरतलब है कि दो साल पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने भी उज्जैन के नागदा में छापेमारी की थी और वहां से योगेश भाटी और राजपाल चंद्रावत नामक संदिग्धों को उठाया था, जिनका नाम बाद में सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी सामने आया था। हालांकि, 7 घंटे की पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया था।
महाराष्ट्र की सीमा से सटे खंडवा, बुरहानपुर समेत अन्य जिलों में भी पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। मुंबई क्राइम ब्रांच की नजर उज्जैन के साथ-साथ ओंकारेश्वर पर भी है, जहां फरार आरोपी के धार्मिक स्थल पर पहुंचने की सूचना मिल रही है। खंडवा पुलिस ने कहा कि वे पूरी सतर्कता बरत रहे हैं और अन्य जिलों की पुलिस भी इसी तरह अलर्ट मोड पर है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। सिद्दीकी इस साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार के साथ एनसीपी में शामिल हुए थे। उनकी हत्या के पीछे की वजहों को लेकर राजनीतिक और आपराधिक ध्रुवीकरण की अटकलें तेज हो गई हैं। लॉरेंस गैंग ने जिस प्रकार इस हत्या की जिम्मेदारी ली है, उससे यह मामला और अधिक जटिल हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हत्या की योजना पिछले 40 दिनों से बनाई जा रही थी। तीन शूटर्स ने मुंबई में डेरा डाल रखा था और सिद्दीकी के घर और उनके बेटे के ऑफिस की रेकी कर रहे थे। इनमें से दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अभी फरार है। फरार आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। हत्या में शामिल एक शूटर हरियाणा और बाकी दो उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले हैं। चौथे आरोपी के रूप में मोहम्मद जीशान अख्तर का नाम भी सामने आया है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
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