
उत्तर प्रदेश। राजधानी लखनऊ गंगा जमुनी तहजीब के लिए विश्व विख्यात हैं। इसी लखनवी गंगा- जमुनी तहज़ीब की तर्ज पर वी द पीपल ऑफ लखनऊ संस्था ने सभी धर्मों के साथ मिलकर सद्भावना होली मिलन समारोह का आयोजन किया। समारोह के दौरान माहौल पूरी तरह खुशनुमा दिखा। होली के दिन देश के कई हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं के साथ हुई अभद्रता को लेकर समारोह में आए लोगों ने दुख व्यक्त किया। सभी ने अमन और चैन के साथ मिल-जुलकर रहने की अपील की। समारोह में आए लोगों ने कहा कि राजनीति से प्रभावित होकर आपसी भाईचारे में कभी फूट नहीं पड़ना चाहिए।
यूपी में राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर स्थित एसिड अटैक सर्वाइवर द्वारा संचालित शीरोज हैंगआउट कैफे में सदभावना होली मिलन समारोह का आयोजन वी द पीपल ऑफ लखनऊ द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दीपक कबीर पिछले कईं दशक से करते आ रहे हैं।
समारोह के आयोजन को लेकर दीपक कहते हैं, "पिछले कुछ वर्षों से लोग अपने में ही कैद होते जा रहे थे। सोशल मीडिया, पॉलिटिक्स के कारण शहर का मिजाज बदलता चला गया। लोग एक दूसरे से कटने लगे, रिश्ते टूटने लगे, लोगों को एक-दूसरे से नफरत होने लगी। क्रोनी कैप्टिलिज्म और कंज्यूमरिज्म ने लोगों को अकेला कर दिया। लोगों में गलतफहमी शुरू हो गई। लोग बस सोशल मीडिया तक ही सीमित हो गए लेकिन असल मे लोगों के मन दूर हो रहे थे। पिछले साल कई अलग-अलग धर्म के लोगों ने मिलकर इफ्तार का आयोजन किया। सब एक दूसरे से मिले। जो एक लंबे समय तक दूर रहने से एक दीवार बन गई थी वह हट गई। जिसके बाद से हम सबने सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाने का निर्णय लिया।"
होली मिलन समारोह में उपस्थित कवयित्री अर्शी अल्वी कहती हैं, "लखनऊ शहर को उसके गंगा जमुनी तहजीब के लिए सराहा जाता है। नवाब वाजिदअली शाह एक मुसलमान होकर होली के त्योहार में खुशियों से शामिल हुए और आज भी देवा शरीफ दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम भाई मिलकर प्रत्येक वर्ष होली मनाते हैं।"
होली के दिन मुस्लिम महिलाओं पर गुब्बारे से हुए हमले और जापानी महिला को जबरन रंग लगाने की घटना को लेकर लोगों ने खेद जताया। इस घटना को लेकर दीपक कहते हैं, "हमारे यहां के लोगों में रूढ़िवादिता ज्यादा है। लोग महिलाओं को बस इस्तेमाल करने का साधन समझते हैं। हमारे अंदर जातीय और धार्मिक भेदभाव है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। हमें सारे त्यौहार संवैधानिक दायरे में रहकर मनाने चाहिए।"
वहीं इस घटना को लेकर कवयित्री अर्शी अल्वी कहती हैं, "हर सोसाइटी में कुछ अराजक तत्व होते हैं। जिसने भी किया सही नहीं किया। हम एक पॉजिटिव मैसेज दे रहे हैं, वह एक नेगेटिव मैसेज दे रहे हैं। हम गंगा जमुनी तहज़ीब के लोग हैं, इसका हमें अच्छा उदाहरण देना चाहिए न कि ऐसे कृत्य करके नेगेटिव मैसेज दें।"
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