उत्तर प्रदेश: नाबालिग से रेप करने वाले BJP विधायक को 25 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना

परिजनों ने पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देकर कोर्ट से कम सजा देने की अपील की थी।
पुलिस टीम के साथ आरोपी विधायक
पुलिस टीम के साथ आरोपी विधायकफोटो साभार- सोशल मीडिया

लखनऊ। यूपी के सोनभद्र जिले में नाबालिग से रेप के मामले में दुद्धी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को एमपी/एमएलए कोर्ट ने 25 साल की सजा के साथ 10 लाख का जुर्माना लगाया है। इस मामले में कोर्ट ने 12 दिसंबर को बीजेपी विधायक को दोषी करार दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सजा मिलने के बाद रामदुलार गोंड की विधायकी जानी तय है।

इधर, विधायक के परिजनों ने पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देकर कोर्ट से कम सजा देने की अपील की थी।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के सोनभद्र जिले में एक नाबालिग से रेप की ये वारदात साल 2014 में हुई थी। उस वक्त रेप के दोषी रामदुलार सिंह गौड़ की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थीं। प्रधानपति होने की वजह से गौड़ की गांव में दबंगई थी। पीड़िता के भाई के अनुसार 4 नवंबर 2014 को शाम 7 बजे उसकी बहन रोती हुई घर आई थी। परिजनों ने जब रोने की वजह पूछी तो काफी देर बाद उसने बताया कि रामदुलार ने उसका बलात्कार किया है। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने थाने में गौड़ के खिलाफ तहरीर दी थी।

पहले रेप का ये केस जिला अदालत में चल रहा था, लेकिन रामदुलाऱ के विधायनक बन जाने के बाद इसे एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां चली लंबी सुनावाई के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) एमपी/एमएलए कोर्ट एहसान उल्लाह खान ने विधायक को रेप केस में दोषी पाया है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। जज ने 15 दिसम्बर को सजा तय की थी। जिसके बाद आज सुनवाई करते हुए विधायक को 25 साल के लिए कैद और 10 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है।

पीड़िता के वकील विकास शाक्य ने बताया-केस के दौरान पीड़िता को समझौता करने के लिए रुपयों का लालच दिया गया था। इतना ही नहीं तरह-तरह से धमकियां भी दी गईं थीं।

पीड़िता की ससुराल जाकर विधायक ने दी थी धमकी

दोषी करार दिए गए विधायक रामदुलार सिंह गौड़ ने पीड़िता की शादी के बाद उसकी ससुराल जाकर भी धमकियां दी थीं। रसूख का इस्तेमाल कर कई तरह से दबाव बनाने की कोशिश की थी। मगर, उसकी सारी योजना फेल हो गईं। पीड़ित पक्ष अपनी बात पर अडिग रहा और केस में लगातार पैरवी करता रहा। बलात्कार के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई थी। डीएनए जांच के लिए भी कहा गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। दूसरे पक्ष ने इसे आधार बनाकर बचने की कोशिश की। मगर, सुनवाई पूरी होने के बाद हमारे हक में फैसला आया। विधायक द्वारा चले गए सारे दांव फेल हो गए।

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