यूपी: अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठे बुजुर्ग किसान ने बताई वायरल फोटो की हक़ीकत

अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठे बुजुर्ग किसान ने बताई वायरल फोटो की हक़ीकत
अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठे बुजुर्ग किसान ने बताई वायरल फोटो की हक़ीकत

15 साल से चल रहे भूमि विवाद मे न्याय के लिए तहसील का चक्कर लगा रहा था बुजुर्ग। अमेठी की तिलोई तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस में अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठे बुजुर्ग किसान का फोटो वायरल होने पर डीएम ने दिया स्पष्टीकरण। सरकारी फैक्ट चेक ने रखा सरकार के अधिकारी का पक्ष, किसान का पक्ष किया गायब।

लखनऊ। यूपी के अमेठी जिले के तिलोई तहसील में गत सप्ताह शनिवार को अधिकारियों के बीच जमीन पर बैठे एक बुजुर्ग किसान की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। बुजुर्ग किसान की इस फोटो ने जिला प्रशासन की जमकर फजीहत कराई। यह तस्वीर 2 जुलाई 2022 को सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर एक अखबार के पत्रकार द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की गई थी।

पत्रकार ने लिखा, "यह लोकतंत्र की बदरंग तस्वीर अमेठी जिले के तिलोई तहसील सभागार की है। आज यहां आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में फरियाद करने आए बुजुर्ग को जमीन पर बैठ अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। इस दृश्य ने अधिकारियों की नैतिकता को शर्मसार किया है।"

यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। विपक्षी पार्टियों ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूरा मामला सीएम तक पहुंच गया। जिलाधिकारी से इसका स्पष्टीकरण मांगा गया। जिलाधिकारी ने अपनी सफाई देते हुए लिखा, "तहसील तिलोई में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान शिकायत लेकर आए बुजुर्ग को पत्रकार ने जमीन पर बैठा कर फोटो लेकर वायरल किया, जैसा की फोटो देखने से स्पष्ट है कि बुजुर्ग कैमरे की तरफ देख रहें हैं। बुजुर्ग को वहां से उठाकर तत्काल कुर्सी पर बैठाया गया।"

सम्पूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित अधिकारी
सम्पूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित अधिकारी

क्या है मामले की सच्चाई?

तिलोई तहसील क्षेत्र निवासी बुजुर्ग किसान महादेव बताते हैं कि, वह शनिवार को समाधान दिवस के मौके पर दरख्वास्त (शिकायत पत्र) लेकर अधिकारियों के पास गए थे। बुजुर्ग किसान का कहना है, "मैं 15 साल से चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। 504 नंबर जमीन मेरी है जिस पर पेड़ लगे हुए थे। गांव के ही मोतीलाल ने पेड़ों को कटवा कर जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उसने पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया। जिसका मुकदमा चल रहा है।" तहसील दिवस पर बुजुर्ग किसान महादेव की फोटो वायरल होने पर महादेव कहते हैं, "किसी भी पत्रकार ने मुझसे जमीन पर बैठने को नहीं कहा। मैं उनको जानता तक नहीं था।"

जिलाधिकारी अमेठी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया कि बुजुर्ग किसान को तत्काल कुर्सी उपलब्ध कराई गई थी। यह प्रश्न बुजुर्ग किसान से पूछा गया तो वह बोले, "मैं जमीन पर लगभग 15 मिनट बैठा रहा। मुझे कुर्सी तो नहीं दी गई थी, लेकिन दूर बैठने के लिए जरूर कहा गया था।"

डीएम का पक्ष रखा, पीडि़त किसान का पक्ष गायब

पूरे मामले में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित "फ़ैक्ट चेक प्लेटफ़ॉर्म" ने सिर्फ डीएम का पक्ष रखकर पूरे मामले का फैक्ट चेक कर दिया। इस मामले में किसान का पक्ष सामने नहीं आया। द मूकनायक ने इस संबंध में पीडि़त किसान महादेव से बातचीत की तो उपरोक्त तथ्य सामने आए।

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