यूपी: गौशाला संचालक गो-तस्करी के आरोप में हुआ गिरफ्तार, परिजनों ने बताया राजनीतिक साजिश

महादेव गौशाला, छहूँ [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]
महादेव गौशाला, छहूँ [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]

मामले में परिजन व ग्रामीणों ने लगाया फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप। आरोप है कि राजनैतिक द्वेषता के चलते हुई कार्रवाई।

कुशीनगर। एक तरफ सरकार पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही हैं तो दूसरी तरफ जिले की तुर्कपट्टी पुलिस रजिस्टर्ड गौशाला संचालक को ही तस्कर मान जेल भेज रही हैं। स्थानीय लोगों में चर्चा है कि आमजन व पशुपालकों में पुलिसिया कार्रवाई से भय व्याप्त है।

क्या है पूरा मामला?

जिले की तमकुही ब्लॉक की तुर्कपट्टी थाना पुलिस ने गत बुधवार को ग्राम पंचायत छहूँ स्थित "श्री महादेव गौशाला समिति" नाम से पंजीकृत गोशाला में छापेमारी करके 28 गाय, 15 बछड़ा सहित कुल 43 गोवंश बरामद किए थे। साथ ही दो पिकअप कब्जे में ली, और एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था। पुलिस ने मामले में जिला पंचायत सदस्य अमरेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया है। अमरेश की पत्नी रानी यादव ग्राम प्रधान हैं, जबकि गौशाला उनके पिता के नाम से पंजीकृत है।

इस मामले में आरोपी की पत्नी व ग्राम प्रधान दावा करती हैं कि, उनके पति के खिलाफ कार्रवाई अनुचित है। वह कहती हैं, "ग्वाल होने की वजह से हमारा काम ही दुग्ध उत्पादन और पशु पालन है। यह कार्य हम लोग पीढि़यों से करते आ रहे हैं। हमारे ससुर ने पशुपालन के तहत गौशाला के लिए श्री महादेव गौशाला समिति छहूँ के नाम से पंजीकरण कराया है। बुधवार को पुलिस जबरन गौशाला से 43 गायों और मेरे वृद्ध ससुर को थाने उठा ले गए। उनके खिलाफ गो-तस्करी का मुकदमा पंजीकृत कर दिया।

उल्लेखनीय है कि, पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद जिला पंचायत समिति सदस्य भूमिगत हो गए है।

भाजपा नेता पर लगाया आरोप

ग्राम प्रधान ने दो स्थानीय भाजपा नेताओं पर राजनैतिक द्वेष के चलते पुलिस प्रशासन के सहयोग से जबरन मुकदमा पंजीकृत करवाने का आरोप लगाया है। प्रधान का आरोप है कि, "हम लोगों पर पुलिसिया कार्रवाई पूरी तरह से राजनैतिक साजिश है।"

क्या कहती है पुलिस!

स्थानीय थानाध्यक्ष के अनुसार, "सूचना मिली कि जिला पंचायत सदस्य अमरेश यादव की गौशाला व वहां स्थित कार्यालय परिसर में काफी संख्या में गोवंश है। इन्हें रात को बिहार भेजा जाएगा। एसएचओ जयप्रकाश पाठक ने पुलिस टीम साथ छापेमारी की तो गोवंश बरामद हुआ। मौके पर चंद्रभान यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बरामद गोवंश को पुलिस पैदल ही थाने लाई। देखने के लिए आस-पास गांवों के लोग उमड़ पड़े।"

एसएचओ जयप्रकाश पाठक ने बताया कि, "बरामद पशु तस्करी के हैं। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण!

स्थानीय निवासी सोनमती बताती हैं कि, "यह जो मुकदमा लिखा गया है। वह पूरी तरह से निराधार है। प्रधान के यहां दुग्ध उत्पादन का काम 40 सालों से चल रहा है। गाय, भैंस और घोड़ा वर्षों से गौशाला में रहते हैं।"

भूलन मिश्रा [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]
भूलन मिश्रा [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]

"पुलिस एक साथ आई। डरा धमका के जबरन दो पिकअप में गायों को लोड किया और ले गए। किसी की बात नहीं सुनी। यह कार्रवाई राजनैतिक दबाव से की गई है," भूलन मिश्रा, स्थानीय ग्रामीण व प्रत्यक्षदर्शी ने बताया।

एक अन्य स्थानीय ग्रामीण रामावतार गौड़ ने इस मामले में पुलिस की ओर से किए गए कार्रवाई को नाजायज बताया। उन्होंने कहा, "हम राशन लेने जा रहे थे। गौशाला पर 30 पुलिसकर्मी मौजूद थे। गाय नांद पर थी। पुलिस जबरन गौशाला संचालक चंद्रभान यादव से गाय ले गए।"

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