यूपी के बलिया का वह इलाका जहां आज़ादी के 75 साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली, द मूकनायक के खबर के बाद हरकत में आया बिजली विभाग

राधेश्याम (65) बताते हैं कि, उनकी कई पुश्ते बीत गई लेकिन इलाके में आज तक बिजली नहीं आई है। फोटो - अरुण कुमार, द मूकनायक
राधेश्याम (65) बताते हैं कि, उनकी कई पुश्ते बीत गई लेकिन इलाके में आज तक बिजली नहीं आई है। फोटो - अरुण कुमार, द मूकनायक

बलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही बड़े-बड़े मंचों से ये कहते नज़र आये हों कि देश पूरी तरह से बिजली युक्त हो गया है। लेकिन, इस दावे की हकीकत यूपी के बलिया में कुछ और ही दिखाई दी। यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान द मूकनायक ने यहां के एक ऐसे क्षेत्र की पड़ताल की गई, जहां की सच्चाई सभी को हैरान कर सकती है।

यूपी के बलिया के बांसड़ीह की सतपोखर बस्ती में आज़ादी (देश के स्वतंत्र होने के बाद) से लेकर आज तक बिजली नहीं पहुँची है। यह पढ़ने के बाद भले ही आपको विश्वास न हो लेकिन मौजूदा वक़्त का यह कड़वा सच है। बिजली बिना आज के दौर में जीवन कल्पना करना भी मुश्किल है। ऐसे में यहां के लोगों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और आज़ादी से लेकर आजतक यहां बिजली क्यों नहीं पहुँची! सब हमने आगे जानने की कोशिश की।

बस्ती में रहने वाले राधेश्याम (65) बताते हैं कि, उनकी कई पुश्ते बीत गई लेकिन इलाके में आज तक बिजली नहीं आई है। "नेता वोट मांगने आते हैं और सप्ताह भर में काम हो जाने का वायदा करके चले जाते हैं। लेकिन हालात ज्यों के त्यों हैं। बत्ती (बिजली) बिना यहां बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। बिजली विभाग को काई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, बस आश्वासन मिलता है।"

तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली गुड़िया (8) बताती हैं कि, बिजली न होने के कारण कई बार स्कूल का काम अधूरा रह जाता है। टीचर डांटती है और पूछती हैं कि स्कूल का काम क्यों नहीं किया। तो हम लोग कहते हैं कि सिर्फ दिन में ही पढ़ते हैं, लाईट नहीं होने के कारण रात में पढाई नहीं हो पाती है। गुड़िया आगे बताती हैं कि, शाम को 5 बजे के बाद लोग घरों से नहीं निकलते हैं उन्हें डर लगता है।

"देश आज़ाद हुआ तब से यहां लाईट की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते बच्चे पढ़ नहीं पाते तो नौकरी कैसे पाएंगे।" सुभाष राजभर (50) बताते हैं कि पूरी बस्ती में उनके चाचा का लड़का ही एक मात्र ऐसा है जो सरकारी नौकरी करता है। उन्होनें एक और बड़ी बात बताई कि, "बस्ती में बिजली तो नहीं आई है लेकिन बिजली का बिल विभाग भेज दे देता है। लगभग 30-30 हज़ार रूपये का बिल 7 घरों को मिला है।" वो बताते हैं कि, कागजों में यहां लाइन – खंबा सब लगा दिया गया है लेकिन स्थिती बिलकुल विपरित है। इसकी शिकायत कई बार तहसील में दी गई लेकिन फायदा नहीं हुआ।

इलाके की महिलाएं बताती हैं कि, वह शाम 5 बजे ही खाना बना लेती हैं। कई बार नहीं बना पाती तो मोबाइल के टार्च की रोशनी में खाना बनाती हैं। "पास की दुकान पर जाकर मोबाइल चार्ज करवाते हैं। मोबाइल चार्ज करने का 5-10 रूपया दुकान वाला लेता है। शाम को अंधेरे के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता है, डर लगता है।"

द मूकनायक द्वारा इस मामले की वीडिओ स्टोरी प्रकाशित होने पर बिजली विभाग हरकत में आया, और ट्वीटर के माध्यम से बलिया बिजली विभाग का जवाब आया कि इसपर वो जल्द ही काम करेंगे और आगामी तीन माह में काम को प्रस्तावित किया जायेगा।

वीडिओ रिपोर्ट यहां देखें:

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