देश के दो हिस्सों दिल्ली और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुई घटना ने एक बार फिर छात्र राजनीति को सरगर्म कर दिया है। हालात यह हैं कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं दिल्ली में यूपीएससी अभ्यर्थियों की आवाज दबाने का पुलिस भरसक प्रयास कर रही है।
यूनिवर्सिटी में आगजनी
इससे पहले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था। इसी बीच 19 दिसंबर को यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा और आगजनी हुई। इस आगजनी में कई गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया गया, कइयों के शीशे भी तोड़ दिए गए। उसी दिन लगभग दो घंटे तक यूनिवर्सिटी परिसर अखाड़ा बना हुआ था। जिसके बाद अब यूनिवर्सिटी में छात्र अपनी कुछ मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी परिसर के बैंक में जाने को लेकर हुआ हंगामा
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी परिसर में बैंक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी बैंक में पूर्व छात्र विवेकानंद पाठक का खाता था। जिसकी वह केवाईसी करवाने आया था। लेकिन गार्ड ने उसे अंदर जाने से रोक दिया। इसी बीच बहस शुरू हो गई। बहस को मारपीट में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगा। खबरों में यह भी बताया जा रहा है कि पहले सिक्योरिटी गार्ड की तरफ से हमला शुरू किया गया।
इस घटना के बाद विवेकानंद पाठक और सिक्योरिटी गार्ड की तरफ से पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया गया है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस घटना की जानकारी देते हुए किसी भी विद्यार्थी का जिक्र नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर गार्ड की जगह भी उपद्रवी तत्व का जिक्र किया है।
लोकल मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रयागराज के पुलिस कमिश्वर रमित शर्मा ने बताया कि बवाल, तोड़फोड़ के मामले में आरोपियों की पहचान के लिए टीमें गठित की गई हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकास कुलहरि के नेतृत्व में ये टीमें सीसीटीवी वीडियो फुटेज खंगाल रही हैं। बाकी की कारवाई साक्ष्यों के आधार पर की जाएगा।
छात्र अपनी मांग को लेकर अड़े
घटना के बाद छात्र अब अपनी मांगों को लेकर अडे हैं, जिसमें सबसे बड़ी मांग जिन छात्रों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उन्हें वापस लिया जाए, जो भी सिक्योरिटी गार्ड दोषी हैं उन्हें जेल भेजा जाए। सिक्योरिटी गार्ड की कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाए। छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो संड़क से लेकर संसद तक लड़ेगे।
दूसरी खबर दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर से है, जिसे यूपीएससी की तैयारी कर रहे है अभ्यर्थियों का अड्डा भी कहा जाता है। पिछले लगभग दो सालों से यूपीएससी के अभ्यर्थी परीक्षा में दो साल के ऐज रिलेक्सेशन की मांग कर रहे हैं। मुखर्जी नगर, राजेंद्रनगर और जंतर मंतर पर कई बार विरोध प्रदर्शन किया गया है।
अभ्यर्थियों की मांग है कि कोरोना के कारण सभी परीक्षा के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त समय दिया गया है। इसलिए उन्हें भी दिया जाए। क्योंकि कोरोना के कारण सभी लोग मानसिक रूप से बहुत परेशान थे।
इसी मांग के लेकर 18,19 और 20 को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर में अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। कैंडल मार्च के साथ-साथ वी वान्ट जस्टिस के भी नारे लगे।
एक तरफ सर्द ठंड बढ़ रही थी। दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन के लिए अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही थी, जिसमें सभी लोग कंबल और किताबों के साथ-साथ जमा हो रहे थे। इसी बीच 20 दिसंबर को पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धरना समाप्त करने के लिए बातचीत चलती रही, लेकिन कारगार साबित नहीं हुई।
इसी बीच यहां अभ्यर्थियों की संख्या और बढ़ने लगी। जिसके बाद रात लगभग 10 बजे पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें हटाने लगी और हिरासत में ले लिया। जबकि इससे उनका हौसला कम नही हुआ। खबरों के अनुसार बुधवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्से से यूपीएससी की अभ्यर्थी जमा होंगे।
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