
लखनऊ। यूपी के बस्ती जिले के मुंडेरवा क्षेत्र में रहने वाली एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना हुई। इस मामले में पुलिस ने पहले पीड़िता की सुनवाई नहीं की। पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़िता के मुताबिक एफआईआर के बाद उसका मेडिकल कराया गया। मेडिकल में भी रेप की पुष्टि हुई। बावजूद इसके पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं करते हुए फ़ाइनल रिपोर्ट लगा दी। अब पीड़िता ने न्याय के लिए दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद कोर्ट ने मामले में लगाई गई फ़ाइनल रिपोर्ट को निरस्त करते हुए थानाध्यक्ष को पुनः विवेचना के आदेश जारी किए हैं।
यूपी के बस्ती जिले के मुण्डेरवा थाना क्षेत्र के एक गांव में पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ रहती है। वह एलएलबी की छात्रा है। पीड़िता के मुताबिक घटना 24 दिसम्बर 2022 को लगभग 2 बजे की है। मां और पिता का पिछले कई सालों से आपसी विवाद चला आ रहा था। इसके कारण वह अपनी मां के साथ पिता के दूसरे मकान पर रह रही है माता-पिता के आपसी विवाद को सुलझाने के लिये 24 दिसम्बर को पिता से बातचीत करने गई थी। इस दौरान गांव में रहने वाले प्रेमचन्द्र ने अपने घर बुलाया। प्रेमचंद का कहना था उनके घर में मां के लिये खाना पानी और राशन रखा था, जिसे ले जाने के लिए वह कह रहे थे।
पीड़िता ने बताया राशन देने के बहाने प्रेमचंद ने घर बुलाया और घर के अन्दर ले गये। इस दौरान गांव का जयचन्द्र भी मौजूद था। पीड़िता के मुताबिक प्रेमचन्द्र पुत्र शिव पूजन और जयचंद्र ने मिलकर उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। विरोध करने पर पिटाई की और कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द कर लिया। इस दौरान कमरे में छुपा विनय जायसवाल पुत्र नकुल जायसवाल उनका साथी मिलकर जबरदस्ती छेड़खानी करने लगा। विरोध करने पर चाकू निकाल कर हत्या करने की धमकी दी। आरोपियों ने बिस्तर पर गिराकर जीन्स खोलकर अर्द्धनग्न कर दिया। आरोप है कि दोनों ने मिलकर युवती के साथ रेप किया। इस दौरान पीड़िता बेहोश हो गई। जब पीड़िता को होश आया तो वह किसी तरह जान बचाकर भाग सकी।
पीड़िता ने द मूकनायक को बताया, "मैने इस मामले में थाने जाकर लिखित शिकायत की। मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। मैं एसपी और डीआईजी के दफ्तर भी गई। मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। मैंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर मेरी एफआईआर जून 2023 में लिखी गई।" इस मामले में कोर्ट के आदेश पर आईपीसी की धारा-120B, 376D 377, 323, 504, 506 दर्ज किया गया, जिसमें प्रेमचन्द्र, जयचंद्र विनय जायसवाल सहित एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है।
इस मामले में पीड़िता का आरोप है कि मेरा 164 का बयान लिया गया। मेरा मेडिकल भी कराया गया। मेडिकल में भी रेप की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामला बन्द कर दिया।
वहीं मामले में न्याय को लेकर पीड़िता ने एक बार फिर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में कोर्ट ने विवेचक द्वारा लगाई हुई फाइनल रिपोर्ट को निरस्त करते हुए मामले में पुनः जांच के आदेश जारी किए हैं।
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