पड़ताल: दबिश के दौरान लगातार हुई तीन मौतों पर सवालों के घेरे में उत्तर प्रदेश पुलिस

यूपी पुलिस
यूपी पुलिस

रिपोर्ट- सत्य प्रकाश भारती

चंदौली, फिरोजाबाद और सिद्धार्थनगर में दबिश के बाद हुई मौतों से सवालों के घेरे में यूपी पुलिस

लखनऊ। यूपी में के प्रयागराज के शंकरगढ़ में 11 मई को पुलिस अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने गई थी। घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमे पुलिस एक महिला के साथ बर्बरता करते हुए दिख रही थी। वीडियो में एक दारोगा घर में घुसकर महिला को बाहर खींच लाता है, और उसे बाइक पर पटक देता। ध्यान देने वाली बात यह है कि, इस वीडियो में दारोगा के साथ घर के अंदर जाते समय कोई भी महिला पुलिस मौजूद नहीं है, जबकि वीडियो में महिला पुलिस दूर से आते दिख रही है।

पुलिस का कहना था कि, कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम पर हमला हुआ था। घटना के इस वीडियो ने पूर्व में पुलिस दबिश के दौरान हुई तीन मौतों ने सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

द मूकनायक ने हाल ही में यूपी के चंदौली, फिरोजाबाद और सिद्धार्थनगर में पुलिस द्वारा दी गई दबिश के दौरान एक ही महीने में 3 मौतों को लेकर बारीकी से पड़ताल की। कई मामलों में पुलिस के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।

द मूकनायक टीम ने पुलिस पर लगे आरोपों और पुलिस का पक्ष रखने के लिए इन थानों पर संपर्क किया। अमूमन दबिश के दौरान पारिवारिक विरोध सामान्य बात होती है, आरोपों से बचने के लिए पुलिस वीडियोग्राफी करवा लेती है। टीम में मौजूद सिपाही भी इस आधुनिक समय मे मोबाईल निकालकर वीडियो बना लेते हैं। पुलिस का पक्ष जानने के लिए द मूकनायक ने थानों में फोन कर वीडियो/फोटो साक्ष्य जुटाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी थाना न तो वीडियो उपलब्ध करा पाया और न ही घटनाओं से जुड़ी तस्वीर।

इससे एक बात तो साफ हो गई कि, पुलिस द्वारा तथाकथित रूप से दबिश के दौरान हमले की कहानी काल्पनिक प्रतीत होती है। इस घटना को लेकर द मूकनायक ने अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार से सम्पर्क किया, गनर ने मीटिंग में व्यस्त होने की बात कहीं। IPS प्रशांत कुमार के निजी नम्बर पर घटना की जानकारी के लिए व्हाट्सएप मैसेज भी किया गया लेकिन उधर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।

जानिए कब-कब हुई घटनाएं

1 मई, 2022 रविवार

चंदौली जिले में सैयद राजा थाने की पुलिस मनराजपुर गांव में हिस्ट्रीशीटर के घर दबिश देने गई थी। इस दौरान घर की एक युवती निशा यादव की मौत हो गई थी। पुलिस पर आरोप लगा था कि पुलिस ने घर मे घुसकर मारपीट की इसी दौरान युवती की मौत हो गई। पुलिस भाग खड़ी हुई। हालांकि, घटना के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई।

8 मई, 2022 रविवार

फिरोजाबाद के टूंडला थाना पचोखरा क्षेत्र में जेल से छूटे तीन भाइयों की तस्दीक के लिए पुलिस आधी रात घर पहुंची थी। इस दौरान पुलिस की घरवालों से कहासुनी हो गई। धक्का-मुक्की में शारदा देवी की गिरकर मौत हो गई। पुलिस पर आरोप लगा था कि महिला की पीटकर हत्या की गई है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टीपल ऑर्गन फेलर की पुष्टि हुई है। हालांकि, घटना के बाद उच्च अधिकारियों ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई की थी।

14 मई 2022, शनिवार

सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र के इस्लाम नगर गांव में पुलिस कथित गोकशी के आरोपियों को पकड़ने गई थी। पुलिस पर आरोप लगा था कि दबिश के दौरान पुलिस की गोली लगने से 50 वर्षीय महिला रोशनी की मौत हो गई। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया था कि दबिश के दौरान पुलिस द्वारा अपने बेटे को बेवजह गिरफ्तार किए जाने का विरोध करने पर एक पुलिसकर्मी ने उस महिला को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि परिजन तथा कुछ ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। उस दौरान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाई गई गोली से महिला की मौत हुई।

पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया था कि, जितेंद्र यादव नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो गोकशी में शामिल लोगों से रंगदारी वसूलता था। उसके कब्जे से 0.315 बोर की एक पिस्तौल और एक कारतूस का खोल बरामद किया गया है। पुलिस का दावा था कि गोली उसी तमंचे से लगी थी।

मामले पर द मूकनायक से मनीष शुक्ला BJP प्रवक्ता बताते हैं, "इन सभी घटनाओं में सरकार द्वारा उपयुक्त कार्रवाई की गई है। चंदौली में आरोपी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की गई। सस्पेंड करने के साथ ही सभी के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है।"

जबकि आई पी सिंह, प्रवक्ता समाजवादी पार्टी का कहना है कि, "सरकार पुलिस का इस्तेमाल अपराधियों के नाम पर जनता के खिलाफ कर रही है। सरकार में लगातार कानूनी व्यवस्था गिरती जा रही है।"

"यह सभी अप्राकृतिक घटनाएं चिंताजनक है। पुलिस को प्रशिक्षण की बहुत अधिक आवश्यकता हो गई है। दबिश के दौरान यह महत्त्वपूर्ण है कि अपराधी किस किस्म का है। 2 साल से अधिक अथवा 7 साल से अधिक। दबिश देने से पहले पुलिस को नोटिस भेजनी चाहिए। इसके साथ ही यदि किसी के घर दबिश दी जा रही है तो क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति सहित एक असलहाधारी क्षेत्रीय व्यक्ति साथ होना चाहिए," द मूकनायक से विक्रम सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक,उत्तर प्रदेश ने कहा।

सेवानिवृत्त आईपीएस एवम समाजिक कार्यकर्ता अमिताभ ठाकुर द मूकनायक से बातचीत के दौरान बताते हैं कि, "ऐसी घटनाओं में जब पुलिस पर ऐसे गम्भीर आरोप लगते हैं तो उन्हें प्रथम दृष्टया सही माना जाना चाहिए। जब तक पुलिस के पास इन आरोपों को गलत साबित करने का कोई ठोस सबूत न हो।"

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