उत्तर प्रदेश। यूपी के बलिया में दुधमुंहे बच्चे को पूजा के दौरान खौलते दूध से नहलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चे के मां-बाप हाथ जोड़े कुछ दूर खड़े हैं और आस-पास खड़े लोग जय-जयकार कर रहे हैं। इस मामले द मूकनायक प्रतिनिधि ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक को जब यह वीडियो भेजा, तब वीडियो पर संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष ने कार्रवाई की बात कही.
यूपी में बलिया के नरही थाना क्षेत्र के श्रवणपुर गांव है। जानकारी के मुताबिक 26 जून को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार इस आयोजन को 'कड़ाहा पूजा' कहते हैं। कुछ लोग इसे काशी बाबा पूजा भी कहते हैं। वीडियो में दिख रहा है कि उपलों पर कई मिट्टी के बर्तनों में दूध को खौलाया जा रहा है। इस दौरान एक सख्स खौलते दूध को बार बार अपने हाथों से निकालता है और अपने शरीर पर छिड़कता है।
इसी दौरान उसके पास ही एक बच्चा भी दिखाई देता है जिसकी उम्र सालभर से भी कम नजर आती है। वह आदमी पहले खौलते दूध को अपने हाथ में से बर्तन से निकालता है फिर उसे बच्चे के ऊपर डालता है। उसके ऐसा करते ही लोग जय-जयकार करने लगते हैं। फिर वह बच्चे को गोद में लेकर चारों तरफ चक्कर लगाता है फिर दोबारा खौलते दूध के पास आता है और दूध के झाग को निकालकर बच्चे के पूरे शरीर पर रगड़ता है। इस दौरान बच्चे के मां-बाप हाथ जोड़े खड़े रहते हैं और लोग जोर-जोर से जयकारा लगते रहते हैं।
एक स्थानीय ग्रामीण के अनुसार इस तरह से बच्चे को खौलते दूध के झाग से रगड़ने वाले शख्स का नाम अनिल यादव है। लोग उन्हें अनिल भगत के नाम से पुकारते हैं। गांव वाले मानते हैं कि इस तरह की पूजा से सुख-शांति आती है और परिवार परेशानियों से मुक्त हो जाता है। अनिल भगत का कहना है कि काशी बाबा की पूजा का इस क्षेत्र में काफी महत्व है। यह पूजा सुख-शांति के लिए की जाती है। यह पूजा लोगों को विपत्तियों से दूर रखती है। वह खुद साल में एक बार अपने घर में इस पूजा का आयोजन करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने एक बार यह पूजा कराई थी।
एक ग्रामीण के अनुसार कड़ाहा या कराहा पूजा भगवान कृष्ण और कुछ अन्य देवताओं को समर्पित है। इस पूजा में मिट्टी के घड़े में दूध उबाला जाता है। कुछ पुजारी एक घड़े का उपयोग करते हैं और कुछ लोग एक से ज्यादा घड़ों में दूध उबालते हैं। खीर भी बनाई जाती है।
पूजा करने वाले भगत उबलते दूध से स्नान करते हैं। यह पूजा बलिया, वाराणसी और पूर्वी यूपी के अन्य जिलों के दूरदराज के इलाकों में बहुत आम है।आमतौर पर यह पूजा यादव समाज के लोग ही करवाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा सौभाग्य, समृद्धि लाती है और इसे करवाने वालों के परिवार के सदस्यों की रक्षा करती है।
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