लखनऊ। यूपी के मथुरा में बीते 18 नवंबर को एक लड़की की लाश सूटकेस में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने युवती की तस्वीरें जारी की थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवती की पहचान उसके पति ने कर ली थी। जिसके बाद उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक युवती के पति ने घर से मिलने वाली प्रताड़ना, घर के सदस्यों की जानकारी और घर का पता दिया। पति की निशानदेही पर पुलिस युवती के घर पहुंच गई। युवती के माता-पिता ने युवती को पहचानने से इनकार किया। लेकिन युवती के भाई ने युवती को पहचान लिया। इस पर पुलिस का शक और गहरा गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस ले जाकर पहले शिनाख्त कराई। इसके बाद माता-पिता दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस की पूछताछ में आयुषी यादव की हत्या करने की बात युवती के पिता नितेश यादव ने कबूल कर ली। नितेश यादव ने अपनी बेटी के सीने में धड़ाधड़ दो गोली मारी थीं। वारदात के समय आयुषी यादव की मां भी मौजूद थी। हत्या करने के बाद दोनों पति-पत्नी अपनी बेटी के शव को सूटकेस में पैक करके 150 किलोमीटर दूर मथुरा ले गए और वहां पर फेंक दिया। पुलिस ने इस घटना में दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानिए क्यों की थी हत्या?
पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तब नितेश यादव ने बताया कि, "मेरी बेटी आयुषी का भरतपुर में रहने वाले छत्रपाल नामक एक लड़के से अफेयर चल रहा था। मेरी बेटी आयुष यादव और छत्रपाल ने करीब एक साल पहले एक आर्य समाज मंदिर में जाकर शादी भी कर ली थी। उसके बावजूद भी आयुषी हमारे साथ रहती थी।"
गुस्से और एकाएक में बेटी को मारी गोली
नितेश यादव ने कहा कि, "हम इस शादी के बिल्कुल खिलाफ थे। इसी बात को लेकर अधिकतर घर में झगड़ा हुआ करता था। बीते 17 नवंबर की दोपहर आयुषी का उसकी मां बृजबाला से इस बात को लेकर झगड़ा हो गया। जिसके बाद इसकी जानकारी मुझे दी गई। मैं घर पहुंचा और अपनी बेटी को समझाने लगा, लेकिन मेरी बेटी ने किसी की एक नहीं सुनी। मेरी बेटी मुझको और मेरी घरवाली को लगातार जलील कर रही थी। जिसकी वजह से मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसके सीने पर गोली मार दी।" दोनों पति-पत्नी ने इस बात का खुलासा पुलिस के सामने रोते हुए किया। बृजवाला का कहना है कि, उन्होंने अपनी बेटी को काफी बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी बेटी एक नहीं सुनती थी। यह सब गुस्से में और एकाएक में हुआ है।
कैसे दिल्ली से मथुरा पहुंचा आयुषी का शव!
इस मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुषी यादव की हत्या दोपहर के समय गोली मारकर की गई थी। उसके बाद 12 घंटे तक लड़की के शव को घर में ही रखा गया था। करीब 12 घंटे बाद नितेश यादव ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर आयुषी के शव को सूटकेस में पैक किया और 18 नवंबर की सुबह करीब 3 बजे गाड़ी में लाश को रखकर यमुना एक्सप्रेसवे की तरफ चल पड़े। रास्ते में मथुरा इलाके में सूटकेस को फेंककर वापस दिल्ली आ गए। गाड़ी को नितेश यादव चला रहे थे और बराबर वाली सीट पर उनकी पत्नी बृजबाला बैठी हुई थी। पीछे बेटी का शव सूटकेस में पैक था।
20 हजार मोबाइल और 210 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
पुलिस ने केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि हरियाणा और दिल्ली की भी पुलिस से संपर्क किया। आयुषी यादव की पहचान के लिए 20 हजार मोबाइल और 210 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए हैं। इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, हाथरस, बुलंदशहर, मथुरा, दिल्ली, गुरुग्राम और राजस्थान समेत कई इलाकों में लड़की के पोस्टर छपवाए गए थे। जिसके बाद लड़की की पहचान आयुषी यादव के रूप में हुई।
नहीं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
पुलिस का शक यकीन में तब बदला जब लड़की के परिजनों ने अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई थी। जब पुलिस नितेश यादव के घर पहुंची और उनकी बेटी की बारे में पूछताछ की तो परिजनों ने कह दिया कि उनको अपनी बेटी के बारे में पता नहीं कि वह कहां गई है। जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और पूछताछ के लिए साथ लेकर आ गई। पुलिस लड़की के भाई और मां को मथुरा लेकर आई। मथुरा में पोस्टमार्टम हाउस लेकर गई। वहां पर लड़की की मां अपनी बेटी के शव को देखकर रोने लगी। जिस समय पुलिस आयुषी के घर पहुंची, उस समय नितेश यादव घर पर नहीं था।
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