गंडक नदी: जलस्तर गिरा, कटान का खतरा बढ़ा, ग्रामीण चिंतित

गंडक नदी, कुशीनगर - उत्तर प्रदेश [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]
गंडक नदी, कुशीनगर - उत्तर प्रदेश [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]

गंडक नदी के किनारों पर बसे करीब 500 गांव बाढ़ से सीधे प्रभावित होते है। किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद होने की कगार पर है। जनजीवन प्रभावित हो सकते हैं।

यूपी के कुशीनगर जिले से होकर बहने वाली बड़ी गंडक नदी के जलस्तर में हो रहे लगातार परिवर्तन से कटान का खतरा बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह से गंडक के जलस्तर में लगातार परिवर्तन देखा जा रहा है।

वहीं बीते बुधवार को नदी के जलस्तर में भारी परिवर्तन दर्ज किया गया। डिस्चार्ज भी 2 लाख क्यूसेक को पार कर गया है। जलस्तर में परिवर्तन से खड्डा ब्लॉक के निचले क्षेत्र में रहने वाले लोग बुरी तरह भयभीत हैं। वहीं शनिवार की सुबह डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 50 हजार तक आया है। नदी में जलस्तर घटने से प्रभावित क्षेत्रों में कटान की स्थिति उत्पन्न हो रही है। हालांकि खड्डा के महदेवा और तमकुहीराज के नोनियापट्टी पर कटान का अत्यधिक खतरा मंडरा रहा है। 

ग्रामीणों में भय व्याप्त है कि गंडक नदी डाउन स्ट्रीम कटान करती है तो मुसीबत हो जाएगी। बड़ी गंडक नदी में नदी के स्थिति में परिवर्तन होने से खड्डा के रेता क्षेत्र में गंडक नदी के द्वारा कटान की स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बढ़ चुका है। वहीं नेपाल के जल क्षेत्र में बारिश की स्थिति थमने से वाल्मीकि गंडक बैराज पर गंडक नदी का डिस्चार्ज भी धीरे-धीरे कम हो रहा है। 

गंडक नदी विरभार ठोकर से टकराते हुए सीधे रेताक्षेत्र के शाहपुर, ज्वालापुर, महादेवा के तरफ बढ़ रही है। जिससे कि गंडक नदी के द्वारा कटान की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उल्लेखनीय है गंडक नदी के किनारों पर बसे करीब 500 गांव बाढ़ से सीधे प्रभावित होते है।

गंडक नदी का बढ़ता जलस्तर [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]
गंडक नदी का बढ़ता जलस्तर [फोटो- बृजेश शर्मा, द मूकनायक]

ग्रामीणों में चिंता

स्थानीय निवासी दुर्गेश गुप्ता ने बताया कि खड्डा के निचले क्षेत्र में नदी के डाउन स्ट्रीम करने से कटान की भयानक स्थिति उत्पन्न होगी। हमलोग चिंतित है। अपने फसल और जनजीवन के लिए। सरकार को बचाव के लिए त्वरित कदम उठाना चाहिए।

स्थानीय निवासी सुदर्शन ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है। नदी के कटान से हजारों एकड़ फसल बर्बाद होती है, जानमाल भी प्रभावित होता है। हम परेशान हैं कि कोई अनहोनी न हो। जल्द से जल्द बचाव के लिए कदम उठाए जाएं। 

इधर, बाढ़ खंड एसडीओ एसके प्रियदर्शी ने कहा कि बचाव कार्य जारी है। तटबंधों पर चौकसी भी बरती जा रही है। 

कटान से क्या होगा प्रभावित

गंडक नदी के डाउन स्ट्रीम से नदी के किनारे बसे गांव बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे। किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद होने की कगार पर है। जनजीवन प्रभावित होगा।

गंडक नदी का उद्गम

गंडक जिसे नारायणी नदी भी कहा जाता है। मध्य नेपाल और उत्तरी भारत में बहती है। यह काली और त्रिसुली नदियों के मिलन से बनती है जो नेपाल में ग्रेट हिमालय रेंज से निकलती हैं। इस जंक्शन से भारतीय सीमा तक नदी को नारायणी कहा जाता है। यह भारत में दक्षिण.पश्चिम की ओर बहती है और फिर उत्तर प्रदेश बिहार राज्य की सीमा के साथ-साथ भारत.गंगा के मैदान में दक्षिण.पूर्व की ओर मुड़ जाती है। यह 475 मील, 765 किमी के घुमावदार रास्ते के बाद पटना के सामने गंगा नही से संगम करती है। बूढ़ी (पुरानी) गंडक एक पुराने चौनल में गंडक नदी के समानांतर और पूर्व में बहती है। यह मुंगेर के उत्तर पूर्व में गंगा में मिलती है।

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