उत्तर प्रदेश: ‘सामाजिक विज्ञान’ लिखते समय ’आ’ की मात्रा नहीं लगाने पर दलित छात्र की पिटाई, इलाज के दौरान मौत

परीक्षा के समय दी गई कॉपी में सामाजिक विज्ञान लिखते समय ’आ’ की मात्रा गलत होने पर सवर्ण शिक्षक द्वारा छात्र की बर्बरता से पिटाई
परीक्षा के समय दी गई कॉपी में सामाजिक विज्ञान लिखते समय ’आ’ की मात्रा गलत होने पर सवर्ण शिक्षक द्वारा छात्र की बर्बरता से पिटाई

लखनऊ। यूपी में औरैया जिले के अछल्दा क्षेत्र के एक इंटर कॉलेज में दलित छात्र द्वारा परीक्षा के समय दी गई कॉपी में सामाजिक विज्ञान लिखते समय 'आ' की मात्रा गलत होने पर सवर्ण शिक्षक द्वारा बर्बरता से पिटाई की गई। पिटाई के बाद छात्र को बुखार आने लगा। परिजनों ने छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया। लगभग दो सप्ताह से अधिक इलाज होने के बाद छात्र ने गत रविवार शाम अस्पताल में दम तोड़ दिया।

पुलिस ने पिता की तहरीर पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस सूत्र का कहना है, कुछ बच्चों ने पूछताछ में बताया कि छात्र ने ओएमआर शीट में एक उत्तर में दो गोले भर दिए थे। जबकि पिता का कहना है कि विषय के नाम में सामाजिक में 'आ' की मात्रा नहीं लगाने पर ऐसा हुआ। पुलिस सूत्र यह भी बता रहे हैं कि, "छात्र की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। वह बीमार था। उसका इलाज भी चल रहा था। पुलिस सभी साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है।"

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी में औरैया के अछल्दा क्षेत्र के कालेज में वैशोली गांव का रहने वाला निखित कुमार दोहरे (15) दसवीं में पढ़ता था। उसके पिता राजू दोहरे ने बताया, "7 सितंबर 2022 को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्वनी सिंह ने क्लास में टेस्ट लिया था। टेस्ट के लिए मेरे बेटे ने खूब पढ़ाई भी की थी। वह पढ़ने में ठीक था, लेकिन टेस्ट में उससे मात्रा की गलती हो गई। वह शब्द गलत हो गया। इस बात को लेकर टीचर अश्वनी सिंह ने मेरे बेटे को बाल पकड़ कर लात घूसों और डंडों से इतना पीटा की वह स्कूल में ही बेहोश हो गया।"

विरोध हुआ तो टीचर ने कराया था इलाज

छात्र के पिता ने बताया, "बेटे के बेहोश होने की जानकारी होने के बाद हम लोग स्कूल पहुंचे तो पहले तो धमकाया गया, जब हमने विरोध किया तो प्रिंसिपल के दखल के बाद टीचर अश्वनी ने उसका इलाज इटावा के एक प्राइवेट अस्पताल में कराने की बात कही। वहां करीब 40 हजार का खर्च आया। डाक्टरों ने बताया कि बच्चे को बहुत सारी अंदरूनी चोटें आई थीं। जब इटावा के डॉक्टरों से मामला नहीं संभला तो दो दिन पहले बच्चे को लखनऊ रेफर कर दिया।"

छात्र के पिता ने कहा, "यह जानकारी जब हमने अश्वनी सिंह को उसके घर जाकर दी तो वह नाराज हो गया। उसने हमें गालियां दीं। जातिसूचक शब्द कहे। हमें अपने घर से भगा दिया। हम फिर थाने गए। वहां रिपोर्ट दर्ज करवाई। बच्चे को हम घर ले आए थे। पुलिस ने हालात देखते हुए हमारे बच्चे को इलाज के लिए सैफई में एडमिट करा दिया। हालांकि, मामला गंभीर था और समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से सोमवार सुबह मेरे बेटे निखिल की मौत हो गई।"

आरोपी टीचर फरार, गांव में पहुंची भीम आर्मी

बच्चे निखित की मौत की खबर मिलते ही टीचर अश्वनी सिंह फरार हो गया है। आदर्श इंटर कॉलेज बंद है। वहीं, दलित बच्चे की मौत की खबर मिलते ही भीम आर्मी के सदस्य गांव पहुंच गए हैं। गांव में तनाव को देखते हुए फोर्स भी तैनात कर दी गई है।

पिता ने बताया, "हम पति-पत्नी अभी इटावा में अपने बेटे का पोस्टमॉर्टम करा रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे को इंसाफ मिले। हम अपने बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई के लिए भेजते हैं। लेकिन टीचर उन्हें पीट-पीट कर मार डालते हैं।"

क्या कहना है क्षेत्रीय पुलिस का?

अछल्दा थाना प्रभारी ललित कुमार ने बताया, "इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बच्चे की मौत की सूचना मिली है। आरोपी टीचर फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है। मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

स्कूल जाने पर लगाई रोक

राजू दोहरे खेती कर अपने परिवार का खर्च चलाता है। उसके तीन बच्चे हैं, जिसमें से अब निखित की मौत हो गई है। इससे परिवार सदमें में है। राजू ने बताया कि वह अपने 12 साल के बेटे राघव और 6 साल के बेटे अभिषेक को स्कूल नहीं भेजेगा।

छुट्टी पर प्रधानाचार्य

प्रधानाचार्य सुशील कुमार तिवारी ने बताया, "मैं 5 सितंबर 2022 से अवकाश पर था। सूचना पर आज पहुंच पाया हूँ।" कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुरेश का कहना है, "मुझे घटना की जानकारी नहीं है। 3 दिन बाद जब अभिभावक शिकायत करने आए तब घटना की जानकारी हुई है।"

पुलिस अधीक्षक, औरैया, चारु निगम ने बताया, "छात्र की मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सीएमओ से पत्राचार कर छात्र के शव के पोस्टमार्टम में वीडियोग्राफी कराई जा रही है। आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दबिश दी जा रही है।"

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