फॉलोअप: सारस को रखने पर आरिफ के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज

वन विभाग ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा, हो सकती है कानूनी कार्रवाई.
फॉलोअप: सारस को रखने पर आरिफ के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज

लखनऊ। यूपी में अमेठी के जामो क्षेत्र के मंडखा गांव निवासी मो. आरिफ और सारस की दोस्ती के किस्से दोनों के अलग होने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। सारस पक्षी को पहले समसपुर पक्षी विहार रायबरेली फिर शनिवार को कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है। इधर, वन विभाग ने आरिफ के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। विभाग ने नोटिस जारी करते हुए दो अप्रैल को आरिफ को बयान दर्ज करने के लिए अपने कार्यालय पर बुलाया है। सहायक वन संरक्षक रणवीर मिश्र ने दो अप्रैल सुबह 11 बजे कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी, अमेठी वन प्रभाग, में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यूपी में अमेठी जिले की गौरीगंज तहसील के जामो विकास खण्ड के मंडका गांव में किसान मोहम्मद आरिफ को अक्टूबर 2021 में एक घायल सारस खेत में पड़ा मिला था। तब से वह उसकी सेवा कर रहे थे। एक बार सोशल मीडिया पर आरिफ के साथ सारस का वीडियो वायरल हो गया। उसके बाद वह अखबारों और चैनलों की सुर्खियों में आ गए, जिसके बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सारस से मिलने पहुंच गए। अखिलेश के आरिफ और सारस से मिलने के बाद राजनीति गरम हो गई।

वनाधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक को लिखी थी चिट्ठी

प्रभागीय वनाधिकारी अमेठी डीएन सिंह ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर सारस को उसके प्राकृतिक वास समसपुर पक्षी विहार में छोड़े जाने की अनुमति मांगी थी। जिस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने प्रभागीय वनाधिकारी को सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ समसपुर पक्षी विहार छोड़ने की अनुमति दी थी। जिसके बाद बीते 21 मार्च 2023 को अमेठी जिला प्रशासन की टीम रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ आरिफ के घर पहुंच गई थी। पक्षी को समसपुर पक्षी विहार लाया गया। एसडीओ रामवीर मिश्र व क्षेत्रीय वनाधिकारी ने पक्षी विहार में सारस को छोड़ा था। डीएफओ ने बताया था कि सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ उसके प्राकृतिक वास स्थल पर छोड़ दिया गया है। पूरे मामले की वीडियोग्राफी भी कराई गई।

फॉलोअप: सारस को रखने पर आरिफ के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज
यूपी: आरिफ के दोस्त सारस को पक्षी विहार के म्यूजियम में किया गया कैद!

22 मार्च को सारस आरिफ की तलाश में उड़कर चला गया था। सारस के वापस न लौटने पर वन विहार के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। देर रात सारस पक्षी विहार से 5 किमी दूर बिसैया गांव में मिला था। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने एक बार फिर सारस को कब्जे में ले लिया और वीआइसी बिल्डिंग में कैद कर दिया था। दो दिन कमरे में बन्द रखने के बाद जब द मूकनायक ने इस घटना पर खबर लिखी तो अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। सारस को 25 मार्च की सुबह लखनऊ प्राणी उद्यान के वाहन से पहले लखनऊ ले जाया जा रहा था। फिर अचानक उसे कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया।

आरिफ के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

सारस एक वन्य जीव है। यह विलुप्त हो रहे पक्षियों की श्रेणी में आता है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का हवाला देते हुए एक साल तक सारस को अपने पास रखने व वन विभाग को इसकी जानकारी न देने पर वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत धारा- 2,9,29,51,52 का उल्लंघन करने पर आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही आरिफ को नोटिस जारी कर 2 अप्रैल तक बयान दर्ज कराने को कहा गया है।

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