“भाई की मौत के बाद मैं अकेला पड़ गया हूँ। जिम्मेदारियों का बोझ अब मेरे कंधे पर है” — ऑटो चालक की निर्मम हत्या पर भाई का दर्द

अवैध वसूली का विरोध करने पर ऑटो चालक की पीट-पीटकर हत्या
अवैध वसूली का विरोध करने पर ऑटो चालक की पीट-पीटकर हत्या

अवैध वसूली का विरोध करने पर ऑटो चालक की पीट-पीटकर हत्या, सदमें में मृतक का परिवार।

लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में दो पुलिस चौकियों से महज 150 मीटर की दूरी पर हुई घटना

लखनऊ। "हम दोनों भाइयों ने ऑटो चलाकर जो पैसे जोड़े थे। उससे पिताजी के ब्रेन हैमरेज का दो बार ऑपरेशन करवाया है। इलाज में अब तक कुल 7 लाख खर्च हो चुके हैं। दवाई अभी भी चल रही है। दोनों बहनों की शादी भी करवानी है। भाई की मौत के बाद मैं अकेला पड़ गया हूँ।" मृतक ऑटो चालक सुभाष चंद्र पाल (25) के भाई रविप्रताप ने द मूकनायक को रो-रोकर अपनी व्यथा बताई।

सुभाष की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के रायबरेली हाईवे पर गत रविवार देर रात करीब सवा 12 बजे मनबढों ने वसूली नहीं देने पर लाठी-डंडोें से पीटकर व ईंट से कूंचकर हत्या कर दी थी। वारदात पीजीआई थाने की दो पुलिस चौकियों के बीच में हुई थी। घटनास्थल से दोनों चौकियों के बीच की दूरी महज डेढ़ सौ मीटर बताई जा रही है।

सुभाष के पिता और बड़े भाई [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]
सुभाष के पिता और बड़े भाई [फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक]

क्या है पूरा मामला?

यूपी के बाराबंकी के लोनी कटरा में गनहारी के पूरे नर्दही के रहने वाले सदाराम पाल राजधानी लखनऊ की वृंदावन सेक्टर-5 डूडा कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। बेटियों की पढ़ाई और बेटो के रोजगार के लिए पूरा परिवार लखनऊ में रहता था। सदाराम के परिवार में दो बेटे रवि प्रताप पाल (30) और सुभाष चन्द्र पाल, और दो बेटियां सुभाषिनी पाल (23) और आशिनी पाल (20) एवं उनकी पत्नी है। सदाराम को ब्रेन हैमरेज होने के कारण वह अस्वस्थ रहते हैं। सदाराम के दोनों बेटे घर का खर्च चलाने के लिए सुबह शाम बारी-बारी से ऑटो चलाते हैं।

सदाराम के मुताबिक, "रविवार रात करीब 12:15 बजे सुभाष लखनऊ-रायबरेली हाईवे पर पीजीआई से अर्जुनगंज की तरफ जा रहा था। इसी बीच हाईवे पर ही एल्डिको चौकी के पास बाइक व कार सवार कुछ दबंगों ने उसे घेरकर रोक लिया। उसे बीच हाईवे पर ऑटो से खींचकर सड़क पर गिरा दिया। इसके बाद लाठी-डंडों से जमकर पीटा। फिर ईंट से कूंचकर अधमरा कर दिया। यह देखकर उधर से गुजर रहे राहगीरों ने बीच-बचाव की कोशिश की तो उनको भी हमलावरों ने धमकाकर भगा दिया। सुभाष सड़क पर तड़पता रहा।"

पुलिस ने घायल अवस्था में सुभाष को पहुंचाया अस्पताल

सुभाष को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदाराम ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि उतरेठिया में अवैध ऑटो स्टैंड चलाने वाले चंदन मिश्रा और उसके साथियों ने सुभाष की हत्या की है। प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक, चंदन मिश्रा व अन्य पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। वहीं आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

अवैध वसूली के विरोध पर एक माह पूर्व भी पीटा था

पिता का आरोप है कि, चंदन मिश्रा लगातार अवैध वसूली के लिए दबाव बना रहा था, जिसका विरोध सुभाष कर रहा था। पिछले एक महीने से सुभाष ने चंदन को वसूली नहीं दी थी। इसे लेकर कई बार उसे धमकी दी गई। एक महीने पहले भी चंदन के साथियों ने उससे मारपीट की थी।

प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, वारदात स्थल के पास तीन प्रतिष्ठानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन सभी खराब हैं। इसी कारण पुलिस कुछ दूरी पर मिले सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है।

एक ऑटो से हर महीने वसूले जाते हैं दो हजार रुपए!

पिता सदाराम ने आरोप लगाया कि, चंदन मिश्रा उतरेठिया पर अवैध ऑटो स्टैंड संचालित करता है। वहां से चलने वाले हर ऑटो को महीने में दो हजार रुपए देने होते हैं। बिना वसूली ऑटो नहीं चल सकता। विरोध पर ऑटो चालकों की पिटाई होती है और अतिरिक्त वसूली भी की जाती है।

घर जिम्मेदार था सुभाष

बड़े भाई रवि प्रताप पाल ने बताया, "हम दोनों दिन रात ऑटो चलाकर रुपए इकट्टा करते थे। इसी रुपए से हमारा घर का राशन एवं अन्य खर्चे पूरे होते थे। हम दोनों की कमाई से सुभाषिनी को बीटीसी पढ़ाया। आशिनी को बीए फाइनल करा दिया है। इस साल एमए में दाखिला दिलाना था। कालेज की फीस 20 हजार है। इसे भरने के लिए हम दोनों दिन रात मेहनत कर रहे थे। अभी दोनों बहनों की शादी के लिए भी व्यवस्था करनी है।"

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