Follow UP: दलितों के लिए जमीन मांगने पर जेल भेजे गए पूर्व IPS सहित 9 लोगों को मिली जमानत

18 दिन जेल में रहे, कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया.
Follow UP: दलितों के लिए जमीन मांगने पर जेल भेजे गए पूर्व IPS सहित 9 लोगों को मिली जमानत

लखनऊ। गोरखपुर जिले में दलितों के लिए एक एकड़ जमीन मांगने के आंदोलन में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए पूर्व आईपीएस, लेखक, पत्रकार सहित सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शनिवार को जमानत मिल गई। 18 दिन जेल में रहने के बाद पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, डॉ. रामू सिद्धार्थ, प्रकाश निराला सहित 9 अन्य को कोर्ट ने आज जमानत मंजूर कर ली है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के गोरखपुर जिले में दलित, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम भूमिहीन परिवारों को एक-एक एकड़ जमीन देने की मांग की लड़ाई और अम्बेडकर जन मोर्चा का ये संघर्ष तीन साल पहले शुरू हुआ था। इसको लेकर जन मोर्चा ने कई बार और कई जगहों पर आंदोलन भी किया, और इसी को बरकरार रखते हुए उसने 7 अक्टूबर को हजारों की संख्या में आकर कमिश्नर कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की संख्या अधिक थी, पूरा कमिश्नर कार्यालय परिसर लोगों से भर गया था। आंदोलन के दौरान एक के बाद एक वक्ता आए और सभी ने इसी मुद्दे पर अपनी बात रखी थी। जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने कहा था कि अनुसूचित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के भूमिहीन परिवारों को एक-एक एकड़ जमीन मुहैया करायी जाए। यह लाभ इन लोगों को कैसे मिलेगा, ये सरकार को सोचना होगा। तेलंगाना राज्य की सरकार ने इस कार्य को पूरा किया है, उन्होंने जमीन खरीदकर गरीबों को दिया है। पिछले साल 17 दिसंबर से लेकर 17 मार्च तक धरना दिया था, लेकिन किसी ने भी हमें और हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया।

निराला ने आरोप लगाया था कि शाम को ज्ञापन देने के बाद आंदोलन समाप्त होना था। देर शाम तक कोई अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया। सभी लोग कमिश्नर कार्यालय में जमे रहे। रात करीब 10 बजे जिला अधिकारी कृष्णा करुणेश कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन लेकर आश्वासन दिया कि उनकी माँगो को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद आंदोलन में शामिल हुए लोग भी जाने लगे, तभी कमिश्नर कार्यालय से ही लेखक-पत्रकार डॉ. सिद्धार्थ को पुलिस ने गिरफ्तार कर थाना कैंट चली आई।

कुछ ही देर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला के घर पहुंच गए और उनके घर में घुसकर तलाशी ली। इधर कमिश्नर कार्यालय से लौट रहे श्रवण कुमार निराला को पैडलेगंज में पुलिस ने घेर लिया। उस वक्त निराला के साथ सैकड़ों लोग थे। आधी रात बाद सभी लोगों को देवरिया बाईपास के पास हिरासत में ले लिया गया और बस से कौड़ीराम ले जाया गया था।

पूर्व आईजी को पुलिस ने होटल से किया था गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक आंदोलन में शामिल पूर्व आईजी एवं दलित चिंतक एसआर दारापुरी तारामंडल स्थित एक होटल में रुके हुए थे। बुधवार सुबह वहां पुलिस पहुंच गयी और उन्हें रामगढ़ ताल थाना ले गई थी। बीते मंगलवार शाम को आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी बाद पुलिस ये बताने से भी इनकार कर रही थी कि उनको कहां बंद करके रखा गया है। इसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया। सभी गिरफ्तार किए गए लोगों के वकीलों ने जमानत के लिए सीजीएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाफी कोर्ट के द्वारा जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 26 अक्टूबर को इस मामले में दोबारा सुनवाई हुई जिसके बाद 28 अक्टूबर को जमानत याचिका मंजूर कर ली गई।

यह प्रमुख लोग हुए थे गिरफ्तार?

यूपी के गोरखपुर जिले में 7 अक्टूबर को चर्चित अम्बेडकरवादी बुद्धिजीवी और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी, पत्रकार सिद्धार्थ रामू, अंबेडकर जनमोर्चा के संयोजक श्रवण निराला व अन्य लोगों ने दलितों को एक एकड़ जमीन दिए जाने के लिए मंडलायुक्त कार्यालय पर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन किया। पूरे दिन कोई भी अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया था। देर रात अधिकारी ने पहुंचकर ज्ञापन लिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ। कुछ देर बाद ही पुलिस सभी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था।

Follow UP: दलितों के लिए जमीन मांगने पर जेल भेजे गए पूर्व IPS सहित 9 लोगों को मिली जमानत
गोरखपुर: दलित-पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की जमानत याचिका खारिज, 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई
Follow UP: दलितों के लिए जमीन मांगने पर जेल भेजे गए पूर्व IPS सहित 9 लोगों को मिली जमानत
उत्तर प्रदेश: दलितों के लिए जमीन की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेजने के पीछे गोरखपुर प्रशासन का ये खेल!
Follow UP: दलितों के लिए जमीन मांगने पर जेल भेजे गए पूर्व IPS सहित 9 लोगों को मिली जमानत
उत्तर प्रदेश: सुरक्षित होने के बावजूद फसलों पर जैविक कीटनाशकों के उपयोग से क्यों दूर हैं किसान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com