उत्तर प्रदेश: गोंड जाति को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा

मऊ जिले में अब तक जारी नहीं हुआ अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश: गोंड जाति को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा

लखनऊ। यूपी में समाज कल्याण मंत्री ने अधिसूचना जारी कर चार जिलों में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देकर प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया है। अब से चार जिलों में गोंड समुदाय को अनुसूचित जनजाति से होने वाले सभी लाभ मिलेंगे। मऊ जिले में अब तक गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ। बीती 27 को इस जाति के एक संगठन ने विरोध प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला था।

जानिए क्या अभिसूचना हुई जारी

उत्तर प्रदेश में असीम अरुण अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित समाज कल्याण के राज्यमंत्री हैं। 2 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार और ज़िलों संतकबीरनगर, कुशीनगर, चंदौली और भदोही में गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देते हुए प्रमाण पत्र जारी करने का फैसला किया है।

समाज कल्याण के प्रमुख सचिव डा. हरिओम ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए संबंधित ज़िलों के ज़िलाधिकारियों को निर्देश भेज दिया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान (अनुसूचित जाति) व (अनुसूचित जनजातियाँ) उत्तर प्रदेश के क्रम में (अनुसूचित जातियाँ एवं अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश द्वितीय संशोधन को मंजूरी दे दी है।

इसमें उत्तर प्रदेश में गोंड (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड) को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर दिया है। इसके आधार पर मिर्जापुर व सोनभद्र के साथ अब चार और ज़िलों संतकबीरनगर, कुशीनगर, चंदौली व भदोही में निवास करने वाली इन जातियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

मऊ में अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी न करने पर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन

अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर बीते 27 फरवरी 2023 को जुलूस निकाला। जुलूस में शामिल कार्यकर्ता जिला अस्पताल के सामने उग्र हो गए थे । सड़क के बीचोंबीच बैठ गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाकर जुलूस को रवाना किया था। जुलूस कलेक्ट्रेट मार्ग पर जैसे ही पहुंचा, प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। लगभग आधा घंटा बाद प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर नारेबाजी की थी। साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। धरने को संबोधित करते हुए सांसद नवकुमार सरनीया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोंड जनजाति के लोग हैं। इनको जिला प्रशासन अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र तत्काल जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर तत्काल जिला प्रशासन गोंड जाति का प्रमाणपत्र जारी नहीं करता है तो पार्लियामेंट कमेटी के समक्ष जिलाधिकारी को प्रस्तुत होकर जवाब देना होगा।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनिवास गोंड ने कहा कि पूरे प्रदेश में गोंड समाज के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र जिला प्रशासन नहीं बना रहा है। इसको कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिनका जाति प्रमाण पत्र पूर्व में जारी है उनका जाति प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए।

विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित धरने में प्रशासनिक अधिकारियों ने गोंड समाज के लोगों का जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक जारी नहीं किया जा सका है। धरने को रमाकांत गोंड, भूपेंद्र गोंड, आशा देवी, रामबचन गोंड, किशनलाल आदि ने संबोधित किया।

प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जनपद में जनजाति के आरक्षित सीट पर प्रधान, बीडीसी एवं मेंबर चुने गए हैं। उनका जाति प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से जारी किया जाए। गोंड जनजाति के पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति उनके खाते में भेजी जाए। नगर निकाय के चुनाव में अनुसूचित जनजाति सीट आरक्षित की जाए। अनुसूचित जनजाति के कक्षा छह तथा नौवीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को साइकिल दिया जाए।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को किया कलेक्ट्रेट रवाना: अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा के तत्वावधान में जुलूस की शक्ल में कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट रोड पर बैठकर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। इसपर पुलिस अधिकारियों तथा जवानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करने के लिए सभी को रवाना किया।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com