नोएडा। कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-20 में एक व्यापारी द्वारा दो आदिवासी बहनों को बंधक बनाकर 24 घंटे काम कराने का मामला सामने आया। जब "बचपन बचाओ अभियान" को इसकी जानकारी हुई, तो दोनों बच्चियों को चाइल्ड लाइन और नोएडा पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर रेस्क्यू किया। मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान झारखंड के कुछ लोगों पर इन बहनों को बेचे जाने का आरोप है। अधिकारियों मुताबिक दोनों नाबालिग बहनों से घरेलू नौकरानी के रूप में काम कराया जा रहा था।
झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली दोनों बहनों के न मिलने पर मानव तस्करी से संबंधित एक एफआईआर गुमला थाने में दर्ज की गई थी। जिसके बाद इन बहनों का कोई सुराग नहीं लगा था। नोएडा पुलिस की AHTU और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम के रेस्क्यू करने के बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद बाल कल्याण समिति द्वारा दोनों बच्चियों को शेल्टर होम में रखा गया है। परिजनो को इसकी सूचना भी दी गई है। द मूकनायक ने दोनों नाबालिग बहनों की मां से सपंर्क किया। बच्चियों की मां का कहना है, "साहब मैं अनपढ़ और गरीब हूं, अधिकारी फोन कर रहे हैं। लेकिन वह यह नहीं बता रहे हैं कि मेरी दोनों बेटियां कहां है। अधिकारी बोल रहे हैं, कि ऑफिस आओ… कुछ कागज बनाये जाएंगे उसके बाद ही बेटी से मिलने दिया जाएगा।"
क्या है पूरा मामला?
झारखंड के गुमला में रानी देवी (बदला हुआ नाम) अपने परिवार के साथ रहती हैं। रानी देवी के परिवार में उनका बेटा (20), एक बेटी (14), दूसरी बेटी (12) और बड़ी बेटी (25) हैं। रानी देवी के पति की मौत 2014 में पेट मे पथरी होने के कारण हो गई थी। बड़ी बेटी और बेटे की शादी हो चुकी है। घर चलाने के लिए रानी देवी दूसरे के खेतों में मजदूरी करती हैं। वर्तमान में रानी नोएडा के सेक्टर-50 में नौकरी कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक एक-एक कर दोनों बेटियों को गांव के ही रहने वाले बसन्त काम दिलवाने के बहाने ले गया। इसके बाद बेटियां नहीं लौटी। इस मामले में झारखंड के गुमला थाने में मानव तस्करी की एक FIR भी दर्ज कराई गई थी।
कहां थी दोनों बच्चियां, कैसे किया गया रेस्क्यू?
चाइल्ड लाइन के एमडी सत्य प्रकाश ने बताया कि, दोनों बच्चियों की जानकारी सबसे पहले "बचपन बचाओ अभियान" को हुई।
जिसके बाद उन्होंने चाइल्ड लाइन में सम्पर्क कर मामले की पूरी जानकारी दी। चाइल्ड लाइन के एमडी बताते हैं, "सूचना मिली कि नोएडा के सेक्टर 27 में एक व्यापारी के घर दो बच्चियों को घर मे ही रखकर घर काम कराया जा रहा है। चूंकि, दोनों वहीं रह भी रही थी इसलिए इस बात का भी संदेह है कि बच्चों से 13-14 घण्टे तो काम लिया ही जा रहा होगा।"
सत्य प्रकाश आगे बताते हैं, "बच्चियां एक व्यापारी के घर मे थी, तो उनकी अपनी सिक्योरिटी और गार्ड भी थे। इसलिए उसे हमारी टीम द्वारा अकेले रेस्कयू करने में खतरा हो सकता था, इसलिए नोएडा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी विनोद पवार से सम्पर्क किया गया। पुलिस की मौजूदगी में दोनों बच्चियों को मुक्त कराया गया।"
गांव का रहने वाला व्यक्ति लेकर आया था नोएडा
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, जांच के दौरान पता चला है कि इन किशोरियों के गांव का ही एक व्यक्ति बसंत अगस्त 2021 में उन्हें काम दिलवाने का झांसा देकर झारखंड से नोएडा लाया था। बसंत ने लड़कियों की मां से सहमति ली थी। बड़ी लड़की अगस्त 2021 में आई थी, जबकि छोटी लड़की जनवरी 2022 में आई थी। वो यहां सेक्टर 27 में एक दंपति के घर में काम कर रही थीं।
झारखंड के गुमला में दर्ज थी एफआईआर
बच्चियों के गायब होने के बाद मामले में, झारखंड के गुमला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें कहा गया है कि तस्करों ने लड़कियों को बेच दिया था और इसके लिए तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया था।
परिजनों को हो सकता था खतरा
चाइल्ड लाइन के एमडी सत्य प्रकाश अपना अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, "दोनों बच्चियों को बाल कल्याण समिति की देख-रेख में रखा गया है। मानव तस्करी जैसे मामलों में बाल कल्याण समिति का अपना दृष्टिकोण है। सुरक्षा की दृष्टि से बच्चियों को निगरानी में शेल्टर होम में रखा गया है। बाल कल्याण समिति पूरी जांच करने के बाद ही बच्चों को परिजनों के सुपुर्द करेगी। कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि बच्चों को परिजनों को सौंपा गया और फिर दोबारा बच्चे को भेज दिया जाता है।"
दोनों बच्चियों से होगी पूछताछ, बाल मजदूरी कराने पर जुर्माने के साथ हो सकती है रिकवरी
जानकारी के मुताबिक, दोनों बच्चियों का मेडिकल कराने के बाद निगरानी में रखा गया है। नाबालिगों की काउंसलिंग के साथ ही उनसे व्यापारी द्वारा लिए गए कामों की भी जांच की जा रही है। यदि नाबालिगों से अपेक्षा से अधिक काम लिया गया होगा तो इस मामले में व्यापारी पर जुर्माना लगाने के साथ ही वसूली भी की जाएगी।
गुमला थाने में दर्ज FIR में ही जोड़े जाएंगे आरोपी के नाम
एएचटीयू प्रभारी विनोद पंवार बताते हैं, "मामले में पहले से ही झारखंड के गुमला में मुकदमा दर्ज है। विवेचना के दौरान जितने भी लोग शामिल हैं सभी के नाम जोड़े जाने के साथ ही धाराएं भी बढाई जाएंगी।"
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.