मध्य प्रदेश: मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर आदिवासियों ने घेरा ग्वालियर कलेक्ट्रेट

पैदल मार्च कर पहुंचे जिला मुख्यालय, घेराव के बाद कलक्टर को सौंपा मांगपत्र
आदिवासियों ने घेरा ग्वालियर कलेक्ट्रेट
आदिवासियों ने घेरा ग्वालियर कलेक्ट्रेट

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के सैकड़ों आदिवासियों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। जिले के डबरा विकासखंड से पैदल मार्च निकालकर चले आदिवासी गत गुरुवार की शाम ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन अधिकारियों के रवैये को देखकर आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी।

सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग, विभन्न मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि प्रत्येक भूमिहीन आदिवासी परिवार को 5 एकड़ कृषि भूमि का पट्टा, जिन्हें आवास नहीं है उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना का लाभ मिले, इसके साथ ही योजनाओं में हो रही रिश्वतखोरी को बंद किया जाए। आदिवासियों की जमीनों पर दबगों द्वारा किए गए कब्जे को हटवाने, सस्ती बिजली देने, मनरेगा की मजदूरी 600 रुपए प्रतिदिन करने और 200 दिन के रोजगार की गारंटी देने की मांग को लेकर आदिवासियों का समूह डबरा से ग्वालियर जिला मुख्यालय पहुँचा था। यहाँ आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे आन्दोलनकारी आदिवासियों की मौजूदगी की सूचना मिलते ही आंदोलनकारियों के बीच पहले एसडीएम अशोक चौहान पहुँचे, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं देने पर आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट पर ही रात्रि विश्राम की घोषणा कर दी, रात्रि विश्राम की घोषण सुनते ही एडीएम टी एन सिंह आये और कहा कि कलेक्टर भोपाल है, लेकिन मैं उनकी तरफ से सभी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन देता हूँ।

प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों को जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया जिसके बाद रात में ही आन्दोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, यहाँ आंदोलनकारियों को सबोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश महासचिव अखिलेश यादव ने कहा कि ये छोटी जीत है अगर गरीबों की एकता मजबूत होती है तो हमारी सभी समस्याओं का समाधान होगा, उन्होंने कहा कि हमारी एकता ही हमारी जीत की गारंटी है।

प्रदर्शन में शामिल मध्य प्रदेश किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव ने बताया कि डबरा क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। किसी के पास खाने को अनाज नहीं है तो किसी के सर पर छत नहीं है। प्रशासन ने पूर्व में शासकीय योजनाओं से जोड़ कर समस्याओं के निराकरण की बात कही थी, लेकिन योजनाओं का लाभ गरीब आदिवासी परिवारों को नहीं मिला। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रशासन ने आश्वासन दिया है अगर हमारी मांगें नही मानी जाती है तो हम आंदोलन करेंगे।

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