30 साल से अपनी जमीन पर काबिज होने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे ये आदिवासी और दलित परिवार

30 साल से अपनी जमीन पर काबिज होने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे ये आदिवासी और दलित परिवार

जयपुर। राजस्थान के बारा जिले की किशनगंज तहसील में 30 से अधिक आदिवासी व दलित परिवारों की कृषि भूमि पर गांव के ही जमीदार द्वारा अवैध कब्जा करने का आरोप है। पीड़ित परिवार अपनी 250 बीघा भूमि पर वापस काबिज होने के लिए 30 साल से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन शासन में बैठे लोग इनकी पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है। सोमवार को एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर से मुलाकात की। कलक्टर (जिलाधिकारी) ने एक सप्ताह में समस्या समाधान का भरोसा दिलाया है।

भीम आर्मी प्रदेश संयोजक योगेश कुमार ने बताया कि, "पीड़ित आदिवासी व दलित परिवार पिछले एक पखवाड़े से किशनगंज तहसील मुख्यालय पर धरना देकर आवंटित भूमि पर कब्जा दिलाने की मांग कर थे। यहां कोई सुनवाई नहीं हुई तो 30 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर न्याय के लिए जिला मुख्यालय पर कलक्टर के पास पहुंचे है। बीते 3 दिन से वह यहां कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे थे। शनिवार व रविवार को अवकाश होने से किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। सोमवार दोपहर बाद जिला कलक्टर बात करने को राजी हुए। तब सात सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने कलक्टर से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई। इस पर कलक्टर ने एक सप्ताह में पूरे मामले की जांच करवा कर निस्तारण का भरोसा दिलाया है।"

यह है मामला?

भीम आर्मी जिला संयोजक बारा कमल बैरवा ने द मूकनायक को बताया कि, 1980 के बाद सीलिंग कानून के तहत बारा जिले की किशनगंज तहसील के गरड़ा गांव में सतयन्द्र सिंह नाम के जमीदार की खातेदारी निरस्त कर गांव के भूमिहीन किसानों को कृषि भूमि आवंटन हुई थी। आवंटन के बाद किसानों को कब्जा दिया गया।

किसान मनफूल सहरिया ने बताया कि, "1993 तक वहां गांव के अन्य किसान आवंटित भूमि पर फसल बुवाई करते रहे। 1993 में जमीदार ने आदिवासी ( सहरिया ) व दलित वर्ग से आने वाले लगभग 30 से अधिक परिवारों को आवंटित 250 बीघा भूमि में खड़ी फसल नष्ट कर दी। डरा धमका कर इन परिवारों को भूमि से भगा दिया। किसानों के साथ मारपीट कर बंदूक का भय दिखा कर भगाया गया।"

भीम आर्मी कोटा सम्भाग प्रभारी महेन्द्रपाल ने बताया कि पीड़ित परिवारों ने तहसील कार्यालय से लेकर जिला कलक्टर तक व आजीविका के लिए आवंटित भूमि वापस दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी। आरोप है कि स्थानीय प्रशासन जमीदार के दबाव में इन किसानों को उनका नहीं दिला पा रहा है।

कलक्ट्रेट के समक्ष किया प्रदर्शन

सोमवार को भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी व अन्य बहुजन संगठनों से जुड़े लोगों ने बारा जिला मुख्यालय पर बैठक कर प्रदर्शन किया। इस दौरान कृषक महिला प्रेम सहरिया, रंगू बाई, रूपा बाई, भूरा बाई, उर्मिला भी न्याय के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहीं हैं। मनफूल, कन्हीराम सहरिया, राजेन्द्र वाल्मीकि, रामप्रसाद सहरिया ने बताया कि उनके साथ अन्याय हो रहा है।

इस दौरान आजाद समाज पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा राम लखन मीणा, महासचिव संजय वाल्मीकि, कोटा बारां लोकसभा प्रभारी डॉ. धनराज आजाद, मुख्य संदेश वाहक बीएम मोखरियां, कोटा संभाग प्रभारी महेंद्र पाल, कोटा संभाग आईटी सेल प्रभारी बनवारी लाल बोध, जिला संयोजक कमल बैरवा, आजाद समाज पार्टी महासचिव अजय डागर, कोटा ग्रामीण संयोजक भेरूलाल अम्बेडकर, बूंदी जिला संयोजक प्रेम नारायण मेहरा, आदि समस्त जिम्मेदार पधाधिकारी उपस्थित रहे।

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