मध्य प्रदेश: सिंगरौली भाजपा विधायक के बेटे ने आदिवासी युवक को गोली मारी

घायल आदिवासी युवक
घायल आदिवासी युवक

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिंगरौली में भाजपा विधायक के बेटे ने एक आदिवासी युवक को विवाद के चलते गोली मार दी। गोली लगने के कारण युवक गंभीर घायल हो गया है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित की शिकायत पर मोरवा थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। घटना के बाद से ही आरोपी फरार है, पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

दरअसल, सिंगरौली जिले के मोरवा इलाके में गत गुरुवार की शाम करीब 6 बजे बीजेपी विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने अपनी पिस्टल से फायरिंग कर दी। गोली आदिवासी युवक सूर्य प्रकाश खैरवार के हाथ में लगी है। विधायक के बेटे का सूर्य प्रकाश के भाई से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। सूर्य प्रकाश बीचबचाव करने गया था। इस दौरान आरोपी विवेकानंद ने फायरिंग कर दी।

पीड़ित सूर्य प्रकाश ने पुलिस को बताया कि वह किराने का सामान लेने अपने रिश्तेदार के साथ बाइक से बाजार जा रहा था। उसके साथ लालचंद खैरवार और कैरू खैरवार भी थे। रास्ते में बूढ़ी माई मंदिर के पास मेरे भाई आदित्य खैरवार और राहुल से दीपक पनिका विवाद कर रहा था। यह देखकर मैंने बाइक रुकवाई। मैं बीचबचाव करने लगा। यहां खड़ी कार में बैठे विधायक के बेटे विवेकानंद वैश्य ने मुझ पर गोली चला दी। गोली मेरे हाथ में लगी।

गोली चलने की आवाज सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। उन्होंने विधायक के बेटे की कार का कांच फोड़ दिया। आरोपी विवेकानंद मौके से कार लेकर भाग गया। इस मामले में सिंगरौली उप पुलिस अधीक्षक राजीव पाठक ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपी विवेकानंद वैश्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी घटना के बाद मौके फरार हो गया था, जिसकी तलाश की जा रही है।

विवेकानंद पहले भी कर चुका वारदात

बीजेपी विधायक के बेटे विवेकानंद पहले भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 21 जुलाई 2022 को आरोपी विवेकानंद ने वन विभाग के चेकपोस्ट पर वनकर्मियों के साथ से मारपीट की थी। इसके बाद बंदूक से फायरिंग भी की थी। उस वक्त गोली वनकर्मी के पैर को छूते हुए निकल गई थी।

NCRB: आदिवासियों और बच्चों पर अपराध में एमपी अव्वल

एनसीआरबी 2021 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश बाल अपराध और आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में नंबर 1 पर है। प्रदेश में साल 2020 में आदिवासियों के उत्पीड़न मामले 20% बढ़े हैं। महिला अत्याचारों के मामले में मध्य प्रदेश देश में 3वें नंबर पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 2,401 केस दर्ज हुए थे।

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