Follow up रामप्रसाद मीणा आत्महत्या प्रकरण: तीसरे दिन भी नहीं हुआ शव का अंतिम संस्कार

भाजपा सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा सहित कई आदिवासी संगठन से जुड़े लोग शव के साथ धरने पर बैठे
धरने पर राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीना व अन्य
धरने पर राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीना व अन्य

जयपुर। राजस्थान सरकार के मंत्री व उसके गुर्गों से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने वाले चांदी की टकसाल निवासी आदिवासी रामप्रसाद मीना के शव का बुधवार तीसरे दिन भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका।

भाजपा सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा सहित कई आदिवासी संगठन से जुड़े लोग शव के साथ धरने पर बैठे हैं। इनकी मांग है कि मृतक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के सभी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी हो। पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले। इसके अलावा जिस मकान को लेकर यह पूरा घटनाक्रम हुआ सरकार उस घर का निर्माण पूरा कराए। रामप्रसाद सुसाइड मामले में राजस्थान सरकार के काबिना मंत्री महेश जोशी का नाम एफआईआर में शामिल होने के बावजूद सरकार की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विलाप करती मृतक की मां
विलाप करती मृतक की मां

सुसाइड मामले में आरोपी मंत्री ने दी सफाई

नामजद आरोपी मंत्री महेश जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है। मंत्री ने पत्रकारों से कहा 17 अप्रैल को मेरे विधानसभा क्षेत्र चांदी की टकसाल इलाके में रामप्रसाद नाम के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। यह जानकर के मुझे दुःख हुआ। मुझे पता लगा कि आत्महत्या करने से पहले रामप्रसाद मीना ने अन्य लोगों के साथ मुझ पर भी आरोप लगाया कि मैंने उसे परेशान किया, जोकि सरासर निराधार है।

मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मृतक या उसके परिवार को नहीं जानता। हां, कुछ दिन पूर्व किसी ने राजामल तालाब स्थित 260 वर्षों से अधिक पुराने श्री गिरधारी जी के मंदिर परिसर में हो रहे निर्माण को रुकवाने को कहा था। प्राचीन मंदिर से जुड़ी लोगों की धार्मिक आस्था को देखते हुए प्रकरण संवेदनशील लगा। इस लिए काम रुकवा कर मामले की जांच के लिए कहा।

मंत्री ने आगे कहा क्योंकि स्थानीय विधायक हूं। इस लिए मुझसे यह अपेक्षा की गई है कि में इसमे कार्रवाई करूं। इसमें लिखा है कि अवैध निर्माण रोकने का अनुरोध। मन्दिर वाड़े की जमीन में जारी अवैध अनैतिक पट्टा निरस्त करने के लिए। उन्होंने एक बार जताते हुए कहा कि यह मेरा कहना नहीं है। यह पुजारी का कहना है।

रामप्रसाद की पुत्री
रामप्रसाद की पुत्री

मंत्री कहते है कोई भी जनप्रतिनिधि यही करेगा। मैंने भी काम रुकवाया ताकि कागजों की जांच हो सके जो सही है उस पार्टी के साथ न्याय हो।

उन्होंने कहा कि आत्महत्या को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। न कोई यह चाहता कि कोई आत्महत्या करे, लेकिन फिर भी रामप्रसाद ने आत्महत्या की है।

मंत्री ने कहा अगर यह स्थिति उल्टी होती। काम वहां नहीं रुकता और पुजारी परिवार में से कोई ऐसा कदम उठा लेता तो भी बहुत खतरनाक होता।

मंत्री ने कहा मेरे से किसी को कोई डिमांड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। में खुद ही सारी जिम्मेदारी लेके जो उच्च नैतिक मूल्यों के अनुसार कदम उठाने चाहिए वो कदम अपने आप उठा लूंगा। मंत्री की सफाई के बाद राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हुई हैं।

आपको बता दें लगभग 260 वर्षों से गिरधारी जी का मंदिर जयपुर चांदी की टकसाल इलाके में है। यह मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन आता है। सूत्र बताते है कि मतृक रामप्रसाद मीणा के परिवार के लोग 70 सालों से यहां निवास कर रहे हैं।

शहीद भगत सिंह वैचारिक मंच प्रदेश संयोजक एडवोकेट मानसिंह मीणा एवं पूर्व संयुक्त सचिव राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर ने कहा कि मन्दिर के पास जिस भूमि पर रामप्रसाद का परिवार निवास करता है उस जगह के उनके पास वैध दस्तावेज भी है। नगरनिगम से जारी पट्टा भी है।

आरोप है कि मंदिर का कथित महंत ललित कुमार शर्मा मंदिर के नाम पर मृतक रामप्रसाद व उसके परिवार के खिलाफ आस-पास के लोगों को उकसा कर धार्मिक भावना भड़कता रहता था। वह लोगों से कहता कि ये कैसे मंदिर पर कब्जा करके घर बना रहे हैं। सुसाइड मामले में आरोपी मन्दिर महंत ललित कुमार शर्मा पर स्थानीय लोगों को मृतक आदिवासी रामप्रसाद मीना के परिवार की तरफ डायवर्ट कर यहां पूंजीपति और बड़े होटलों के मालिकों से सांठ गांठ कर मन्दिर भूमि में होटल निर्माण करवाने के आरोप भी लग रहे हैं।

जानकारों का कहना है रामप्रसाद मीना के घर का निर्माण मंत्री व पूंजीपतियों के इशारे पर रोक दिया गया। जबकि वहीं 4 मंजिला होटल खड़ा कर दिया गया। होटल की एंट्री भी मंदिर के अंदर से रखी गई थी। नगर निगम अधिकारियों को 4 मंजिल होटल नजर नहीं आया। उनकी निगाहें केवल रामप्रसाद के घर पर टिकी रही। रामप्रसाद के घर को ध्वस्त कर उस स्थान पर होटल के लिए पार्किंग बनाने की योजना थी।

आरोप यह भी है कि इसी वजह से होटल मालिक ने मंदिर के पुजारी से रामप्रसाद के खिलाफ मंत्री को शिकयात करवाई और फिर मंत्री के लोगों ने महंत के साथ मिलकर रामप्रसाद को इतना प्रताड़ित किया कि वह इस दुनिया में नही रहा, उसे मरने को मजबूर कर दिया गया।

आदिवासी रामप्रसाद सुसाइड प्रकरण में भीम सेना प्रदेशाध्यक्ष रविकुमार मेघवाल ने कहा कि सरकारी संरक्षण में एससी/ एसटी लोगों पर अत्याचार हो रहा है। सरकार होश में आए। इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर रामप्रसाद मीणा की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर हत्या का मुक़दमा दर्ज हो। तत्काल प्रभाव से आरोपियों गिरफ़्तार किया जाए। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए और साथ में घर का निर्माण हो।

मन्दिर के पास निर्माणाधीन कथित होटल पर चला बुलडोजर

रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले के बाद हरकत में आए नगर निगम ने मंगलवार को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान निगम के दस्ते ने श्री गिरधारी मन्दिर के पास बनी 4 मंजिला कथित होटल को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान निगम दस्ते को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा, लेकिन बाद में अतिरिक्त पुलिस जाब्ते के साथ देर रात तक बुलडोजर चलता रहा।

विप्र फाउंडेशन ने महंत के पक्ष में रखी बात

जयपुर शहर में चांदी की टकसाल इलाके में गत दिनों रामप्रसाद मीना सुसाइड मामले में अब विप्र फाउंडेशन की भी एंट्री हुई है। विप्र फाउंडेशन के बैनर तले पिंक सिटी प्रेस क्लब में बुधवार को मन्दिर पुजारियों की तरफ से प्रेस वार्ता की गई। पत्रकार वार्ता में मंदिर के पुजारियों ने कहा कि मंदिर ने रामप्रसाद मीना के पिता रामकिशोर मन्दिर के किरायेदार है। उन्होंने निगम के अधिकारियों से मिलकर उस जगह का फर्जी पट्टा बनवा लिया। पुजारी पक्ष का कहना है कि जिस निर्माण को होटल बताया जा रहा है वह सत्संग भवन है। पुलिस की तरफ से हम लोगों के घरों के बाहर जाब्ता तैनात कर दिया गया है। घरों के बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। मंदिर को नगर निगम के अधिकारियों ने तोड़ दिया है।

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