
भोपाल। छतरपुर में कलेक्टर कार्यालय पर पिछले 6 दिनों से आदिवासी किसान धरने पर बैठे हैं। केन-बेतवा परियोजना में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के साथ अन्य मुद्दों पर आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच आमरण अनशन कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने बल प्रयोग कर आंदोलन खत्म कर दिया। आंदोलनकारियों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बुजुर्ग महिलाओं, सहित आदिवासियों पर लाठी-डंडे बरसाए, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। धरना दे रहे लोगों पर लाठीचार्ज करने के बाद अब आदिवासियों ने पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करने की मांग की है।
आंदोलनकारियों ने एसपी के नाम ज्ञापन के माध्यम से पुलिसकर्मियों पर महिलाओं के साथ अभद्रता करने गंदी गालियां देने, उनकी साड़ी और ब्लाउज खींचने, मंगलसूत्र, नाक की कील सहित टेंट, गद्दे, माइक सिस्टम, राशन सामग्री कपड़े पैसे के लूट जैसे आरोप भी लगाए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि 24 घंटे के अंदर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती है तो प्रदर्शनकारी कड़ा कदम उठाएंगे। इस दौरान आंदोलनकारियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है।
आंदोलनकारियों ने बिजावर के भाजपा विधायक राजेश बब्लू शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजावर विधायक के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान एक ओर अपने आप को किसान पुत्र कहते हैं दूसरी ओर उनकी पुलिस किसानों के ऊपर लाठियां बरसाने का काम कर रही है। वहीं, एएसपी विक्रम सिंह का कहना है कि मामले में जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए हुई ग्राम सभाओं का रिकॉर्ड मांगने को लेकर आंदोलनकारी पिछले 5-6 दिनों से धरने पर बैठे हुए थे। दरअसल केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित केन बेतवा लिंक परियोजना में छतरपुर जिले के करीब 15 गांव प्रभावित हो रहे हैं। उन्हीं प्रभावित गांव के लोग पिछले 6 दिनों से छतरपुर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि न ही हमें परियोजना में अब तक क्या हुआ उसकी जानकारी नहीं दी गई है और न ही ग्राम सभा की अधिकारियों द्वारा सही रिपोर्ट तैयार की गई, सब फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई है। वहीं कुछ किसानों की जमीनें भी इस परियोजना में आईं है पर उनके मुआवजा निर्धारित नहीं हुआ है। कुछ लोगों को आज तक मुआवजे की रकम भी नहीं मिल पाई है।
बुंदेलखंड में सिंचाई और पेयजल समस्या को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना के जरिए बुंदेलखंड की दो बड़ी नदी केन एवं बेतवा को आपस में जोड़कर बारिश के पानी को बर्बाद होने से रोका जाएगा, ताकि बारिश के पानी का संग्रहण और सही उपयोग हो और प्यासा बुंदेलखंड हरियाली से भरा क्षेत्र बने। इसमें मध्य प्रदेश और उतर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र शामिल है। पहले शुरुआती दौर में यह परियोजना यूपी और एमपी में जमीन के विवाद में उलझी रही। कई दौर की बैठक के बाद मामला निपटा तो केंद्र सरकार ने परियोजना के लिए 44 हजार 605 करोड़ रुपये बजट में मंजूर किए। बुंदेलखंड के 13 जिले इस परियोजना से जुड़े हैं।
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