मध्य प्रदेश: दतिया में 105 आदिवासी परिवारों की भूमि पर मनबढ़ों का कब्जा!

कलक्टर ने तहसीलदार को किया निलंबित, अग्रिम कार्रवाई के दिये आदेश.
दतिया कलेक्टर संदीप माकिन, और तहसीलदार के निलंबन का आदेश
दतिया कलेक्टर संदीप माकिन, और तहसीलदार के निलंबन का आदेश
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भोपाल। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के एक गाँव में आदिवासी परिवारों के पास भूमि होने के बाद भी वह भूमिहीन की तरह झुग्गियां बनाकर रह रहे हैं, खेती की जमीन भी है पर यह गाँव के बाहर जाकर मजदूरी कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों को सरकार ने 30 साल पहले पट्टे भी दिए थे, लेकिन गाँव के मनबढ़ लोगों ने इन परिवारों की जमीनों पर कब्जा कर रखा है। जिले के कलेक्टर ने जब गांव का दौरा किया तो यह बात सामने आई, इस मामले में कलेक्टर ने क्षेत्र की तहसीलदार को निलंबित किया है।

जानकारी के अनुसार कलेक्टर संदीप कुमार माकिन ने बडोनी तहसील के ग्राम गोविंदपुर का दौरा किया था। यहाँ ग्राम गोविंदपुर में 105 आदिवासी परिवार निवासरत हैं। जब कलेक्टर ने आदिवासी परिवारों से बात की तो पता लगा कि गाँव में लगभग सभी की जमीनों पर गाँव के मनबढ़ लोगों का कब्जा है।

आदिवासी परिवारों के पास सरकार द्वारा दिए गए शासकीय पट्टे हैं, पर कब्ज़ा नहीं है। आदिवासियों की भूमि पर कृषि कार्य कोई अन्य व्यक्ति कर रहा है। बैंक के द्वारा उनके किसान क्रेडिट कार्ड भी नहीं बनाये गए हैं। उनको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

गांव के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पाया कि मान सिंह आदिवासी जिनके दादा जवाहर के नाम से शासकीय पट्टा है। मौके पर उक्त भूमि पर उनका कब्जा नहीं मिला। मान सिंह इस कारण से किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है। ऐसी ही स्थिति गाँव के संतोष सहरिया की थी। कलेक्टर ने कई लोगों से बात की तो पता लगा कि गाँव के लगभग सभी आदिवासी परिवारों की जमीनों पर कब्जे हैं।

कलेक्टर द्वारा ग्रामीणों से जब पूछा गया की क्या तहसीलदार को इस संबंध में सूचना दी गई? तब आदिवासियों ने बताया कि तहसीलदार कभी उनके गाँव में आई ही नहीं हैं। इस मामले में कलेक्टर ने बड़ोनी क्षेत्र की नायब तहसीलदार पूजा मवई को कार्य के प्रति लापरवाह पाते हुए निलंबित कर दिया।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए संतोष सहरिया ने बताया कि उनके दादा चतरे सहरिया को तीस वर्षों पहले खेती और रहने के लिए शासकीय जमीन का पट्टा मिला था, लेकिन उनकी जमीन पर गाँव के लोगों का कब्जा है। उनकी जमीन गाँव के अन्य खाता धारकों की जमीन से सटी है। इसलिए उनकी जमीन पर तीन लोगों ने शुरू से ही कब्जा कर रखा है। पट्टे के बाद से ही उस भूमि पर उसका कब्जा नहीं था। दादा के समय से ही उनकी जमीन पर कब्जा है।

तहसीलदार निलंबित

आदिवासियों के जमीन पर कब्जे मामले में दतिया बडोनी की प्रभारी तहसीलदार पूजा मवई की लापरवाही सामने आई है। कलेक्टर ने कहा कि काम के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्यवाही होगी। कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा कि मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन किये जाने के फलस्वरूप मध्य सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 के तहत तहसीलदार पूजा मवई को निलंबित किया जाता है।

भूमि का सीमाकंन शुरू

कलेक्टर के निर्देश के बाद तुरंत कार्यवाही करते हुए आरआई, पटवारी की टीम ने आदिवासियों के जमीन का सीमांकन शुरू कर दिया है। जल्द ही यह जमीन उनके असली मालिकों के पास होगी। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी जल्दी कार्रवाई कभी नहीं हुई। आदिवासी बस्ती में कभी अफसर नहीं पहुँचे।

इधर, द मूकनायक से बातचीत करते हुए दतिया एडीएम रूपेश उपाध्यक्ष ने बताया कि 9 जनवरी को कलेक्टर बडोनी क्षेत्र के दौरे पर गए थे। जहाँ ग्रामीणों की कई समस्याएं सामने आईं। आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा होना भी पाया गया। इसके अलावा शासन की अन्य योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुँच रहा था। इस मामले में बडोनी की तहसीलदार को निलंबित किया है।

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