मध्य प्रदेश: जयस आदिवासी संगठन स्वतंत्र रूप से लड़ेगी विधानसभा का चुनाव, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे आदिवासी नेता...

मध्य प्रदेश: जयस आदिवासी संगठन स्वतंत्र रूप से लड़ेगी विधानसभा का चुनाव, इन मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे आदिवासी नेता...

आदिवासी संगठन की बैठक में तय हुआ कि आगामी विधानसभा चुनाव में जयस स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारेगी

भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस बार जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतर रहा है। शनिवार को जयस की एक बड़ी बैठक में पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। प्रदेश में जयस आदिवासी संगठन काफी शक्तिशाली माना जाता है। एमपी के करीब दस जिलों में जयस का प्रभाव है। जयस के स्वतंत्र चुनाव लड़ने से भाजपा और कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।

दरअसल धार के खलघाट में हुई बैठक में जयस के संस्थापक सदस्यों के साथ मनावर विधायक डॉ.हीरालाल अलावा भी शामिल हुए। करीब 6 घंटे तक चली इस बैठक में लंबी चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि आदिवासियों के मामलों का फैसला गैर आदिवासी नहीं करेंगे। सामाजिक और राजनैतिक निर्णय आदिवासियों और जयस के पदाधिकारियों की सहमति से लिए जाएंगे। बैठक में विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि आदिवासी भाई एकजुट हैं।

बैठक में शामिल हुए एक पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अब एक-दूसरे पर कोई भी सार्वजनिक टीका-टिप्पणी नहीं की जाएगी। सोशल मीडिया के जरिए होने वाले वाद-विवादों को भी रोकने के लिए सभी पदाधिकारी मर्यादा का पालन करेंगे। राजनीति को लेकर विरोधाभाषी बयानबाजी पर भी रोक लगाने को कहा गया है। इसके साथ प्रदेश ने काम कर रहे अन्य आदिवासी संगठनों को एक छत के नीचे काम करने पर सहमति बनी है।

विधानसभा चुनाव में जयस उतारेगी उम्मीदवार

आदिवासी संगठन की बैठक में तय हुआ कि आगामी विधानसभा चुनाव में जयस स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारेगी। चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी को राजनैतिक दल का गठन कराने या अन्य किसी छोटे दल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही फैसला किया जाएगा। लेकिन बैठक में जयस के पदाधिकारियों ने एक मत होकर ये कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से बेहतर होगा कि जयस स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवार उतारे। जानकारी अनुसार जयस अपनी राजनीतिक पार्टी का भी गठन कर सकती है।

बता दें जयस की स्थापना के 10 साल पूरे होने पर संगठन के सभी गुट एक मंच पर आकर बड़ा कार्यक्रम करेंगे। 6 मई को स्थापना दिवस का आयोजन कहां होगा इसको लेकर अभी जानकारी नहीं मिली है। खबर है स्थापना दिवस पर ही जयस पदाधिकारी आगामी चुनाव को लेकर अन्य एलान कर सकते है।

बैठक में लिए गए निर्णय और रणनीति के संबंध में द मूकनायक से बातचीत करते हुए जयस के सरंक्षक और विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने बताया कि इस बार जयस स्वतंत्र रूप से विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम अपने स्तर से प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतरेंगे।

इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी जयस

जयस आदिवासी संगठन ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ बढ़ रहीं घटना जिनमें सबसे प्रमुख है। वहीं पैसा कानून में जिला और ब्लॉक कॉर्डिनेटर के पदों में हुई गड़बड़ी का मामला भी जयस जोरशोर से उठाएगी। जंगलों की अवैध कटाई रोकने, और वनों पर आदिवासियों के अधिकार का मुद्दा सहित बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा का मामलों को लेकर जयस सरकार और बीजेपी को घेरेगी।

बैठक में यह हुए शामिल

धार जिले के खलघाट - इंदौर हाइवे रोड़ होटल प्लास के पास धानी धामनोद स्थित एक निजी हॉटेल में हुई बैठक में जयस तमाम पदाधिकारी शामिल हुए। जिसमें विधायक डॉ. हिरा लाल अलावा, विक्रम अछालिया, रविराज बघेल, राकेश परमार, डॉ. अभय ओहरी, गौरव चौहान, भीमा खोकर, महेंद्र कन्नौज, अंतिम मुज़ालदा, चेतन पटेल, राहुल बामनिया, नितेश अलावा, विजय चोपड़ा,साहेब सिंह कलाम, ओमकारा कटारा, लोकेश मुज़ालदा, शिव भानु सिंह मंडलोई, सीमा वास्केल , प्रोफेसर कन्हेयालाल मेड़ा, संगीता चौहान, राजेंद्र पंवार, भारत गामड़, मुकेश रावत, दिनेश खरते, मोंटू सोलंकी, राजू पटेल मौजूद रहे।

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