'पार्टियों की गुलामी मत करो, समाज की बात करो', आदिवासी सेंगेल अभियान की एकजुटता के लिए मंथन

उलिहातू में बीमार सुखराम मुंडा से आज रविवार को संगठन ने की मुलाकात, आदिवासी समाज की उन्नति के लिए नई सोच का लिया संकल्प।
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद, सालखन मुर्मू आदिवासी समाज के लोगों के साथ
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद, सालखन मुर्मू आदिवासी समाज के लोगों के साथ

झारखंड। आदिवासी सेंगेल अभियान की एकजुटता के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद, सालखन मुर्मू ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि, आदिवासी समाज का हासा, भाषा, जाति, धर्म, रोजगार, इज्जत, आबादी और संविधान- कानून प्रदत्त अधिकारों के लुटाने-मिटाने के लिए खुद आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि और उनके सहयोगी सर्वाधिक दोषी हैं। जो निजी स्वार्थों के लिए आदिवासी समाज के साथ धोखेबाजी करते हैं। अत: आदिवासी समाज और संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए आदिवासी समाज को नए सिरे से सोचना और चलना पड़ेगा। सेंगेल आदिवासी समाज के लिए नई सोच और दिशा के साथ संघर्ष को संकल्पित है। चूंकि आदिवासी समाज और धर्म के ऊपर गलत और स्वार्थ की राजनीति हावी है। जबकि समाज और धर्म हित में गैर- आदिवासी समाज, राजनीति पर हावी है।

उन्होंने ने बताया कि सेंगेल का नारा है, "आदिवासी समाज को बचाना है, तो पार्टियों की गुलामी मत करो, समाज की बात करो।"

मुर्मू ने आगे कहा, "सरना धर्म कोड लेने और भारत के भीतर आदिवासी राष्ट्र बनाने की बात करो। ईर्ष्या द्वेष और विभिन्न संकीर्णताओं से ऊपर उठकर बृहद आदिवासी एकता और निर्णायक जन आंदोलन की बात करो। नशापन, अंधविश्वास, डायन प्रथा, वोट की खरीद बिक्री, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, धर्मान्तरण आदि के खिलाफ समाज सुधार और राजतांत्रिक वंशानुगत आदिवासी स्वशासन व्यवस्था को जनतांत्रिक और संविधानसम्मत बनाना शुरू करो।"

रविवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रतिनिधि खूंटी के तिरला होटल में आदिवासी मुंडा समाज के प्रतिनिधियों के साथ दिन 12:00 बजे से 5:00 बजे तक गंभीर चिंतन मंथन किया। एकजुट होकर संघर्ष को तीव्र करने का संकल्प लिया। जिसमें शामिल मथुरा कंडिर, बिरसा कंडिर, मंगा ओडेया, गंगाराम ओडेया, पंड्या मुंडू, इंदुमती मुंडू,रोहित तानी, शुभासिनी पूर्ति, बागराय मुंडा, बुधराम सिंह मुंडा और देवनारायण मुर्मू, सोनाराम सोरेन, सुमित्रा मुर्मू, बिमो मुर्मू, जूनियर मुर्मू, मुनीराम हेम्ब्रोम, कालीचरण किस्कु, चंद्र मोहन मार्डी, सुखदेव मुर्मू, फूलचंद किस्कु आदि मौजूद थे।

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि, दोनों संगठन शनिवार को बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू भी गया था। बिरसा को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। बिरसा मुंडा के पोता सुखराम मुंडा और उनकी पत्नी लोखिमनी मुंडा तथा डोंडा मुंडा के साथ मुलाकात बातचीत हुई। सुखराम मुंडा बहुत कमजोर, बीमार और दुखी थे। सुखराम मुंडा के अनुसार प्रधानमंत्री जी के 15 नवंबर को उलिहातू आने से कुछ भी नहीं बदला। हम और हमारे परिवार के दुख- दर्द के बारे में मोदी जी ने कुछ नहीं जाना- पूछा। जाते-जाते केवल हमारी उम्र पूछा। बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड है। सुखराम मुंडा बहुत बीमार हैं। दवा आदि में प्रतिमाह उनका 2000 रुपए खर्च हो रहा है। कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। परंतु दुखी होने के बावजूद सुखराम मुंडा ने हमें सरना धर्म कोड की जीत का आशीर्वाद दिया। हमारे साथ सुमित्रा मुर्मू और तिलका मुर्मू थे। सेंगेल ने तय किया है सुखराम मुंडा को आजीवन महीना 2000 रुपए का सहयोग प्रदान किया जाएगा।

आज रविवार को सरायकेला नगर में युवा महासभा तथा मानकी मुंडा संघ, सरायकेला जिला के अध्यक्षों क्रमशः गणेश गागराई, विष्णु बानरा, लाको झारखंड बोदरा के अलावा सुंदर बानरा, संजय बोदरा, किरीपा गोडसोरा आदि के साथ दिन के 12:00 बजे से होटल गार्डन इन, सरायकेला में बृहद एकजुटता के लिए एक चिंतन मंथन आयोजित किया गया।

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