नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अचार सहिंता लागू होने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के नाम खुला पत्र लिखकर सरकार के फैसलों को ऐतिहासिक बताया है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि यह समय ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का है। इस पत्र के माध्यम से राहुल गांधी ने लखनऊ में पिछले 600 से भी ज्यादा दिनों से 69 हजार शिक्षक भर्ती में 6800 आरक्षित पदों पर हुई अनियमितता को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बारे में लिखा। राहुल गांधी ने इस मामले में उचित निर्णय लेने के लिए अनुरोध किया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के सभी नागरिकों को एक खुला पत्र लिखा और केंद्र सरकार के "विकसित भारत" एजेंडे को आकार देने के लिए सुझाव मांगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों को "प्रिय परिवार के सदस्यों" के रूप में संदर्भित किया, इस बात पर जोर दिया कि उनकी साझेदारी एक दशक तक पहुंचने के कगार पर है।
"लोगों के जीवन में जो परिवर्तन आया है, वह पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। ये परिवर्तनकारी परिणाम गरीबों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक दृढ़ सरकार द्वारा किए गए ईमानदार प्रयासों का परिणाम हैं," पीएम ने अपने पत्र में लिखा।
केंद्र द्वारा लाई गई कई योजनाओं की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्के घर, सभी के लिए बिजली, पानी और एलपीजी तक पहुंच, आयुष्मान भारत के माध्यम से मुफ्त चिकित्सा उपचार, वित्तीय मदद जैसे प्रयासों की सफलता, मातृ वंदना योजना के माध्यम से महिलाओं की सहायता और भी बहुत कुछ केवल उस विश्वास के कारण संभव हुआ है जो आपने मुझ पर रखा है।''
उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि भारत परंपरा और आधुनिकता दोनों पर ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ रहा है। देश ने अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का "अभूतपूर्व निर्माण" और "हमारी समृद्ध राष्ट्रीय और सांस्कृतिक विरासत का कायाकल्प" दोनों देखा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, आज हर नागरिक को इस बात का गर्व है कि देश आगे बढ़ने के साथ-साथ अपनी समृद्ध संस्कृति का भी जश्न मना रहा है। "यह आपके विश्वास और समर्थन का ही नतीजा है कि हम जीएसटी लागू करना, अनुच्छेद 370 को हटाना, तीन तलाक पर नया कानून, संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन कानून जैसे कई ऐतिहासिक और बड़े फैसले ले सके। एक नया संसद भवन और आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूत कदम।"
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र की सुंदरता जनभागीदारी या सार्वजनिक भागीदारी में निहित है। यह आपका समर्थन है जो मुझे देश के कल्याण के लिए साहसिक निर्णय लेने, महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाने और उन्हें सुचारू रूप से लागू करने की अपार शक्ति देता है। वास्तव में, आपके विचारों, सुझावों और समर्थन की प्रतीक्षा है क्योंकि हम एक विकसित भारत के निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम अपने देश को एक साथ महान ऊंचाइयों पर ले जाना जारी रखेंगे।"
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को सम्बोधित करते हुए एक पत्र लिखा है। इस पत्र में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को सम्बोधित करते हुए लिखा है, "आशा करता हूं आप सकुशल होंगे। यह पत्र मैं आपको सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (ATRE) 2019 के माध्यम से चयनित 6,800 OBC और SC वर्ग के उम्मीदवारों के साथ हुए गंभीर अन्याय के विषय में लिख रहा हूं। उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, मैं उन युवाओं से मिला जो 600 से ज्यादा दिनों से न्याय की उम्मीद लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। ये युवा काफी पीड़ा में हैं। इनमें से कई लोग अपने परिवार में शिक्षा प्राप्त करने वाली पहली पीढ़ी हैं, जिन्होंने शिक्षक बनने के सपने को साकार करने के लिये कड़ी मेहनत की है।"
राहुल गांधी आगे लिखते हैं, "वंचित तबके से आने वाले इन युवाओं के परिवारों को इनसे बड़ी उम्मीदें हैं। प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों में महिलाएं भी हैं, जो हाड़ कंपा देने वाली ठंड, चिलचिलाती गर्मी और भारी बारिश में भी अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ लिए न्याय की आस में बैठी हुई हैं। प्रभावित उम्मीदवारों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुझे सौंपे गए पत्र की एक प्रति इसके साथ संलग्न है। 2019 के चुनावों से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्ती की घोषणा की। जून, 2020 में घोषित ATRE 2019 के परिणाम, खासकर आरक्षित उम्मीदवारों की सूची में बड़ी खामियां थीं। अन्यायपूर्ण तरीके से 6,800 से ज्यादा योग्य OBC और SC उम्मीदवारों का इस भर्ती में चयन का रास्ता बंद कर दिया गया।"
राहुल गांधी ने लिखा है कि, "प्रभावित उम्मीदवारों ने न्याय की उम्मीद में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) से भी गुहार लगाई। NCBC ने मानदंडों में खामियों और आरक्षण लागू करने के गलत ढंग का संज्ञान लिया और अपनी जांच में पाया कि इसमें आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हुआ है। कई उम्मीदवारों ने जनवरी 2022 में राज्य सरकार द्वारा जारी एक अतिरिक्त सूची को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मार्च 2022 में अपने आदेश में कहा कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अंकों और विवरण पर कोई स्पष्टता नहीं थी।"
राहुल गांधी लिखते हैं, "इसलिये मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस मामले में हस्तक्षेप करें और जवाबदेही सुनिश्चित करें। उम्मीदवारों की श्रेणीवार सूची प्राप्त अंकों के विवरण के साथ सार्वजनिक रूप से घोषित की जानी चाहिए। पिछड़े और दलित समाज के जो योग्य अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं, वो हमारे और आपके ही बीच के हैं। वो पीड़ा में हैं और उनकी इस पीड़ा को समझा जाना चाहिए । ऐतिहासिक गलतियों को सुधारते हुए OBC और SC वर्ग के इन बहनों भाइयों के साथ न्याय करना और भर्ती में उनके चयन के हक को सुरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।"
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