“पीएम मोदी ने 421 बार मंदिर मस्जिद का लिया नाम”, मनमोहन सिंह ने कहा- कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया

कांग्रेस की प्रेस कान्फ्रेंस में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री ने पिछले 15 दिनों में अपनी जनसभाओं में 421 बार मंदिर- मस्जिद और समाज को बांटने की बात की, 232 बार कांग्रेस का नाम लिया, 758 बार अपना नाम लिया, 573 बार 'इंडिया' गठबंधन और विपक्ष का नाम लिया, लेकिन बेरोजगारी के बारे में एक बार भी बात नहीं की।
पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह.
पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण के लिए प्रचार-प्रसार खत्म होने से कुछ घंटे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और प्रधानमंत्री पर कई आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने पिछले 15 दिनों में अपनी जनसभाओं में 232 बार कांग्रेस का नाम लिया, 758 बार अपना नाम लिया, 573 बार 'इंडिया' गठबंधन और विपक्ष का नाम लिया, लेकिन बेरोजगारी के बारे में एक बार भी बात नहीं की।

उन्होंने यह दावा भी किया, प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 421 बार मंदिर- मस्जिद और समाज को बांटने की बात की। उन्होंने 224 बार मुसलिम, अल्पसंख्यक जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया। लेकिन चुनाव आयोग ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की।

खरगे ने कहा, कांग्रेस हमेशा जनता की समस्याओं को ध्यान में रखकर काम करती है। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी संप्रग की प्रमुख थीं, तब हम गरीबों के लिए ऐसी योजनाएं लेकर आए, जिनसे गरीबों का फायदा हुआ। लेकिन नरेंद्र मोदी ने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग जैसे मुद्दों को बढ़ावा दिया। 

उन्होंने कहा, हमने इन्हीं मुद्दों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसमें जनता का पूरा समर्थन मिला। इसलिए मैं अपने सभी साथियों को बधाई देता हूं, जो निडर होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़े हैं।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एक जून को होनी वाली 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में सिर्फ मतगणना की तैयारियों के संदर्भ में चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा, हमने पहले ही अपनी राज्य इकाइयों को फार्म 17 सी के बारे में सजग कर दिया है। वेणुगोपाल ने कहा कि इस बैठक में 'इंडिया' गठबंधन के अधिकतर घटक दल शामिल होंगे तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी असमर्थता के बारे में सूचित किया है।

मुसलमानों को हक देने संबंधी दावे को लेकर मनमोहन सिंह का खुला पत्र

दूसरी ओर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा का एकमात्र 'कापीराइट' है। दरअसल, मोदी ने सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव प्रचार के दौरान 'द्वेषपूर्ण भाषण' देकर सार्वजनिक संवाद के साथ ही प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी कम करने का भी आरोप लगाया।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि “अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के मकसद से इस तरह के द्वेषपूर्ण, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मेरे लिए कुछ गलत बयान भी दिए हैं।”

उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। सिंह ने कहा कि भारत के लोग यह सब देख रहे हैं। अमानवीकरण की यह कथा अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे राष्ट्र को इन विभाजनकारी ताकतों से बचाएं।

सिंह ने लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत एक जून को होने वाले मतदान से पहले पंजाब के मतदाताओं से अपील करते हुए दावा किया कि केवल कांग्रेस ही है जो ऐसा विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा होगी। 

पंजाब के मतदाताओं को लिखे एक पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपने का भी आरोप लगाया और कहा, भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य केवल चार साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री के बारे में सिंह ने कहा, मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक संवाद पर करीबी नजर रख रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी नफरत फैलाने वाले भाषणों में लिप्त हैं, जो प्रकृति में विशुद्ध रूप से विभाजनकारी है। नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कम किया है और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गंभीरता को कम किया है।

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