भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण आम जनता को नहीं दिखाया जाना अब अदालत के घेरे में आ गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। यह नोटिस कांग्रेस विधायक सचिन यादव की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया है।
देश के कई राज्यों—जैसे दिल्ली, केरल, कर्नाटक और उत्तराखंड—में विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण नियमित रूप से होता है, जिससे आम लोग अपने जनप्रतिनिधियों के कार्य, भाषण और बहसों को देख पाते हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में अब तक न तो विधानसभा टीवी चैनल शुरू हुआ है और न ही यूट्यूब या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इसे लाइव दिखाया जाता है।
इस मुद्दे को लगातार विधानसभा के भीतर और बाहर उठाते रहे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट के इस नोटिस का स्वागत करते हुए कहा— "हर साल करोड़ों रुपये सिर्फ विधानसभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड और दिखाने के नाम पर खर्च किए जाते हैं। फिर भी आज तक कोई व्यवस्था नहीं बनी। सरकार आखिर किस बात से डर रही है? अगर जनता ने देख लिया कि उनके विधायक क्या बोलते हैं और सत्ता पक्ष कैसा व्यवहार करता है, तो उनके चेहरे बेनकाब हो जाएंगे।"
सिंघार ने आगे कहा, "जवाबदेही से भागना इस सरकार की कार्यशैली बन चुकी है। विधानसभा कोई बंद दरवाजे की गोपनीय बैठक नहीं, बल्कि लोकतंत्र का सार्वजनिक मंच है। जनता का यह अधिकार है कि वह देखे, सुने और समझे कि उसके चुने हुए प्रतिनिधि उसके मुद्दों को कैसे उठा रहे हैं।"
इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले पूर्व मंत्री कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण पारदर्शिता और लोकतंत्र की मजबूती के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा, "विधानसभा में जो कुछ भी होता है वह जनता के पैसे से चलता है। फिर जनता को उसका सच जानने से क्यों रोका जा रहा है?"
दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही DD चैनल और यूट्यूब पर लाइव होती है।
केरल और कर्नाटक में विधानसभा टीवी चैनल मौजूद हैं।
उत्तराखंड ने हाल ही में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्यवाही दिखाने की शुरुआत की है।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही भी Sansad TV के माध्यम से लाइव देखी जा सकती है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में "लोकतंत्र" को मूल मूल्य के रूप में स्वीकार किया गया है। जनता को यह जानने का अधिकार है कि उसके निर्वाचित प्रतिनिधि सदन में कैसे कार्य कर रहे हैं। कार्यवाही का सीधा प्रसारण केवल पारदर्शिता नहीं बढ़ाता, बल्कि प्रतिनिधियों की जवाबदेही भी तय करता है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा, "मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण न होना न केवल जनता के अधिकारों का हनन है, बल्कि यह सरकार की असहिष्णुता और अपारदर्शिता को दर्शाता है। आज जब देश के अनेक राज्यों में लोग अपने जनप्रतिनिधियों की बातों को लाइव सुन पा रहे हैं, तब मध्यप्रदेश की जनता इससे वंचित क्यों रखी जा रही है?"
उन्होंने आगे कहा, "यह विधानसभा जनता के पैसों से चलती है, जनता के मुद्दे इसमें उठते हैं, फिर उसे यह जानने और देखने का अधिकार क्यों न दिया जाए? सरकार को डर है कि जनता को अगर सच दिख गया, तो उसके झूठ बेनकाब हो जाएंगे। हमारी मांग है कि तुरंत विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण शुरू किया जाए।"
हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने राज्य सरकार से आगामी सुनवाई से पहले इस विषय पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई की तारीख अगले सप्ताह निर्धारित की जा सकती है।
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