भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने बुंदेलखंड दौरे के दौरान 13 फरवरी को पन्ना में मीडिया से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार के राज में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, आदिवासियों की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से निरंकुश हो चुका है।
उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर बुंदेलखंड के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब बुंदेलखंड को विशेष पैकेज दिया गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने योजनाओं को लागू करने में घोर लापरवाही बरती।
सिंघार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में इस परियोजना का शिलान्यास तो करवा दिया, लेकिन इससे विस्थापित होने वाले लोगों के पुनर्वास की कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कई गांव प्रभावित होंगे, लेकिन सरकार स्थिति स्पष्ट करने से बच रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने पन्ना जिले के मनोर गांव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। महिलाओं के शौचालय तक नहीं बने हैं, जबकि सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत बड़े-बड़े दावे करती है।
उन्होंने कहा कि पन्ना जिले के कई गांवों में आदिवासियों की जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं, और सरकारी अधिकारी जमीन के पट्टों के बदले रिश्वत मांग रहे हैं। सिंघार ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हजारों रुपये की घूस लिए बिना आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं।
"क्या मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं?" इस सवाल को उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ओर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन दूसरी ओर मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है।
सिंघार ने पन्ना में अवैध खनन को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के क्षेत्र में सबसे अधिक अवैध रेत खनन हो रहा है। "क्या इस खनन को उनके संरक्षण में किया जा रहा है?" उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर अवैध खनन पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही?
उन्होंने जेके सीमेंट फैक्ट्री हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे को दबाने में लगी हुई है। "इतना बड़ा हादसा हुआ, लेकिन फैक्ट्री के जिम्मेदार लोगों पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ। क्या सरकार इस मामले को छुपाना चाहती है?"
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार से जुड़ी जांच रिपोर्टों को दबा रही है। उन्होंने कहा कि 2012-13 से लोकायुक्त के कई जांच प्रतिवेदन लंबित पड़े हैं। उन्होंने सवाल किया कि "जनता का पैसा कौन खा रहा है? कौन अधिकारी और नेता इसमें शामिल हैं?"
हेमंत कटारे पर चल रहे कानूनी मामले पर बोलते हुए सिंघार ने कहा कि यह मामला 10 साल पुराना है और इसे राजनीति से प्रेरित होकर उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस नेताओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता अन्याय के खिलाफ हमेशा लड़ते रहेंगे।
सिंघार ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए बजट सत्र की अवधि को छोटा कर रही है। उन्होंने कहा, "अगर कोविड को छोड़ दें, तो यह इतिहास का सबसे छोटा बजट सत्र है। भाजपा को किस बात का डर है? क्या वे विपक्ष से बहस करने से बच रहे हैं?"
उन्होंने जल जीवन मिशन सहित कई योजनाओं में घोटालों की बात करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार इन पर चर्चा नहीं करना चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि "भाजपा सिर्फ सत्ता की मलाई खाना चाहती है, लेकिन जनता के लिए काम नहीं करना चाहती।"
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की रक्षा की बातें करती है, लेकिन असल में लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भाजपा का यही रवैया जारी रहा, तो देश और प्रदेश दोनों में लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।
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