“न्याय के लिए हमें यह लड़ाई मिलकर लड़ना है और लड़कर जीतना है” : कल्पना मुर्मू सोरेन

झामुमो नेता हेमंत सोरेन के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी के बाद कल्पना सोरेन खुद मोर्चा संभाल रही हैं और झारखंड की राजनीति पर ध्यान रख रही हैं। इतना ही नहीं, गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन का सोशल मीडिया अकाउंट्स एक्स हैंडल भी कल्पना मैनेज करती हैं और लगातार पोस्ट करती रहती हैं।
कल्पना मुर्मू और हेमंत सोरेन.
कल्पना मुर्मू और हेमंत सोरेन. सोरेन फेसबुक प्रोफाइल.

नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन उनके साथ मज़बूती से खड़ी हैं। झामुमो नेता के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी के बाद कल्पना सोरेन खुद मोर्चा संभाल रही हैं और झारखंड की राजनीति पर ध्यान रख रही हैं। इतना ही नहीं, गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन का सोशल मीडिया अकाउंट्स एक्स हैंडल भी कल्पना मैनेज करती हैं और लगातार पोस्ट करती रहती हैं।

इस बीच शनिवार को कल्पना मुर्मू सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक भावुक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि हेमंत आज अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी इस लड़ाई में पूरा झारखंड उनके साथ खड़ा है इसके लिए मैं सबकी आभारी हूँ।

छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकारों को वसूल करना पड़ता है

वह लिखती हैं, “पिछले 24 दिनों से अन्यायपूर्ण कारावास का सामना कर रहे मेरे जीवन साथी, हेमंत सोरेन जी के संघर्ष को अनुभव कर मैं गौरवान्वित भी हूँ, दुःखी भी हूँ। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दृढ़ता और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने की उनकी हिम्मत के फलस्वरूप आज वो जेल में हैं। बाबा साहेब के शब्द ‘छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकारों को वसूल करना पड़ता है’ ने हेमंत जी को हमेशा प्रेरित किया है।”

बता दें कि झारखंड के पूर्व-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से जेल में बंद है। हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी का आरोप है कि सरकार उन्हें डराने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उनका कहना है कि हेमंत सोरेन को जान-बूझकर फँसाया जा रहा है। हेमंत इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और वह जीतकर आएंगे इसका उन्हें पूरा भरोसा है।

कल्पना मुर्मू सोरेन अपनी पोस्ट में लिखती हैं, “राज्यवासियों की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा हेमंत जी की पहली प्राथमिकता रही है। परिवार, मैं और बच्चे उनके लिए बाद में आते हैं। आदरणीय बाबा दिशोम गुरु जी के संघर्ष से हमें जो राज्य मिला, उसे संवारना और लोगों को हक़-अधिकार दिलाना ही उन्होंने अपना सर्वस्व माना।”

बता दें कि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के खिलाफ पहले झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां से उन्हें झटका लगा था। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में ईडी से जवाब मांगा था।

गौरतलब है कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले सोरेन को ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को ही चुनौती दी थी।

आगे इस पोस्ट में कल्पना सोरेन लिखती हैं, “हेमंत जी सामाजिक न्याय और अधिकार के लिए सदैव संघर्ष करते रहे हैं। अपने और अपने राज्यवासियों के अधिकारों को हासिल करने के उनके संकल्प, मुझे उनकी आवाज़ को और गति देने के लिए प्रेरित करता है। उनकी यह संघर्षशीलता हमें सिखाती भी है कि हक़-अधिकारों की रक्षा और उन्हें हासिल करना हमारा कर्तव्य है, न केवल अपने लिए, बल्कि समाज के उत्थान और समृद्धि के लिए भी।”

यह लड़ाई मिलकर लड़ना है और लड़कर जीतना है

शनिवार को किए गए इस पोस्ट के आखिर में वह लिखती हैं, “आज अन्याय के खिलाफ हेमंत जी लड़ रहे हैं। आप सभी देश और झारखण्ड वासी जिस समर्पण के साथ उनके साथ खड़े हैं, उसके लिए मैं सभी की आभारी हूं। न्याय के लिए हमें यह लड़ाई मिलकर लड़ना है और लड़कर जीतना है।” जय जोहार! जय झारखण्ड!

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