
महाराष्ट्र। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पार्टी को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक राज्यों के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं से गांव-गांव जाकर कैडर के आधार पर कार्य करने का आह्वान किया।
मायावती ने बैठक में कार्यकर्ताओं व नेताओं को महाराष्ट्र में संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए। वहीं कहा कि कार्यकर्ता और नेता अभी से ही तन-मन-धन से जुट जाएं। महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के कारण विकास बुरी तरह से प्रभावित है।
बसपा सुप्रीमो ने महाराष्ट्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि महाराष्ट्र 48 लोकसभा व 288 विधानसभा सीटों वाला बड़ा राज्य है, जहां एससी/एसटी और ओबीसी समाज की अहम जिम्मेदारी बनती है। उनके सम्पूर्ण हित, कल्याण एवं उन्नति के लिए बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने जो अनेकों प्रावधान संविधान में किए हैं। उन्हें जमीनी हकीकत में बदलने के लिए सत्ता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा आजादी के बाद के लम्बे वर्षों के इंतजार के बाद भी इन वर्गों की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक हालात में अपेक्षा के अनुसार सुधार नहीं हो पाया है और उनका जीवन अभी भी शोषित, उपेक्षित व लाचार बना हुआ है। यह सब बहुजन समाज की अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को ही दर्शाता है, जबकि बीएसपी की इस दौरान अब तक उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चार बार सरकार बनी है। इन वर्गों के हर क्षेत्र में हित, कल्याण व उत्थान के कीर्तिमान को यहाँ पूरे देश ने देखा है।
इसीलिए महाराष्ट्र राज्य में खासकर आगामी लोकसभा आमचुनाव तथा उसी के साथ ही वहाँ विधानसभा के आमचुनाव के भी होने की संभावना को लेकर विशेष लगन व तैयारी की जरूरत है, जिसके लिए पूरे तन, मन, धन से अभी से ही सभी को लग जाना होगा।
मायावती ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट खासकर महाराष्ट्र ने ऐसे तत्वों से बहुत धोखा खाया है और जिसकी वजह से उनका मानवतावादी मूवमेन्ट वहाँ आज भी हर तरफ बिखरा पड़ा है, जिसे संगठित व एकजुट करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी बीएसपी के लोगों के कंधे पर है, जिसमें अब और कोताही करने की कतई कोई गुंजाइश नहीं है। साथ ही, महाराष्ट्र में अनवरत जारी राजनीतिक उथल-पुथल वाले हालात का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि सरकार व विपक्ष के बीच तथा साथ ही दोनों गठबंधनों के बीच भी आपस में उठा-पटक, आपसी वैमनस्य व राजनीतिक स्वार्थ का जो खेल लगातार चल रहा है उससे उत्पन्न राजनीतिक अस्थिरता के कारण उस महत्त्वपूर्ण राज्य में खासकर आमजन का हित, कल्याण व विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जातिवाद व साम्प्रदायिकता भी वहाँ चरम पर पहुंच कर सभी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, बड़ी आबादी वाले महाराष्ट्र राज्य में स्वयं को दलित व बहुजन समाज के हितों की रक्षक मानने वाली गुलाम मानसिकता रखने वाली तत्वों की लगातार दुर्दशा बनी हुई है।
मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ लोगों को नई जिम्मेदारी देते हुए कहा कि समस्त गरीबों, वंचितों व उपेक्षितों के मसीहा बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं उनके अनुयाई मान्यवर कांशीराम के हिसाब से राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर कर वहाँ सरकार में अपना मुकाम बनाने के लिए कोई भी कुर्बानी कम ही होगी। देश और महाराष्ट्र राज्य को भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय जैसा कल्याणकारी विकास एवं न्याय व्यवस्था के लिए समता-मूलक अम्बेडकरवादी सोच वाली राजनीति व सरकार की सख्त जरूरत है।
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