दिल्ली: शीतकालीन सत्र में गर्मा-गर्मी, अब तक 92 सांसद हो चुके हैं निलंबित!

संसद के शीतकालीन सत्र से सोमवार विपक्ष के 78 सांसद निलंबित, इस सत्र में अब तक 92 सांसद हो चुके हैं निलंबित, विपक्ष का हंगामा.
दिल्ली: शीतकालीन सत्र में गर्मा-गर्मी, अब तक 92 सांसद हो चुके हैं निलंबित!

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 78 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया। इन 78 सांसदों को बचे हुए शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया।। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उसमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद टीआर बालू, टीएमसी के सौगत रॉय समेत दोनों सदनों के कई नेता शामिल हैं। इस सत्र में अब तक 92 सांसद निलंबित हो चुके हैं.

इन सासंदों को निलंबित किए जाने से पहले गुरुवार को भी हंगामे के चलते 14 सांसदों को निलंबित किया गया था। इन 14 सांसदों को निलंबन को रद्द करने के लिए रविवार ही कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। वहीं अब शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए अधीर रंजन चौधरी को भी निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यह संसद का आखिरी पूर्ण कालिक सत्र है और 4 दिन शेष बचे है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने-अपने तर्क हैं। ऐसे में सवाल है कि विपक्ष की रणनीति आगे क्या रहेगी।

लोकसभा चुनाव और दोनों आमने-सामने

इस बार शीतकालीन सत्र में निलंबित शब्द की चर्चा अधिक ही सुनाई पड़ रही है। सत्र की शुरुआत से पहले ही यह सवाल था कि क्या आखिरी पूर्णकालिक सत्र में सदन की कार्यवाही बिना हंगामे के चल पाएगी। 19 दिनों के शीतकालीन सत्र की शुरुआत टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन के साथ हुई। जिसके बाद विपक्षी संसदों ने इसको लेकर खूब हंगामा किया। विधानसभा चुनाव नतीजों के अगले ही दिन सदन की शुरुआत हो रही थी और सत्र के पहले दिन ही पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उम्मीद करते हैं कि हार का गुस्सा वह सदन के भीतर नहीं निकालेंगे। ऐसे में इस बात का अंदाजा था कि यह सत्र हंगामेदार होगा। वहीं 13 दिसंबर संसद की सुरक्षा चूक के बाद यह मामला और भी बढ़ गया। अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही आमने-सामने हैं।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी मांग थी कि गृह मंत्री सदन में आकर लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक को लेकर बयान जारी करें। वह हर दिन टीवी पर बोलते हैं। थोड़ा सा संसद में भी बोल सकते हैं कि सरकार ने सुरक्षा के मामले में अब तक क्या किया है। इस सरकार ने हद पार कर दी है। हम तो चर्चा ही चाहते हैं।' कांग्रेस के ही एक अन्य सांसद अब्दुल खालिक ने कहा, 'हमारी यही मांग थी कि सरकार सुरक्षा के मामले में जवाब दे। हम यही पूछ रहे थे कि होम मिनिस्टर कब सदन में आएंगे और इस पर बयान जारी करेंगे। इन सवालों को पूछने पर ही हमें निलंबित कर दिया गया। वहीं भाजपा के सांसदों प्रताप सिम्हा और रमेश बिधूड़ी पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम अपनी आवाज लगातार उठाते रहेंगे।'

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के प्रस्ताव पर जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें के. जयकुमार, विजय वसंथ, अब्दुल खालिक शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि ये स्पीकर के पोडियम पर चढ़ गए थे। इनके अलावा डीएमके टीआर बालू, दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय पर भी ऐक्शन हुआ है। होम मिनिस्टर के बयान की मांग करते हुए किशनगंज के कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाजपा संसद की नई इमारत की तारीफ करते हुए कह रही है कि यह पूरी तरह सेफ है। लेकिन इसे बने 4 महीने भी नहीं हुए कि लोकसभा में घुसपैठ हो गई और उपद्रव मच गया। इससे बड़ी घटना क्या हो सकती है। इसलिए खुद पीएम या फिर कम से कम होम मिनिस्टर ही बयान जारी करें।

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