रांची/रामगढ़। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रामगढ़ जिला स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा में झंडात्तोलन कर तिरंगे को सलामी दी। इस मौके पर उन्होंने समस्त झारखंडवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
राज्य के गठन के बाद यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री राजधानी रांची में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में उपस्थित नहीं हो पाए। इस बार मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री के अनुपस्थित रहने का कारण उनके परिवार का शोक है।
विगत 4 अगस्त को उनके पिता, झारखंड आंदोलन के प्रणेता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का निधन हो गया था। मुख्यमंत्री ने ही उन्हें मुखाग्नि दी थी और तब से वह अपने पैतृक गांव में ही रह रहे हैं। संथाल आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार, श्राद्ध कर्म संपन्न होने तक मुखाग्नि देने वाला गांव की सरहद के बाहर नहीं जाता। वह 12 दिनों तक श्राद्ध के लिए निर्धारित वस्त्रों में ही रहता है।
दिवंगत शिबू सोरेन के श्राद्ध संस्कार का मुख्य कार्यक्रम 15 और 16 अगस्त को नेमरा गांव में आयोजित हो रहा है। इस वजह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्राद्ध वाले वस्त्र पहनकर गांव में ध्वज फहराया। नेमरा में हुए झंडोत्तोलन कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और राज्य की तरक्की के लिए सबको एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि झारखंड की आज़ादी और पहचान में जिन लोगों ने बलिदान दिया, उनकी विरासत को संजोना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने राज्यवासियों से विकास, सामाजिक सद्भाव और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए योगदान देने की अपील की।
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