उपचुनाव: बसपा मिल्कीपुर चुनाव में नहीं लगी हिस्सा, अब भाजपा और सपा का होगा सीधा मुकाबला

बसपा ने मिल्कीपुर विधानसभा से अपना ध्यान हटा दिया है। अब यहां भाजपा और सपा का सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।
बसपा प्रमुख मायावती
बसपा प्रमुख मायावती
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट में हो रहे उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भाग नहीं ले रही है। हालांकि नौ सीटों के उपचुनाव के बाद ही बसपा मुखिया मायावती ने इसका खुद ऐलान किया था। इसके बाद से बसपा ने मिल्कीपुर विधानसभा से अपना ध्यान हटा दिया है। अब यहां भाजपा और सपा का सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।

राजनीतिक जानकारों ने बताया कि बसपा के मैदान से बाहर हो जाने से मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार बढ़ गए हैं। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर पहले ही सपा सांसद अवधेश के बेटे अजित प्रसाद को मैदान में उतारा है। वह लगातार प्रचार में जुटे हुए हैं। चंद्रशेखर रावण भी अपना उम्मीदवार उतार सकते हैं। भाजपा यहां पर मकर संक्रांति के बाद अपने पत्ते खोलेगी। कांग्रेस ने पहले ही सपा को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। इस बार इस सीट की चर्चा पूरे देश में होगी। क्योंकि यह सीट अयोध्या से जुड़ी है। इसके साथ यह सीट सुरक्षित भी है।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल का कहना है कि बसपा मुखिया मायावती ने उपचुनाव के परिणाम के बाद ही ऐलान कर दिया कि बसपा उपचुनाव में भाग नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि जब सभी राजनीतिक दल चाह रहे हैं कि चुनाव बैलेट से हो, इस पर आयोग संज्ञान नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि जब बसपा इस चुनाव में भाग नहीं लेगी तो किसी को हम सपोर्ट क्यों करेंगे। बसपा मुखिया मायावती ने जो आदेश कर दिया है, उसी का पालन होगा।

राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि मिल्कीपुर सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह अयोध्या से जुड़ी है। यहां के विधायक अवधेश प्रसाद ने 2024 में जीत हासिल करके सपा के नए पोस्टर बनकर उभरे थे। बसपा को यहां ज्यादा सफलता नहीं मिली है। इस सीट पर सपा का होल्ड भी है। क्योंकि वह 2012 और 2022 में यहां से चुनाव जीत चुकी है। सुरक्षित होने के कारण बसपा के कुछ वोटर जरूर हो सकते हैं पर उसकी यह सीट कभी रही नहीं है। अब इस सीट पर सपा और भाजपा का मुकाबला सीधा होगा।

लोकसभा चुनाव 2024 में सपा के अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद सीट खाली हुई हैं।

अगर राजनीतिक दलों के आंकड़ों के अनुसार मिल्कीपुर का जातीय समीकरण देखा जाए तो यहां सवा लाख दलित हैं। इनमें से पासी बिरादरी 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादव मतदाता हैं। ब्राह्मणों की संख्या 60 हजार, क्षत्रियों की 25 हजार और वैश्य समुदाय के 20 हजार हैं।

ज्ञात हो कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट से सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2024 में पार्टी ने उन्हें अयोध्या संसदीय सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया। इसमें भी अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की। इसके बाद मिल्कीपुर सीट से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इससे यह सीट खाली हो गई थी। अब इस पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है।

(With inputs from IANS)

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