उत्तराखंडः धारचूला में 85 मुस्लिम व्यापारियों का किया बायकाट, प्रशासन क्यों नहीं कर रहा मदद ?

महिला किसान मंच आया मदद को आगे, मुख्यमंत्री को देंगे ज्ञापन।
महिला किसान अधिकार मंच कार्यकर्ता हीरा.
महिला किसान अधिकार मंच कार्यकर्ता हीरा.
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धारचूला। "उत्तराखंड में कितने नाबालिक बच्चों का अपहरण होता है। उन आरोपियों के खिलाफ ढंग से कार्रवाई नहीं की जाती है। मुसलमानों को टारगेट करने के चक्कर में यह सब हो रहा है। सब मिलकर अभियान भी चला रहे हैं कि आप इन लोगों को किराए पर घर और दुकान नहीं दो।" यह कहना है धारचूला की स्थानीय निवासी व महिला किसान अधिकार मंच कार्यकर्ता हीरा का। हीरा अल्पसंख्यकों के खिलाफ संगठित हिंसा को लेकर मुखर है और जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन भी देने वाली है।

उत्तराखंड में आए दिन मुस्लिम-हिंदू के मतभेद की खबरें आती रहती हैं। इसीक्रम में पिथौरागढ़ के धारचूला कस्बे में दूसरे राज्य से आए अधिकांश मुस्लिम और कुछ हिंदू दुकानदारों को इस समय विरोध और दबाव का सामना करना पड़ रहा है। यहां दो दशक से मुस्लिम और कुछ हिंदू अपनी दुकान चला रहे हैं। यह उत्तर प्रदेश से आए हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धारचूला व्यापार संघ ने 91 व्यापारियों, जिनमें 85 मुस्लिम हैं। उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। व्यापार संघ ने उन्हें अपनी दुकानें खोलने से रोक दिया है। तीन दिनों से उनकी दुकानें बंद हैं। व्यापार संघ ने मकान मालिकों से ऐसे बाहरी लोगों को धारचूला से बाहर करने को भी कहा है। जिला पिथौरागढ़ प्रशासन का दावा है कि किसी भी मकान मालिक या दुकान मालिक ने व्यापारी संगठन के आह्वान का समर्थन नहीं किया है।

हीरा प्रशासन के दावों का खण्डन करती है। द मूकनायक को हीरा ने बताया- "उत्तराखंड में आए दिन साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें सिर्फ मुस्लिम ही प्रभावित हो रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले हल्द्वानी का मामला, उसमें कितने लोग मारे गए और घायल भी हुए थे। अभी भी वहां डर का माहौल है। धारचूला में भी यही हो रहा है। अगर ऐसा नहीं है तो प्रशासन ने व्यापार संघ के लोगों के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की है?" उल्लेखनीय है धारचूला में पिछले कई दिनों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस ने व्यापार संघ के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।

बाहरी व्यापारियों के खिलाफ तनाव कैसे ?

इसकी शुरुआत इस साल 1 फरवरी 2024 को सामने आई एक घटना से हुई। धारचूला की दो नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर यूपी के बरेली ले जाने का मामला सामने आया था। स्थानीय लोग सड़कों पर उतर गए। नाबालिग लड़कियों को बचाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। पुलिस ने 4 फरवरी 2024 को बरेली से दोनों लड़कियों को रेस्क्यू किया। मामले में धारचूला आकर व्यापार करने वाले बरेली के दो मुस्लिम व्यापारियों को गिरफ्तार किया।

6 नामित और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिथौरागढ के सर्कल अधिकारी परवेज अली ने कहा कि क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ अब तक चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। नई एफआईआर 16 मार्च को आईपीसी की धारा 295ए के तहत छह नामित और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि इलाके में तनाव उस वक्त बढ़ गया था जब बरेली के दो व्यापारी यहां की दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसला कर ले गए थे। हालांकि बाद में लड़कियों को दस्तयाब कर लिया गया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की है। बरेली के उन दो व्यापारियों पर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) 376 (यौन उत्पीड़न) 354 (महिला की गरिमा) को ठेस पहुंचाने के लिए आपराधिक बल का उपयोग और अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।

पुरोला में भी यही हुआ

उत्तरकाशी जिले के पुरोला में इसी तरह की स्थिति हुई थी, जिसके कारण पिछले साल जून में कस्बे में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई थी। क्योंकि एक मुस्लिम सहित दो लोगों पर एक नाबालिग लड़की के अपहरण के प्रयास का आरोप लगा था। इससे वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। कुछ असामाजिक तत्वों ने पुरोला में ऐसे पोस्टर चिपका दिए जिसमें चेतावनी दी गई थी कि मुस्लिम व्यापारी 15 जून तक दुकानें खाली कर दें।

टीओआई की रिपोर्ट में उस समय कहा गया था कि मई 2023 से 30 से अधिक दुकानें बंद रहीं। हालांकि पुलिस ने कुछ पोस्टरों को हटा दिया था। मुस्लिम दुकानदारों ने आरोप लगाया था कि उत्तरकाशी में उन्हें डराया जा रहा है। रिपोर्ट में मुस्लिम परिवारों के हवाले से कहा गया था कि दशकों से बसे परिवारों को बाहरी कहकर निशाना बनाया गया था।

द मूकनायक ने धारचूला के कुछ स्थानीय निवासी और व्यापारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने प्रकरण में प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

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