उत्तर प्रदेश: मदरसों की आड़ में प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे 3.5 लाख अल्पसंख्यक छात्रों का वजीफा रोका!

उत्तर प्रदेश: मदरसों की आड़ में प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे 3.5 लाख अल्पसंख्यक छात्रों का वजीफा रोका!

अभी तक मदरसों में 1 से 5 तक के बच्चों को 1000 रुपए छात्रवृत्ति मिलती थी. वहीं, 6 से 8 तक के बच्चों को अलग-अलग कोर्स के हिसाब से छात्रवृत्ति मिलती थी।

लखनऊ। यूपी सरकार पर मदरसों की आड़ में 3.5 लाख अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति रोकने का आरोप है। इन अल्पसंख्यक छात्रों में मुस्लिम, अनुसूचित जाति एवं जनजाति सहित अन्य पिछड़े वर्गों के छात्र सम्मिलित हैं। यूपी के बेसिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री सुशील सिन्हा ने अमान्य मदरसों की आड़ में स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के लाखों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बंद किये जाने के सरकार को निर्णय को अन्याय करार देते हुए लखनऊ के प्रेस क्लब में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना बंद करने के पीछे का आरटीई का तर्क भी पूरी तरह से निराधार है। सच्चाई ये है कि आरटीई योजना की सहयोग राशि का कई वर्षों से भुगतान न होने से 1200 करोड़ रूपए बकाया हो चुका है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के लखनऊ के कैसरबाग स्थित लखनऊ प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुये संगठन मंत्री सुशील सिन्हा ने बताया, "वर्षों से संचालित योजना संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर संविधान को अमर्यादित करते हुये नौनिहालों के मुंह से निवाला छीन लिया गया।" इस संबन्ध में तर्क दिया गया है कि इन बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत मिड डे मील, मुफ्त पुस्तक, परिधान आदि सुविधाएं दी जाती है इसलिए छात्रवृत्ति बंद की जा रही है।

संगठन मंत्री ने सरकार के इस दावे को झूठ करार देते हुये कहा "सच्चाई यह है कि अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश में चयनित तथा विद्यालयों को निशुल्क पढ़ाने के लिये आवंटित करीब 350000 विद्यार्थियों को सहयोग राशि तथा उन्हें निशुल्क शिक्षा दे रहे विद्यालयों को बीते कई सालों का बकाया क्षतिपूर्ति की धनराशि 2100 करोड़ रूपए भुगतान नही हो पा रहा है।"

आगे वह पूरी जानकारी देते हुए कहते हैं, "अधिकारियों ने फर्जी आंकड़े देकर सरकार से अन्याय करा दिया, जिन बच्चों को सहारे की जरुरत है उनके अधिकार की योजना का बंद करा दिया जो निंदनीय है।"

आंदोलन की चेतावनी भी दी

प्रेस वार्ता के दौरान संगठन मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है, "यदि इन 3.5 लाख छात्रों को समय पर वजीफा नहीं दिया गया तो हमारा संगठन आंदोलन करेगा। इसके लिए हम दिल्ली भी जाएंगे।"

प्रधानमंत्री से वजीफा देने का अनुरोध

संगठन मंत्री ने प्रधानमंत्री से वर्तमान सत्र में छात्रों के आवेदनों का भुगतान करने और भविष्य में योजना के संबन्ध में फैसला लेने में संगठन से वार्ता करने का अनुरोध किया। इस मौके पर जयकरन यादव, अशोक सिंह, राम मिलन, मोहम्मद रईस, मोहम्मद आफताब, मोहम्मद रऊफ, संतूलाल गौतम, मोहम्मद कफील, प्रमोद कुमार आदि मौजूद रहे।

सरकार ने मदरसों का कराया था सर्वे

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हाल ही में मदरसों के सर्वे कराए थे। इसमें 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। सर्वे के दौरान इन मदरसों के आय का स्रोत जकात (दान) बताया गया है। ऐसे में अब यूपी सरकार मदरसों के आय के स्रोत की जांच करवाने की तैयारी कर रही है।

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