UP: मुस्लिम डॉक्टर को फ्लैट बेचने के विरोध में मुरादाबाद हाउसिंग सोसायटी में विरोध प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में मुस्लिम डॉक्टर को मकान बेचे जाने पर सोसायटी में प्रदर्शन.
मकान बेचे जाने का विरोध करते प्रदर्शनकारी
मकान बेचे जाने का विरोध करते प्रदर्शनकारीफोटो साभार- @YouthAgnstHate
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उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद जिले में गुरुवार को एक पॉश सोसायटी में मकान बेचने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। टीडीआई सिटी सोसायटी के निवासियों ने उस मकान को मुस्लिम डॉक्टर को बेचे जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘डॉ. अशोक बजाज, अपना मकान वापस लो’ के नारे भी लगाए। मामले से जुड़ी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

मकान बेचने पर क्यों हुआ विरोध?

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मकान के पूर्व मालिक डॉ. अशोक बजाज ने यह संपत्ति डॉ. इक़रा चौधरी को बेची है। लेकिन सोसायटी के लोगों ने इसे स्वीकार नहीं किया और इसे सोसायटी के "जनसांख्यिकीय ढांचे" को बदलने की संभावना बताते हुए विरोध किया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "यह हिंदू सोसायटी है, जहां 400 से अधिक हिंदू परिवार रहते हैं। हम नहीं चाहते कि अन्य समुदायों के लोग यहां आकर बसें।"

सोसायटी के चेयरमैन अमित वर्मा ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा, "अगर दूसरे समुदाय यहां बसने लगेंगे तो इससे जनसांख्यिकीय बदलाव होगा, और हो सकता है हिंदू परिवार यहां से जाने लगें।"

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिला अधिकारी अनुज कुमार सिंह ने बताया कि सोसायटी के सदस्यों ने मकान बेचने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, "हम संबंधित पक्षों से बात कर रहे हैं और समस्या का सर्वसम्मत, सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।"

हालांकि, इस मामले पर अभी तक मकान के विक्रेता डॉ. अशोक बजाज और खरीदार डॉ. इक़रा चौधरी के बयान सामने नहीं आए हैं।

प्रदेश में बढ़ती साम्प्रदायिक घटनाएं

यह घटना उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई एक और साम्प्रदायिक विवाद के बाद सामने आई है। 24 नवंबर को एक मुगलकालीन मस्जिद की पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा जांच के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। यह सर्वे स्थानीय अदालत में दायर याचिका के आधार पर किया जा रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद को हरिहर मंदिर की जमीन पर बनाया गया है।

इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, और कई पुलिसकर्मी व स्थानीय लोग घायल हुए थे।

मुरादाबाद की यह घटना प्रदेश में बढ़ते साम्प्रदायिक तनावों की ओर इशारा करती है, जो संपत्ति के अधिकार, धार्मिक सह-अस्तित्व और सामाजिक सद्भाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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