नासिर-जुनैद हत्याकांड: 15 दिन में नहीं हुई हत्यारोपियों की गिरफ्तारी, पुलिस पर वादा खिलाफी का आरोप

गिरफ्तारी की मांग करने वाले जाबिर को ही पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार। पुलिस पर जानलेवा हमले के आरोप में जाबिर सहित 8 नामजद, संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज।
नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में न्याय के लिए धरने पर बैठे पीड़ित परिजन
नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में न्याय के लिए धरने पर बैठे पीड़ित परिजनफ़ाइल फोटो

जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका निवासी नासिर-जुनैद की हत्या के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हाफिज जाबिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के साथ ही हाफिज जाबिर और परिवार के आधा दर्जन से अधिक महिला पुरुष सदस्यों को नामजद करते हुए 30 से 40 अन्य के खिलाफ पुलिस पर जानलेवा हमला करने, राज्य कार्य में बाधा डालने और सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा भरतपुर के पहाड़ी पुलिस थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।

नासिर-जुनैद के हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं कर इस मामले में नासिर-जुनैद की हत्या के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पीड़ित परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के इस कदम की कड़ी निंदा हो रही है।

खास बात यह है कि भरतपुर पुलिस इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बचती नजर आ रही है। पहाड़ी थाने में दर्ज एफआईआर में जिन पुलिस अधिकारियों के वाहनों में तोड़-फोड़ की बात कही गई है। अब वह अधिकारी भी मीडिया से बात करने से गुरेज कर रहे हैं।

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इसलिए किया गिरफ्तार

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार पुलिस का कहना है कि घाटमिका गांव में जाबिर नाम के व्यक्ति के पुनः मोबाइल टावर पर चढ़ने की सूचना मिली थी। इस संबंध में उसने फेसबुक अकाउंट पर भी एक वीडियो अपलोड कर टावर पर चढ़ने की बात कही थी। उसे टावर पर चढ़ने से रोकने के लिए पहाड़ी थानाधिकारी शिवलहरी सहित पुलिस जाब्ता मौके पर गया था। समझाइश के बाद भी टावर पर चढ़ने जी जिद करने लगा तो कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस ने जाबिर को गिरफ्तार कर लिया।

एसएचओ पर पत्थर से जानलेवा हमला करने का लगाया आरोप

पहाड़ी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में जाबिर पर पहाड़ी थानाधिकारी शिवलहरी पर पत्थर से जानलेवा हमला करने का आरोप भी लगाया गया है। साथ ही यह भी लिखा गया कि एसएचओ साइड में होने से बच गया?

इसके अलावा एफआईआर के अनुसार पुलिस का आरोप है कि जब जाबिर को गिरफ्तार कर थाने ले जाने लगे तो उसने आवाज देकर परिवार जनों को बुला लिया। इन्होंने मिलकर पुलिस पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। हमले में पहाड़ी थाने के जीप के पुलिस चालक, एक एएसआई व अन्य पुलिसकर्मियों के चोट आई है। पुलिस ने एफआईआर में आरोप लगाया कि पुलिस वाहनों में भी तोड़ फोड़ की गई। इन आरोपो के साथ पुलिस ने हाफिक जाबिर सहित 8 महिला पुरूषों को नामजद करते हुए 30 से 40 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 332, 336, 353, 307 और 3 पीडीपीपी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

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उधर इस पूरे प्रकरण को मनगढ़ंत बताते हुए गांव के लोगों ने पुलिस पर घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाने के आरोप लगाए हैं। पुलिस के हमले में कई महिलाओं और बच्चों के चोट आने की बात भी कही जा रही है, लेकिन कहीं से भी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी।

नासिर-जुनैद के न्याय की मांग को लेकर घटना के समय से आंदोलन कर रहे जाबिर ने गिरफ्तारी से पूर्व सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर राजस्थान की कांग्रेस सरकार में शामिल एक स्थानीय महिला नेता और उसके पति पर पुलिस पर दबाव बनाकर उसे प्रताड़ित करवाने के गम्भीर आरोप भी लगाए थे। साथ ही पुलिस पर भी वर्दी के दुरुपयोग करने के आरोप लगाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुनः टावर पर चढ़ने की बात कही थी।

वीडियो में जाबिर ने कहा कि एक पखवाड़े पूर्व भी वह नासिर-जुनैद की हत्या के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी मांग को लेकर घाटमिका गांव के टावर पर चढ़ा था। 24 घण्टे बाद पुलिस ने 15 दिन में हत्यारोपियों की गिरफ्तारी करने व उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने के वादे के साथ उसे नीचे उतारा था। पुलिस ने वादा खिलाफी कर पूर्व में भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। 15 दिन हो गए आरोपियों को भी गिरफ्तार नहीं किया। इस लिए वह टावर पर फिर से चढ़ेगा।

दूसरे गांव में रह रहे बच्चों को डराने धमकाने का आरोप

जाबिर ने अपनी गिरफ्तारी से पूर्व जारी किए वीडियो में आरोप लगाया था कि वह घाटमिका गांव में है। उसके बच्चे पत्नी के साथ दूसरे गांव में रह रहे है। एक राजनेता के दबाव में मेरी आवाज दबाने के लिए पुलिस ने रात में मेरे बच्चों के पास जाकर उन्हें डराया धमकाया। जाबिर ने वीडियो में कहा कि मेरी पत्नी के फोन से पुलिस ने मुझे फोन किया।

वीडियो सामने आने के बाद से पुलिस ने घाटमिका गांव में अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया था। अब घटमिका में दहशत का माहौल है।

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मेवात इलाके के स्थानीय युवक इनामुल हक ने कहा कि क्या आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग मरना गुनाह है। आरोप लगाया कि पुलिस नासिर और जुनैद की हत्या के आरोपियों गिरफ्तार नहीं कर पीड़ित परिवार को परेशान कर रही है। यह सब जानते हैं।

मोहब्बत की दुकान में यह कैसी तानाशाही!

अगेंस्ट हेट इंडिया के रष्ट्रीय कन्वीनर डॉ. मेराज हुसैन ने नासिर-जुनैद मामले में पीड़ित परिवार के साथ राजस्थान के पुलिस रवैये की निंदा करते हुए तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा एक तरफ राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान खोलने की बात करते हैं। दूसरी तरफ उनकी सरकार तानाशाही कर रही है।

डॉ. मेराज हुसैन ने द मूकनायक से बात करते हुए आगे कहा कि जब किसी के परिवार से कोई जाता है तो, सरकार का काम मरहम लगाना होता है। यहां नासिर-जुनैद प्रकरण में सरकार पीड़ित परिवार को मरहम नहीं लगा कर उनके जख्मों को कुरेदने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा नासिर-जुनैद एक ऐसा कांड है जिसने पूरे समाज को झंकझोर कर रख दिया था। इससे राजस्थान के अल्पसंख्यक और दबे कुचले लोग आहत हुए हैं। राजस्थान की सरकार जो अब कर रही है वो तानाशाही है। हमें उम्मीद थी कि राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान खोलने की बात करते हैं। वो तानाशाही के खिलाफ जाने की बात करते हैं। वह कहते हैं, कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष है और हम सब को साथ लेकर चलने वाले लोग हैं।

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उन्होंने राजस्थान सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि "घाटमिका में आप जिस तरह पीड़ित परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। वहां आपकी सत्ता में शामिल लोग ही पीड़ितों को प्रताड़ित करने में इन्वॉल्व है, जैसा कि जाबिर ने वीडियो में खुला नाम लेकर कहा कि मुझे परेशान किया जा रहा है। इसके बाद इतनी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करना यह तानाशाही रवैया है और बिल्कुल भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है।"

उन्होंने कहा "जिस तरीके से इस मामले में सरकार काम कर रही इसकी घोर निंदा करता हूं और में यह भी कहता हूं कि इस तरीके के रवैये के बाद राजस्थान में गहलोत सरकार का दोबारा आना बहुत मुश्किल है।"

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