नासिर-जुनैद हत्याकांड: उत्तराखण्ड के जंगलों से मुख्य आरोपी मोनू राणा और सहयोगी गोगी हुआ गिरफ्तार, 10 दिनों की रिमांड पर

आईजी भरतपुर का खुलासा- मारपीट में गम्भीर घायल हो चुके नासिर -जुनैद को आरोपी पहले हरियाणा पुलिस के पास ले गए थे। पुलिस ने पीड़ितों की गम्भीर हालत देख किया कार्रवाई से इंकार। नाम खुलने के भय से हत्या कर शवों को गाड़ी में जलाया। पूछताछ में बजरंगदल, हरियाणा गौ-रक्षा दल से जुड़े लोगों के नाम आए।
नासिर-जुनैद हत्याकांड के गिरफ्तार आरोपी
नासिर-जुनैद हत्याकांड के गिरफ्तार आरोपी

जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित भरतपुर घटमिका निवासी नासिर-जुनैद हत्याकांड के दो महीने बाद बड़ी खबर सामने आई है। भरतपुर पुलिस ने हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी मोनू और उसके साथी गोगी को गिरफ़्तार किया है। गोगी शुरू से आखिर तक घटना में मोनू का सहयोगी रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय ने 10 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। 

ज्ञात रहे कि गिरफ्तार आरोपी एफआईआर में नामजद मोनू मानेसर नहीं है बल्कि पुलिस जांच में घटना में संलिप्त पाया गया मोनू राणा है। मोनू राणा और गोगी को पुलिस ने उत्तराखण्ड के सुनसान जंगलों से गिरफ्तार किया है। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस आरोपियों से घटना के सम्बंध में विस्तृत पूछताछ करेगी। इस मामले मोनू राणा सहित अब तक तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस में गिरफ्तारी को लेकर खुलासा किया। 

हत्याकांड के संदिग्धों की सूची में शामिल है मोनू मानेसर

नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर की भूमिका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में आईजी भरतपुर ने कहा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि एफआईआर में मोनू मानेसर का नाम था। घटना क्रम में शामिल संदिग्धों की सूची में अभी उसका ( मोनू मानेसर ) नाम शामिल है। आईजी ने आगे कहा कि मोनू राणा व गोगी की अभी गिरफ्तारी हुई है। विस्तृत पूछताछ भी नहीं की है। ऐसे में पूछताछ के बाद ही मोनू मानेसर की भूमिका को लेकर कुछ कह सकते हैं कि हत्याकांड में उसकी क्या भूमिका रही है। फिलहाल इस वक्त जिसे गिरफ्तार किया गया है वह मोनू राणा है। ना कि मोनू मानेसर।  

यह बोले आईजी भरतपुर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि भरतपुर जिले में 15 फरवरी को अर्ली मॉर्निंग (भोर में) दो युवकों का अपहरण हुआ था जिनके नाम नासिर और जुनैद थे, जो पहाड़ी थाना क्षेत्र के घटमिका गांव के रहने वाले थे। 

16 फरवरी की सुबह उनकी बॉडीज और उनका बोलेरो वाहन हरियाणा के भिवानी जिले में जली हुई हालत में मिले थे। इस सम्बन्ध में भरतपुर के गोपालगढ़ थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ। घटना के तुरंत बाद एफआईआर में पीड़ितों के परिजनों ने जो पांच नाम लिखवाए थे उनमें से एक आरोपी रिंकू सैनी को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। रिंकू सैनी से पूछताछ एवं अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर इस प्रकरण की तफ्तीश में पुलिस आगे बढ़ी।  

नासिर-जुनैद हत्याकांड के गिरफ्तार आरोपी
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उन्होंने कहा कि पुलिस ने खोजबीन के दौरान प्रारम्भिक तौर पर 8 मुख्य आरोपियों को चिन्हित किया। इन 8 लोगों में से कुछ के नाम एफआईआर में शामिल थे। कुछ लोगों के नामों का रिंकू सैनी ने पूछताछ में खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि विश्वसनीय सूत्र व तकनीकी सबूतों के आधार पर चिन्हित सभी आरोपियों की इस हत्याकांड में अपहरण, मारपीट, हत्या, और उसके बाद वाहन और शवों को जलाने में, इस पूरे घटनाक्रम में शुरू से लेकर आखिर तक या इस घटना में अलग-अलग घटनाक्रम थे उनमें शामिल होने की पुष्टि हुई है। 

पुष्टि के बाद फोटो सहित नाम जारी, इनाम भी किया था घोषित

नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल 8 लोगों की पुष्टि के बाद भरतपुर पुलिस ने इनके नाम फोटो सहित रिलीज किए। शुरू में एसपी भरतपुर द्वारा सभी मुल्जिमों पर पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया, जिसे बाद में बढ़ाकर आईजी ऑफिस भरतपुर द्वारा प्रत्येक मुलजिम पर 10 - 10 हजार रुपये इनाम किया गया। यह सभी आरोपी हरियाणा के विभिन्न जिलों के रहने वाले थे। 

दो महीने तक देश के विभिन्न राज्यों में करते रहे पीछा

चिन्हित सभी 8 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भरतपुर पुलिस बिना थके, बिना रुके निरन्तर दो महीनों तक देश के विभिन्न राज्यों में पीछा करती रही। अलग-अलग टीमों ने देश के अलग-अलग राज्यों में पीछा किया। उनमें से दो मुख्य आरोपी मोनू राणा और गोगी जो दोनों ही भिवानी के रहने वाले हैं। उनको गिरफ्तार करने ने भरतपुर पुलिस की टीमो को सफलता मिली है। 

आईजी ने आगे बताया कि भरतपुर पुलिस की 5 टीमें हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही थी। इनके घर, दोस्त, रिश्तेदार, नातेदार के ठिकाने थे। जिन संगठनों से यह जुड़े हुए थे उनके जो भी कार्यालय या गौशाला वगैरह थी उन सभी स्थानों पर पुलिस का लगातार सर्च ऑपरेशन व दबिशें जारी थी । लेकिन वह हर जगह से फरार मिले। पुलिस ने कहा कि अभी तक कि पूछताछ में इन्होंने किसी रिश्तेदार से उजागर रूप से किसी प्रकार से टेलीफोनिक या अन्य प्रकार से सम्पर्क भी नहीं किया। ऐसी स्थिति में इंटेलिजेंस कनेक्शन के समस्त सोर्सेज को एक्टिवेट करके इनके बारे में जानकारी जुटाई गई। कम से कम पांच अलग-अलग स्टेटस में इनके मूवमेंट की हमें जानकारी मिली। छोटी से छोटी सूचना को एकत्रित कर उसे फॉलो किया। भरतपुर पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए हरियाणा के अलावा दिल्ली एनसीआर, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, इन सब स्थानों पर दबिश दी। उत्तराखण्ड में कई बार पुलिस की टीमें गई। तब जाकर दोनों को पुलिस ने उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के एक पहाड़ी क्षेत्र में सुनसान जगह जहां यह छिपे थे, वहां से दस्तयाब किया।

10 दिन का रिमांड मिला

मोनू राणा और गोगी इन दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद इन से आगे पूछताछ करने के लिए इनके अन्य साथियों के बारे में जानकारी, सारे घटनाक्रम की सीक्वेंस को एस्टेब्लिश के लिए, विभिन्न सबूतों की रिकवरी, इनके शेष साथियों को जो अभी भी फरार है, वह कहां छिपे हो सकते हैं उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इनका पुलिस रिमांड लिया गया है। इन दोनों गिरफ्तार आरोपियों का 10 दिन का पुलिस रिमांड मिला है। रिमांड अवधि के दौरान विस्तार पूर्वक इनसे पूछताछ की जाएगी। 

आईजी ने कहा कि अब तक पूर्व में गिरफ्तार रिंकू सैनी ने जो बताया, जो सबूत पुलिस ने अपने स्तर पर जुटाए उसका सत्यापन भी इनसे किया जाएगा। 

बजरंग दल व हरियाणा गौ-रक्षा जुड़े लोगों के नाम आए सामने

मोनू राणा व गोगी की गिरफ्तारी के बाद प्रारम्भिक पूछताछ में नासिर-जुनैद हत्याकांड में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ ही हरियाणा गौरक्षा दल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य पदधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। आईजी भरतपुर गौरव श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा किया है। 

उन्होंने कहा कि नासिर-जुनैद को लेकर आरम्भ में एफआईआर के अंदर जो तथ्य लिखा गया था कि आरोपी बजरंग दल के सदस्य हैं। निश्चित रूप से एफआईआर में नामजद कुछ व्यक्ति बजरंग दल के सदस्य हैं। अनुसन्धान में यह बात सामने आई है। आईजी ने कहा कि जब अनुसन्धान में आगे बढ़ा तब पुलिस ने पाया कि भरतपुर से लगते हुए नूह मेवात जिला है इस क्षेत्र में संगठन सक्रिय हैं। उनके अलावा इस नासिर-जुनैद हत्याकांड में वेस्टर्न हरियाणा के जींद, भिवानी, करनाल, कैथल, उत्तर हरियाणा के पानीपथ क्षेत्र में जो कुछ संगठन सक्रिय हैं। मुख्य रूप से इनमें हरियाणा गौरक्षा दल का नाम आया है। उसके कुछ सदस्यों का इस घटना में वहां से यहां आकर इस घटना में संलिप्त होना पाया गया है। 

उन्होंने कहा उस क्षेत्र में जहां भरतपुर पुलिस की इतनी घुसपैठ नहीं थी। वहां पर धीरे-धीरे सोर्सेज डवलप किये गए। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आगे बढ़े। अनुसन्धान के दौरान कई ऐसे लोगों के नाम हमारे सामने आए जिसमें हरियाणा गौ-रक्षा दल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, अन्य कार्यकर्ता, पदाधिकारी और विभिन्न अन्य लोग जिनमें इनके रिश्तेदार, फ्रेंड्स व रिलेटिव भी हैं। जिनका कहीं न कहीं हमें संलिप्तता, सपोर्ट, अनुसन्धान में पाया गया और इसी बेस पर उन लोगों को अनुसन्धान में शामिल होने के नोटिस जारी किए गए थे। उन लोगों से अभी पूछताछ किया जाना बाकी है।

आईजी ने कहा कि हम उनसे पूछताछ कर पाते या वो पूछताछ के लिए हमारे पास उपलब्ध होते, इससे पहले हमारे पास घटना में शुरू से लेकर आखिर तक शामिल रहे दो मुख्य आरोपी मोनू राणा और गोगी गिरफ्तार हो गए। काफी हद तक जो खुलासा इनसे डायरेक्टली होता वो अब डायरेक्ट इनकी पूछताछ से हो पायेगा।

जल्द होगा और नामों का खुलासा

आईजी ने कहा कि पहले कुछ नाम जो हमारे लिए सन्देह के घेरे में थे अब वह नाम साफ हो चुके है। कन्फर्मेशन के बाद जल्द ही उन नामों का भी खुलासा कर दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि वो नाम पहले हमारे पास नहीं थे। लेकिन यह आरोपी जो उस क्षेत्र से यहां पर आए इनमे भी दो टीमें थीं। एक टीम जिंद और भिवानी से यहां पर आई थी। दूसरी टीम करनाल साइड से दूसरे वाहन में यहां पर आई थी। अभी तक इन से जो बात हुई उनमें यह भी पता लगा कि यह जो घटनाक्रम था वह 14 फरवरी की रात व 15 फरवरी की अर्ली मॉर्निंग की है। 13 फरवरी की रात को भी इन्होंने अलवर, नूह के बॉर्डर पर नाकाबंदी कीऔर वहां भी प्रयास किया गाड़ी वगैरह लूटने का, लेकिन कोई भी गाड़ी का मूवमेंट नहीं हुआ। 14 की रात व 15 की सुबह यह दोनों टीमें हरियाणा के उस क्षेत्र से आई थी। उसके साथ साथ मेवात नूह की भी एक टीम साथ मे जुड़ी उस रात को तीन टीमें हो गई। 

अन सुलझे सवालों के मिलेंगे जवाब

आईजी ने नासिर-जुनैद हत्याकांड से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जिनका उत्तर अभी तक पुलिस को नहीं मिल पा रहा था। कुछ अनसुलझे पहलु, कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम जिन पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही थी जैसे की यह वारदात में शामिल थे या नहीं थे। मौके पर उपस्थित थे या नहीं थे। किसी भी रूप में इससे जुड़े हुए थे या नहीं थे। उससे भी और अधिक स्पष्टता इनसे पूछताछ के आधार पर हो पाएगी। 

फरारी में मदद करने वालों के बारे में भी कर रहे पूछताछ

गिरफ्तार आरोपी मोनू राणा व गोगी की फरारी के दौरान मदद करने वालों के नाम भी पुलिस के सामने है। आईजी ने कहा फरारी में किस-किस ने मदद की, आरोपी कहां-कहां, कितने-कितने समय रहे। इस दौरान किसने इनकी छिपने में पैसे देकर या अन्य किसी प्रकार से कोई मदद की, यह अभी इंट्रोगेशन का विषय है। 

पुलिस ने कहा प्रारम्भिक पूछताछ में कुछ नाम सामने आए हैं, परन्तु बिना उसकी तस्दीक किए कुछ कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस ने कुछ जगहों पर पहले दबिश दी। उसका सत्यापन इनकी प्रारम्भिक पूछताछ से हो रहा है। जिन स्टेट के नाम बताए वहां पर थोड़े बहुत समय के लिए जाने की बात इन्होंने स्वीकार की है। इसकी पुष्टि मौके के सत्यापन के आधार पर हो पाएगी।  

आरोपियों ने माना कि फरारी के दौरान यह लोग लगातार ही भागते रहे हैं। छोटा मोटा खर्चा कई लोगों से इनको मिलता रहा है। वो खर्चा समाप्त होता, तो फिर से किसी नए व्यक्ति से मदद मांग करके कोई नया ठिकाना इन्होंने तलाश किया। 

मारपीट में जुनैद की मौत के बाद भिवानी में नासिर का गला घोंटा, फिर जलाया

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी मोनू राणा व गोगी ने प्रारम्भिक पूछताछ में स्वीकार किया है कि मारपीट में जुनैद की मृत्यु पहले हो गई थी। नासिर की हत्या इन्होंने भिवानी में जिस जगह वाहन के साथ जलाया वहां गाड़ी में ही गला घोंट कर की थी। दोनों की हत्या के बाद गाड़ी के अंदर ही दोनों के शरीर पर पेट्रोल डाल कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से वाहन को व शवों को आग लगा दी। 

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने बताया कि दोनों की पहचान होने पर प्रकरण हरियाणा में दर्ज होने की उम्मीद थी ताकि राजस्थान पुलिस इनका पीछा नहीं कर पायेगी।

जबकि घटना को लेकर पीड़ित पक्ष गोपालगढ़ थाने में पहले ही एफआईआर दे चुका था। तत्परता से उसका मुकदमा दर्ज कर पहले रिंकू सेनी और अब मोनू राणा व गोगी की गिरफ्तारी से हत्याकांड में जल्द बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है। 

आरोपियों ने माना कि इन्होंने नासिर व जुनैद  का अपहरण गौ तस्करी के शक में ही किया था, लेकिन उनसे कुछ नहीं मिला। उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट से गम्भीर घायल हो चुके नासिर और जुनैद को आरोपी हरियाणा पुलिस के पास ले जाने की बात भी स्वीकार कर रहे हैं। इन दोनों के अनुसार हरियाणा पुलिस ने नासिर और जुनैद की गम्भीर हालत को देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया था। तब इन्होंने इस डर से कि अब इनका नामों का खुलासा हो जाएगा, हत्या करने के बाद लाशों और गाड़ी को भिवानी ले जा कर जलाया। 

लगातार आरोपियों का पीछा करती रही भरतपुर पुलिस

आईजी ने कहा कि नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी लम्बे समय तक भूमिगत रहे। अपने ठिकानों से फरार रहे। भरतपुर पुलिस ने एक दिन के लिए भी इन अपराधियों का पीछा करना बंद नहीं किया। बिना थके बिना रूके तलाश जारी रही। चाहे जो भी त्योहार, अन्य अपराध, कानून व्यवस्था की ड्यूटी का मसला रहा हो। इस प्रकरण में वांछित आरोपियों की धरपकड़ के काम से किसी भी टीम के सदस्य को नहीं हटाया गया। न डायवर्ट किया गया। हर छोटी से छोटी सूचना को संकलित किया गया। आईजी ने कहा कि इस घटना में शामिल एक-एक आरोपी चाहे छोटा हो या बड़ा हो चाहे आसमान में या पाताल में हो वो जहां भी हो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। 

एक सवाल के जवाब में आईजी ने कहा हरियाणा पुलिस का हमें सहयोग मिला है। हरियाणा में जिस भी क्षेत्र में गए वहां पर जो भी ग्राउंड सपोर्ट चाहिए था वो हरियाणा पुलिस से हमें मिला।

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